हरियाली तीज पर ऊंटगाड़ी पर निकले नेता-अफसर:झुंझुनूं में एक पेड़ मां के नाम अभियान पर दिखा पर्यावरण-संस्कृति का संगम
हरियाली तीज पर ऊंटगाड़ी पर निकले नेता-अफसर:झुंझुनूं में एक पेड़ मां के नाम अभियान पर दिखा पर्यावरण-संस्कृति का संगम

झुंझुनूं : झुंझुनूं में पर्यावरण संरक्षण के संदेश और परंपरा की खूबसूरत झलक लिए हरियाली तीज पर दिखी। राजस्थान सरकार की ओर से चलाए जा रहे “मुख्यमंत्री वृक्षारोपण महाअभियान-हरियालो राजस्थान (एक पेड़ मां के नाम) को जनआंदोलन का रूप देने के उद्देश्य से इस बार तीज को प्रकृति से जोड़ा गया।
हरियाली तीज के मौके पर जिला मुख्यालय पर एक भव्य और रंगारंग रैली का आयोजन किया गया। इसमें ऊंटगाड़ी पर सवार होकर प्रभारी मंत्री अविनाश गहलोत, प्रभारी सचिव डॉ समित शर्मा, जिला प्रमुख हर्षणी कुलहरी, विधायक राजेंद्र सिंह भाम्बू, पूर्व विधायक शुभकरण चौधरी, पूर्व सांसद नरेन्द्र खीचड़ और वरिष्ठ नेता विश्वंभर पुनिया ने भाग लिया। ये सभी जनप्रतिनिधि आम जनता के बीच ऊंटगाड़ी पर बैठकर पहुंचे और शहरवासियों को पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया।

रैली शहीद स्मारक से शुरू होकर परमवीर चक्र विजेता शहीद पीरू सिंह राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय तक निकाली गई। इस दौरान ढोल-नगाड़ों, बैंड-बाजों, झांकियों और लोकगीतों की धुन पर महिलाएं पारंपरिक वेशभूषा में नाचती-गाती नजर आईं। ऊंटों की सजीव सजावट और गाड़ियों की शाही सवारी ने रैली को राजस्थानी लोक संस्कृति से जोड़ दिया।
प्रभारी मंत्री अविनाश गहलोत बोले – पेड़ लगाना सिर्फ परंपरा नहीं, कर्तव्य भी
प्रभारी मंत्री अविनाश गहलोत ने कहा- एक पेड़ मां के नाम” केवल एक सरकारी योजना नहीं, बल्कि यह एक भावनात्मक जुड़ाव है। उन्होंने कहा-हमारे संस्कारों में वृक्षों को देवता माना गया है। मां के नाम पर लगाया गया पेड़ न केवल हमारी आस्था का प्रतीक है, बल्कि यह अगली पीढ़ी को भी पर्यावरण के प्रति जिम्मेदारी का संदेश देगा।

उन्होंने यह भी बताया कि हरियाली तीज और पर्यावरण दिवस जैसे अवसरों पर यह अभियान पूरे प्रदेश में नई चेतना फैला रहा है, और झुंझुनूं जिले की सक्रियता पूरे राज्य के लिए मिसाल है।
सचिव समित शर्मा ने बताया – हर विभाग को मिला लक्ष्य, लगातार हो रही मॉनिटरिंग
प्रभारी सचिव डॉ समित शर्मा ने बताया कि जिले के प्रत्येक विभाग को वृक्षारोपण के लक्ष्य दिए गए हैं और सभी ब्लॉक स्तर पर अभियान की मॉनिटरिंग की जा रही है। उन्होंने कहा-पेड़ लगाना केवल एक दिन का काम नहीं है, इसकी देखभाल भी उतनी ही महत्वपूर्ण है। कई पंचायतों, स्कूलों और आंगनबाड़ियों में बच्चों और महिलाओं ने खुद के हाथों से पौधे लगाए और उनका नामकरण भी किया।
“कन्या वाटिका” बनी संदेश वाहक
रैली के समापन स्थल पीरू सिंह स्कूल परिसर में “कन्या वाटिका” की स्थापना की गई। यहां बालिकाओं के नाम पर पौधे लगाए गए। जिला प्रमुख हर्षणी कुलहरी ने कहा-बेटियों के नाम पर लगाए गए पौधे इस संदेश के वाहक हैं कि जैसे हम अपनी बेटियों को पालते हैं, वैसे ही इन पौधों की भी देखभाल करेंगे। उन्होंने महिलाओं से अपील की कि हर घर एक पौधा अपनाए और बच्चों की तरह उसका पालन-पोषण करे।

नगर परिषद की वन वाटिका में हुआ वृक्षारोपण
हरियाली तीज पर आयोजित कार्यक्रमों की कड़ी में नगर परिषद झुंझुनूं द्वारा डेयरी परिसर में विकसित वन वाटिका में भी वृक्षारोपण कार्यक्रम आयोजित किया गया। यहां सामाजिक संगठनों, स्कूली बच्चों और पार्षदों ने पौधे लगाए। नगर परिषद अध्यक्ष ने बताया कि यह वाटिका नागरिकों के लिए खुली रहेगी और नियमित देखभाल के लिए अलग से टीम गठित की गई है।
महिला संगठनों और स्कूली बच्चों ने बढ़ाया उत्साह
हरियाली तीज पर महिलाओं की भूमिका सिर्फ गीत-संगीत तक सीमित नहीं रही, बल्कि वे इस पूरे अभियान की केंद्र रहीं। पारंपरिक वेशभूषा में आईं महिलाओं ने न केवल रैली में भाग लिया, बल्कि वृक्षारोपण में भी उत्साह से हिस्सा लिया। वहीं स्कूली बच्चों ने रंगोली, निबंध, पोस्टर और नुक्कड़ नाटकों के माध्यम से पर्यावरण का महत्व समझाया। बच्चों ने “एक पेड़ मां के नाम”, “धरती को बचाएं” और “हरी तीज, हरा कल” जैसे नारों से समां बांध दिया।
लोक संस्कृति और पर्यावरण का सुंदर संगम
हरियाली तीज के इस आयोजन ने दिखाया कि परंपरा और पर्यावरण साथ चल सकते हैं। जहां एक ओर महिलाएं झूलों, लोक गीतों और पारंपरिक पकवानों के साथ तीज मना रही थीं, वहीं दूसरी ओर वे वृक्षारोपण कर आने वाली पीढ़ी को स्वच्छ हवा और हरा वातावरण देने का संकल्प भी ले रही थीं।