ऑनलाइन गर्लफ्रेंड का लालच, 200 लोगों को ठगा:सरकारी नौकरी नहीं लगी तो बनाया गैंग, लड़कियों से दोस्ती के लिए 6 महीने की मेंबरशिप स्कीम
ऑनलाइन गर्लफ्रेंड का लालच, 200 लोगों को ठगा:सरकारी नौकरी नहीं लगी तो बनाया गैंग, लड़कियों से दोस्ती के लिए 6 महीने की मेंबरशिप स्कीम

उदयपुर : सरकारी नौकरी के एग्जाम में फेल हुए 5 युवकों ने जल्दी अमीर बनने के लिए ठगी का अनोखा प्लान बनाया। जिस तरह ओटीटी प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल करने के लिए मेंबरशिप लेनी पड़ती है। उसी तरह इन युवकों ने ऑनलाइन गर्लफ्रेंड स्कीम शुरू कर दी।
ये लोग सोशल मीडिया पर विज्ञापन डालकर युवाओं को लड़कियों से फ्रेंडशिप करवाने का झांसा देते थे। इसके लिए HELO ऐप के जरिए और इंस्टाग्राम पर यूजर्स को निशाना बनाते थे।
उन्हें अश्लील फोटो भेजकर पहले लालच देते। उन्हें मेंबरशिप लेने को कहते और जैसे ही यूजर रुपए ट्रांसफर करता, ये लोग उसे ब्लॉक कर देते थे।
डेढ़ महीने में 5 आरोपियों ने 200 लोगों से लाखों रुपए ठग लिए। बदनामी के डर से कोई भी पीड़ित सामने नहीं आता था। उदयपुर की गोवर्धन विलास थाना पुलिस ने बोगस ग्राहक बनकर इन्हें BDO कॉलोनी में किराए के मकान से पकड़ा।
आरोपी भानुप्रताप सिंह (27) निवासी आगरा, सत्यम सिंह (28) निवासी आगरा, राहुल व्यास (26) निवासी करौली, अमुल अहिरवार (24) पिता छतरपुर और मोहित (26) निवासी आगरा से पूछताछ में पूरी ठगी का खुलासा हुआ।

कॉम्पिटिशन एग्जाम में फेल हुए तो ठगी की दुनिया में आए
पुलिस के अनुसार, इन पांचों आरोपियों की मुलाकात पढ़ाई के दौरान हुई थी। ये लोग बैंक पीओ, एसएससी समेत कई सरकारी एग्जाम की तैयारी कर रहे थे। पूरे मामले के मास्टरमाइंड सत्यम सिंह ने ही इन्हें आपस में एक साथ जोड़ा।
सत्यम ने पूछताछ में बताया कि वह कई सरकारी एग्जाम दे चुका था। लेकिन, पास नहीं हुआ तो उसने ठगी करने की योजना बनाई। उसने अपने साथ भानु और राहुल को भी जोड़ा।
डेढ़ महीने पहले ही इन्होंने उदयपुर के बलीचा स्थित BDO कॉलोनी में किराए का मकान किया था। यहां से वे ठगी की वारदात को अंजाम देते थे। ये अलग-अलग फोन से पांचों चैटिंग करते और लोगों को ठगी का शिकार बनाते थे।

फर्जी स्क्रीनशॉट के जरिए भरोसा जीत लेते थे
पुलिस की अब तक की पूछताछ में सामने आया- आरोपियों ने इंस्टाग्राम और HELO ऐप पर अकाउंट बनाए। इसके बाद ये अकाउंट पर एक लिंक डालते थे। जो सीधा व्हाट्सएप चैट या इंस्टा चैट से लिंक होता था। इसमें जो भी यूजर इस लिंक पर क्लिक करता तो एक चैट बॉक्स ओपन होता था। पहले Hi का मैसेज आते ही ये सोशल मीडिया यूजर को 6 महीने की मेंबरशिप लेने को कहते थे।
यूजर को बताया जाता था कि अगर आप मेम्बरशिप लेंगे तो आपको 6 महीने तक चैट करने काे मिलेगा। इसके लिए वे यूजर को फर्जी चैट का स्क्रीनशॉट भी भेजते थे। ताकि सामने वाले को यकीन हो जाए कि वास्तव में ये कोई असली डेटिंग साइट है। इन स्क्रीनशॉट में युवक-युवतियों की चैट के स्क्रीनशॉट्स होते थे।
वहीं महिलाओं और युवतियों को भेजने के लिए भी इनके पास ऐसे ही फर्जी स्क्रीनशॉट थे। ये फ्रेंडशिप हो जाने पर पीड़ितों को कमाई लालच भी देते थे। पुलिस ने जब इन्हें पकड़ा तो इनके फोन से यूजर को भेजी जाने वाली अश्लील तस्वीरें और स्क्रीनशॉट मिले थे।

गर्ल्स को भी फांसते थे
पुलिस के अनुसार, आरोपी मेल यूजर्स ही नहीं बल्कि फीमेल यूजर्स को भी ठगते थे। आरोपियों ने इंस्टाग्राम पर डेटिंग ऐप के विज्ञापन जारी किए थे। इसमें लड़कियों को ऑनलाइन बॉयफ्रेंड व लड़कों को ऑनलाइन गर्लफ्रेंड बनाने का झांसा दिया जाता था। जैसे ही यूजर्स इनके खाते में रुपए जमा कराते ये लोग उन्हें ब्लॉक कर देते थे।
बदनामी के डर से कोई भी इनके खिलाफ शिकायत नहीं करता था। वहीं मास्टरमाइंड सत्यम ने पूछताछ में बताया कि ये लोग छोटे-छोटे अमाउंट में रुपए लेते थे ताकि ठगी होने के बाद अगर कोई शिकायत करना भी चाहे तो छोटी रकम होने के कारण नहीं कर पाए।

डेढ़ महीने में 200 से ज्यादा लोगों को बनाया शिकार
पूछताछ में सामने आया कि उदयपुर आते ही ये लोग ठगी में जुट गए थे। आरोपियों ने शिवानी के नाम से ट्रूकॉलर की आईडी बना रखी थी। वहीं रिया नाम से इंस्टाग्राम पर एक अकाउंट भी बना रखा था। पूछताछ में सामने आया कि ये लोग लड़की बनकर लड़कों से चैट करते थे। अब पुलिस आरोपियों के फोन खंगाल रही है, ताकि कितने लोगों से ठगी हुई और ठगी की रकम क्या थी इसका पता लगाया जा सके।