सीकर कारगिल विजय दिवस के अवसर पर मनाया गया शहीद दिवस
इस आयोजन में जिले के पूर्व सैनिक, वीरांगनाएँ और एनसीसी कैडेट्स ने लिया भाग

जनमानस शेखावाटी सवंददाता : नैना शेखावत
सीकर : सीकर शहर के जयपुर रोड स्थित शहीद स्मारक पर आज कारगिल विजय दिवस मनाया गया जिसमें शहीद स्मारक पर पुष्पांजलि कर शहीदों को श्रद्धांजलि दी गई और जय घोष के नारे लगाए। कार्यक्रम के दौरान जिले के पूर्व सैनिक शहीद वीरांगनाएं और एनसीसी कैडेट ने भाग लिया।
कार्यक्रम के दौरान पूर्व एडीएम ईश्वर सिंह राठौड़ ने बताया कि आज सीकर के शहीद स्मारक पर कारगिल शहीदों को श्रद्धांजलि देने के लिए उनका सम्मान करने के लिए और देश की रक्षा के लिए जो शहीद हुए हैं। उनके प्रति कृतज्ञता प्रकट करने के लिए हम यहां आए हैं आज 26 जुलाई है और आज 26 व कारगिल दिवस है आज से 26 साल पहले कारगिल का युद्ध हुआ था। उन सभी शहीदों को और उनके साथ देश की रक्षा के लिए जितने भी हमारे शहीद हुए हैं और विशेष रूप से शेखावाटी में मैं आपको एक बात बताऊं पूरे भारत में जितने भी शहीद हुए हैं उनके बराबर पूरे राजस्थान के हैं और राजस्थान के जो भी सिपाही शहीद हुए हैं उनमें आधे से ज्यादा शेखावाटी के हैं शेखावाटी वह वीर तरह है यहां के शहीदों को श्रद्धांजलि प्रकट करने के लिए सम्मान प्रकट करने के लिए वरंग नहीं भी है उसे युद्ध में जो घायल हुए थे वह भी यहां पर है देश के प्रति कृतज्ञता और तत्कालीन सरकार के प्रति कृतज्ञ और देश सेवा का जज्बा शेखावाटी से बढ़कर किसी में भी नहीं है और मेरा सबसे यह निवेदन है कि जिस किसी में भी देश सेवा का जज्बा हो वह निश्चित रूप से आपको रखना चाहिए।
वही पूर्व सैनिक रामदेव सिंह ने बताया कि आज देश में 26 व कारगिल विजय दिवस मनाया जा रहा है 26 साल पहले हमारे ऊपर हमला हुआ था उसे वक्त तत्कालीन प्रधानमंत्री वह तो देश का संदेश लेकर दोस्ती करने के लिए गए थे उसे टाइम वहां मुसरफ़ नवाज शरीफ बैठे थे उन्होंने बड़ी ही कुर्ता से पहाड़ के ऊपर से अपने सैनिकों को भेज दिया और हमारे सैनिक उसे वक्त नीचे रहते थे तो हमारे लिए यह दुविधा थी कि यदि वह पहाड़ से पत्थर भी फेक तो वह बम बन जाते थे फिर भी हमारे सैनिक और वायु सेवा ने अपना जज्बा दिखा फतेह हासिल की और उनको यह संदेश दे दिया कि आप दोस्ती करोगे तो हम खीर देंगे और अगर दुश्मनी करोगे तो हम चीर देंगे यह हमारे महावीर चक्र विजेता जो झाला पाटन के है दिगंदर सिंह मैं करके दिखाया था जिनमें 16 गोलियां लगी हुई थी वह कारगिल में हमारे सीकर जिले के 7 जवान शहीद हुए थे नौ जवान झुंझुनू के और 6 जवान चूरू के शहीद हुए थे मैं आज तक इस देश की आजादी के लिए जो भी लड़ा है सीकर की जनता की तरफ से उन सब को श्रद्धा सुमन अर्पित करता हूं और वर्तमान समय में पूरा भारत जो देश एकजुट है जो भी हमारी तरफ आंख उठा कर देखेगा उसकी आंख निकाल ली जाएगी व पूर्व सैनिक भानाराम ने बताया कि युद्ध के समय में 17 जाट बटालियन के अंदर काम कर रहे थे हमारी यूनिट टैगिंग रेल के पास टोलरी पहाड़ के ऊपर थी और जिस टाइम लड़ाई हो रही थी दुश्मन पहाड़ के ऊपर बैठे थे और हम लोग नीचे थे। अगर वे पत्थर भी फेंकते तो वह इतनी तेज आता की गोले का रूप ले लेता और ऊपर जाने के लिए काफी मुश्किलें थी क्योंकि उसे समय बर्फ भी पड़ी हुई थी काफी दिक्कत आती थी लेकिन फिर भी हमने हिम्मत की और उसे जगह पर फतह हासिल की और उसे समय सेना का भी काफी नुकसान हुआ था।
उसे समय सरकार ने इमरजेंसी डिक्लेअर नहीं की थी। अगर सरकार इमरजेंसी डिक्लेयर कर देती तो फौज का इतना नुकसान नहीं होता वह एक तरफ युद्ध था जिसमें काफी नुकसान हुआ काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा वहां बर्फ पड़ी हुई थी और ऑक्सीजन की कमी थी काफी दिक्कत थी लेकिन ईश्वर की कृपा से हमने फिर भी फतेह है हासिल की और सब कुछ ठीक रहा वह जिस दिन मेरे युद्ध के समय गोली लगी थी मेरी यूनिट के कुल 16 जवानों के गोली लगी थी और पांच जवानों की उसी दिन मौत हो गई थी 7 जुलाई 1999 को युद्ध के समय मेरे दोनों हाथों में कुल आठ गोलियां लगी थी मेरी बंदूक की मैगजीन खाली होने के चलते मैं मैगजीन बदल रहा था तभी आगे से आठ गोलियां आई और मेरे दोनों हाथों को चीरते हुए निकल गई जिससे मेरे हाथ से बंदूक गिर गई वह आज कारगिल दिवस के मौके पर मैं देशवासियों को यही कहना चाहूंगा कि आज देश है तो हम सब जिंदा है अगर भारत देश नहीं है तो कुछ भी नहीं है इस देश के लिए हमेशा हमें अपनी कुर्बानी देने के लिए तैयार रहना चाहिए