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सीकर में मजदूर की मौत पर सड़क जाम की चेतावनी:उप जिला प्रमुख ने प्रशासन को 2 घंटे का अल्टीमेटम दिया, परिजनों के साथ धरने पर बैठे


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सीकर में मजदूर की मौत पर सड़क जाम की चेतावनी:उप जिला प्रमुख ने प्रशासन को 2 घंटे का अल्टीमेटम दिया, परिजनों के साथ धरने पर बैठे

सीकर में मजदूर की मौत पर सड़क जाम की चेतावनी:उप जिला प्रमुख ने प्रशासन को 2 घंटे का अल्टीमेटम दिया, परिजनों के साथ धरने पर बैठे

सीकर : सीकर के फतेहपुर रोड पर निर्माणाधीन बिल्डिंग में शटरिंग का काम कर रहे 32 साल के मजदूर इरफान अली की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत ने प्रशासन और ठेकेदारों की कार्य प्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए हैं। घटना के बाद मृतक के परिजन और ग्रामीण जांच की मांग को लेकर एसके हॉस्पिटल की मॉर्च्युरी के बाहर धरने पर बैठे हैं। परिजनों का आरोप है कि ठेकेदार शव को हॉस्पिटल छोड़कर फरार हो गए। पुलिस और प्रशासन अब तक मामले में कोई कार्रवाई नहीं कर पाया है।

एसके हॉस्पिटल की मॉर्च्युरी के बाहर धरना लगाकर बैठे ग्रामीण और कई संगठनों के लोग।
एसके हॉस्पिटल की मॉर्च्युरी के बाहर धरना लगाकर बैठे ग्रामीण और कई संगठनों के लोग।

घटना के दूसरे दिन भी परिजनों और ग्रामीणों का गुस्सा ठंडा नहीं हुआ। सीकर उप जिला प्रमुख ताराचंद धायल, एसएफआई के प्रदेशाध्यक्ष विजेंद्र ढाका सहित सैकडों की संख्या में लोग मॉर्च्युरी के बाहर नारेबाजी कर रहे हैं। ताराचंद धायल ने कहा- जब तक मौत के कारणों का पता नहीं चलता और दोषियों पर कार्रवाई नहीं होती, हम धरना जारी रखेंगे। उन्होंने प्रशासन को 2 घंटे की चेतावनी दी है कि अगर आरोपियों को गिरफ्तार नहीं किया गया तो कलेक्ट्रेट के सामने उग्र प्रदर्शन किया जाएगा।

एसएफआई प्रदेशाध्यक्ष विजेंद्र ढाका ने कहा- इरफान को न्याय दिलाने के लिए संगठन परिजनों के साथ खड़ा है। अगर 2 घंटे में कार्रवाई नहीं हुई तो हजारों लोग सड़कों पर उतरेंगे और जिला कलेक्ट्रेट व एसपी ऑफिस का घेराव करेंगे। बता दें कि लक्ष्मणगढ़ निवासी मृतक इरफान अली (32) फतेहपुर रोड पर केजीएन हॉस्पिटल के पास एक निर्माणाधीन बिल्डिंग में शटरिंग का काम कर रहा था।

हॉस्पिटल में परिजन व महिलाएं भी धरने पर बैठी हैं।
हॉस्पिटल में परिजन व महिलाएं भी धरने पर बैठी हैं।

मंगलवार सुबह करीब 10 बजे ठेकेदारों ने इरफान के शव को एसके हॉस्पिटल पहुंचाया और परिजनों को सूचना दी। मृतक के छोटे भाई जावेद (28) ने बताया कि जब वे हॉस्पिटल पहुंचे तो ठेकेदार मौके से फरार हो चुके थे। जावेद ने कहा- मेरे भाई की हत्या हुई है या करंट से मौत हुई, यह जांच के बिना स्पष्ट नहीं हो सकता। ठेकेदारों की भूमिका संदिग्ध है, लेकिन पुलिस और प्रशासन खामोश है।

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