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Israel Palestine: इस्राइल के गठन के बाद कब-कब बने युद्ध-से हालात? जानें फिलिस्तीन से रिश्तों की कहानी


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विदेश

Israel Palestine: इस्राइल के गठन के बाद कब-कब बने युद्ध-से हालात? जानें फिलिस्तीन से रिश्तों की कहानी

Palestine Israel Conflict: हमास के हमले ने पचास साल पुराने 1973 के युद्ध की दर्दनाक यादों को ताजा कर दिया है। तब सिमचैट तोराह पर बड़ा हमला किया गया था। इसमें इस्राइल के दुश्मनों ने योम किप्पुर पर चौंकाने वाला बड़ा हमला किया था। हम आपको बताएंगे कि 14 मई 1948 इस्राइल का गठन के बाद से दोनों देशों के बीच कैसे रिश्ते रहे हैं और दोनों के बीच कब-कब युद्ध जैसी चरम स्थिति पैदा हुई...

मध्य पूर्व में इस्राइल और फिलीस्तीन के बीच एक बार फिर युद्ध जैसे हालात पैदा हो गए हैं। गाजा पट्टी में आतंकी संगठन हमास ने इस्राइल पर हमला बोला है। दावा किया जा रहा है कि फिलिस्तीन के चरमपंथी संगठन हमास ने इस्राइल पर पांच हजार से भी अधिक रॉकेट दागे हैं। इस ताजा हमले ने पचास साल पुराने 1973 के युद्ध की दर्दनाक यादों को ताजा कर दिया है। तब सिमचैट तोराह पर बड़ा हमला किया गया था। इसमें इस्राइल के दुश्मनों ने योम किप्पुर पर चौंकाने वाला बड़ा हमला किया था। हम आपको बताएंगे कि 14 मई 1948 इस्राइल का गठन के बाद से दोनों देशों के बीच कैसे रिश्ते रहे हैं और दोनों के बीच कब-कब युद्ध जैसी चरम स्थिति पैदा हुई…

When did war-like situations arise after formation of Israel? Know story of Israel Palestine relationsइस्राइल। – फोटो : सोशल मीडिया

ऐसे हुआ इस्राइल देश का उद्भव
द्वितीय विश्व युद्ध के बाद संयुक्त राष्ट्र संघ अस्तित्व में आया। वहीं दूसरी तरफ यहूदी और अरब के लोगों के बीच का मतभेद भी काफी ज्यादा बढ़ गया था। ब्रिटेन  इस मसले को हल करने में सक्षम नहीं था, इसलिए उसने यह मसला संयुक्त राष्ट्र संघ में भेज दिया। इस मसले पर संयुक्त राष्ट्र संघ में वोटिंग हुई और नतीजा निकला कि जहां यहूदियों की संख्या ज्यादा है ,उन्हें इस्राइल दिया जाएगा। वहीं जिस जगह पर अरब बहुसंख्यक हैं, उन्हें फिलिस्तीन दिया जाएगा। तीसरा था यरूशलम, इसे लेकर काफी मतभेद थे। यहां आधी आबादी यहूदी थी और आधी आबादी मुस्लिम। इसे लेकर संयुक्त राष्ट्र संघ ने अपने फैसले में कहा कि इस क्षेत्र पर अंतरराष्ट्रीय नियंत्रण लागू होगा। यूएन के फैसले के बाद 14 मई 1948 इस्राइल का उद्भव हुआ था।

1948-49 में अरब इस्राइल युद्ध
संयुक्त राष्ट्र के फैसले के फौरन बाद नवनिर्मित इस्राइल के पड़ोसी देशों (मिस्र, सीरिया, इराक और जॉर्डन) ने उस पर हमला बोल दिया। इस युद्ध में इस्राइल ने अपना बचाव करते हुए इन चारों देशों को हरा दिया। इस लड़ाई के बाद जॉर्डन के पास फिलिस्तीन के पूरे वेस्ट बैंक का नियंत्रण आ गया। वहीं, गाजा पट्टी पर मिस्र का। वहीं, थोड़ी-बहुत जगह फिलिस्तीन की बची थी, उस पर इस्राइल ने कब्जा कर लिया। इस युद्ध के कारण फिलिस्तीन का अस्तित्व ना के बराबर हो गया। युद्ध में इस्राइल ने फिलिस्तीन के पचास फीसदी हिस्सों पर कब्जा कर लिया था। इस युद्ध के वजह से लगभग सात लाख अरब फिलिस्तीनियों को बतौर शरणार्थी अपना देश छोड़ना पड़ा था।

When did war-like situations arise after formation of Israel? Know story of Israel Palestine relations
गाजा में इस्राइल का हवाई हमला – फोटो : पीटीआई
1967 में हुआ सिक्स-डे वॉर 
अरब इस्राइल युद्ध के बाद मिस्र, सीरिया और जॉर्डन ने 1967 में फिर से इस्राइल पर हमला करने की योजना बनाई। उनके इस हमले से पहले ही इस्राइल ने इन तीनों देशों पर हमला बोल दिया। हमले में तीनों देशों को काफी नुकसान पहुंचा। इस युद्ध में इस्राइल ने सीरिया से गोलन हाइट, मिस्र से गाजा पट्टी और सिनाई पेनीसुला और जॉर्डन से वेस्ट बैंक छीन लिया। बाद में कुछ अंतरराष्ट्रीय समझौतों के कारण इस्राइल को सिनाई पेनीसुला मिस्र को वापस करना पड़ा। उधर दूसरी तरफ इस्राइल के पास पूरा फिलिस्तीन कब्जे में था। इस युद्ध को सिक्स-डे वॉर के नाम से जाना जाता है।
When did war-like situations arise after formation of Israel? Know story of Israel Palestine relations
इस्राइल और फिलिस्तीन के बीच लड़ाई जारी – फोटो
ओसलो एकोर्ड समझौता 1993
इस्त्राइल का फिलिस्तीन पर पूरा नियंत्रण हो चुका था। इसके बाद फिलिस्तिनी लोगों ने वेस्ट बैंक पर बढ़ रहे इस्त्राइली सैन्यकरण, दमनकारी नीतियों के खिलाफ बोलना शुरू कर दिया। इसी कड़ी में यासिर अराफात ने एक संगठन की शुरुआत की, जिसका नाम फिलिस्तीन लिबरेशन ऑर्गनाइजेशन था। इस संगठन ने कई छुटमुट बमबारी करना, विदेशों में स्थापित इस्राइली एम्बेसी पर हमला करना जैसे कामों को अंजाम दिया। इस दौरान, इस्राइल के कई विमान हाईजैक किए गए। इस दौरान इस देश में हिंसा बढ़ने लगी थी। दोनों देशों के बीच बढ़ते तनाव को देखते हुए उनके बीच शांति स्थापित करने के लिए 1993 में ओसलो एकोर्ड समझौता हुआ।  इसमें यह निर्णय लिया गया कि फिलिस्तीन, इस्त्राइल को एक अंतरराष्ट्रीय देश के रूप में स्वीकार करेगा। वहीं, दूसरी ओर इस्राइल ने पीएलओ को फिलिस्तीनी लोगों का प्रतिनिधि माना। इस समझौते में यह भी निर्णय लिया गया कि फिलिस्तीन सरकार वेस्ट बैंक और गाजा पट्टी को लोकतांत्रिक ढंग से नियंत्रित करेगी। इस समझौते के लिए इस्राइल के यिट्ज स्टाक राबेन और फिलिस्तीन के यासिर अराफात को शांति का नोबेल पुरस्कार दिया गया था।

यह समझौता पांच साल के लिए किया गया था। इसके बाद दोबारा शांति समझौते के लिए कैम्प डेविड-II, 2000 में इस्राइल और फिलिस्तीन एक मंच पर आए। दोनों देशों के बीच इस समझौते में कोई खास सहमति नहीं बन पाई। इसके चलते यह शांति समझौता टूट गया। तब से लेकर आज तक दोनों देशों के बीच किसी मुद्दे पर सहमति नहीं बन पाई है। दोनों देशों के बीच दोबारा मतभेदों की शुरुआत तब हुई, जब कैंप डेविड समझौते के फौरन बाद इस्राइली राष्ट्रपति एहूद बराक फिलिस्तीनी सीमा में 1000 सैनिकों के साथ टेम्पल माउंट गए थे। इसका नतीजा यह हुआ कि दोबारा हिंसक झड़पें शुरु हो गईं। यह हिंसक गतिविधियां पहले के मुकाबले ज्यादा उग्र थीं। इसमें 1000 यहूदियों की जानें गई, तो वहीं 3200 फिलिस्तीनियों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा। ये घटना क्रम सन 2000 से लेकर 2005 तक चलता रहा। इसके बाद 2005 में इस्राइल ने अपनी नीतियों में कई बड़े बदलाव किए। उसने गाजा से अपने 8000 हजार सैनिकों को हटा दिया।

When did war-like situations arise after formation of Israel? Know story of Israel Palestine relations
hamas – फोटो : hamas

वह दौर जब हमास चर्चा में आया
फिलिस्तीन में हमास (वर्तमान परिप्रेक्ष्य में इसे आतंकवादी संगठन की संज्ञा दी जाती है) राजनीतिक पार्टी का गाजा में उद्भव होता है। वहीं, दूसरी ओर पीएलओ से जुड़ी पार्टी फतह, हमास को सरकार में लेने से मना कर देती है। इसके बाद 2007 में हमास का पूरी तरह गाजा पर नियंत्रण हो जाता है। इस कारण फतह को वहां से जाना पड़ता है। हमास के उत्थान से फिलिस्तीन की राजनीति में दोहरीकरण आता है। पहले केवल एक ही पार्टी (PLO) थी। फिलिस्तीन के इन दोनों पार्टियों की विचारधारा एक-दूसरे से पूरी तरह भिन्न है। इस कारण दोनों देशों के बीच के मतभेद और भी ज्यादा बढ़ गए हैं।

हमास गाजा पट्टी में दक्षिण पंथी  विचारधारात्मक पार्टी है। उग्र राष्ट्रवाद के नशे में हमास गाजा पट्टी से इस्राइल पर खतरनाक रॉकेटों से हमले करता रहता है। इस हमले में अब तक इस्राइल के कई नागरिकों की जानें चली गई हैं। इस कारण इस्राइल ने गाजा को पूरी तरह से लॉक कर रखा है। इस्राइल का कहना है कि ईरान जैसे देश गाजा में इजिप्ट के रास्ते हथियारों की सप्लाई करते हैं, ताकि हमारे देश की अखंडता को तोड़ा जा सके। इस्राइल द्वारा गाजा पट्टी ब्लॉकेड को किए जाने से गाजा के हालात दिनों-दिन खराब होते जा रहें हैं।

When did war-like situations arise after formation of Israel? Know story of Israel Palestine relationsबेंजामिन नेतन्याहू(फाइल फोटो) – फोटो : Social Media

2021-22 में भी आमने-सामने आए थे इस्राइल और हमास
इससे पहले अगस्त 2022 में दोनों देशों के बीच तीन दिन तक संघर्ष चला था। तीन दिन चले संघर्ष में कम से कम 44 लोगों की जान गई थी। मिस्र की मध्यस्थता के बाद दोनों पक्ष संघर्ष विराम को राजी हुए थे। उस वक्त इस्राइली सेना के गाजा पट्टी में स्थित एक फिलिस्तीनी कब्जे वाले इलाके में हमले के बाद संघर्ष शुरू हुआ था। उस वक्त इस्राइल ने कहा था कि यह हमला आतंकवादी संगठनों की धमकियों के जवाब में किया गया था। इस्राइल के कब्जे वाले वेस्ट बैंक में फिलिस्तीनी इस्लामिक जिहाद (पीआईजे) के एक वरिष्ठ सदस्य को गिरफ्तार करने के बाद कई दिनों तक तनाव रहा था। फिलिस्तीन के स्वास्थ्य मंत्री के मुताबिक इस संघर्ष में मारे गए 44 लोगों में 15 बच्चे थे। वहीं, 300 से ज्यादा फिलिस्तीनी लोगों के घायल होने का दावा भी स्थानीय सरकार ने किया था।

अगस्त 2022 से पहले दोनों पक्षों में मई 2021 में भी 11 दिन तक संघर्ष चला था। इस संघर्ष में 250 से ज्यादा लोगों की मौत हुई थी।

अब बात ताजा संघर्ष की
फिलिस्तीन के सशस्त्र संगठन हमास ने इस्राइल के खिलाफ ‘ऑपरेशन अल-अक्सा फ्लड’ शुरू किया है। मई 2021 में दोनों के बीच 11 दिन चले युद्ध के बाद सबसे बड़ा टकराव है। हमास का दावा है कि उसने पांच हजार से ज्यादा रॉकेट दागे हैं, वहीं इस्राइल ने इस बात की पुष्टि की है कि हमास के लड़ाके उसके कब्जे वाले इलाकों में घुस गए हैं।

इस्राइली सेना के प्रवक्ता डैनियल हगारी ने कहा है कि हमास ने जल, थल और हवाई तीनों तरह से हमले किए हैं। स्थानीय समय के मुताबिक सुबह करीब साढ़े छह बजे से हमास ने अचानक हमला शुरू किया। हमास के हमले के जवाब में इस्राइली सेना ने गाजा पट्टी में ‘ऑपरेशन आइरन शॉर्ड्स’ चलाया है। हमले की शुरुआत यहूदियों के एक पवित्र त्योहार सुकोट के बाद पड़ने वाले सिमचट टोरा के दिन हुई है। त्योहार के वक्त हुए हमले से इस्राइल और तिलमिला गया है।

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