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वक्फ़ की जमीन पर बने इस महल को बचाने के लिए बिल ला रहे हैं मोदी


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आर्टिकल

वक्फ़ की जमीन पर बने इस महल को बचाने के लिए बिल ला रहे हैं मोदी

अंबानी के घर पर वक्फ बोर्ड ने ठोंका दावा, हाईकोर्ट पहुंचा केस!

मुंबई : दुनिया के सबसे बड़े अमीरों में शामिल बिजनेसमैन मुकेश का अंबानी का मुंबई स्थित महलनुमा घर ‘एंटीलिया’ एक बार फिर सवालों के घेरे में है। महाराष्ट्र विधानसभा वक्फ बोर्ड द्वारा पेश की गई एक्शन टेकन रिपोर्ट (एटीआर) में कहा गया है कि वक्फ बोर्ड ने अंबानी को घर बनाने के लिए जमीन बेचने के लिए गलत तरीके अपनाए।
रिपोर्ट स्वीकार करने के बाद महाराष्ट्र के सीएम देवेंद्र फड़नवीस ने कहा कि सरकार रिपोर्ट के आधार पर एक्शन लेगी। उन्होंने कहा कि किसी को भी छोड़ा नहीं जाएगा। अंबानी का यह घर साउथ मुंबई के पैडर रोड पर बना है और इसे दुनिया के सबसे महंगे मकानों में से एक माना जाता है। रिलायंस के प्रवक्ता ने इस मामले में केवल इतना कहा कि वह पहले रिपोर्ट देखेंगे और इसके बाद ही कोई कमेंट करेंगे।
गलत तरीके से हुई डील
रिपोर्ट में कहा गया है कि अंबानी से की गई लैंड डील गलत है, क्योंकि इसमें वक्फ बोर्ड के सदस्यों का दो-तिहाई बहुमत जरूरी था। डील करने के लिए वक्फ बोर्ड की बैठक तक नहीं बुलाई गई थी। रिपोर्ट में चैरिटी कमिश्नर के फैसले को भी यह कहते हुए गलत ठहराया गया है कि वे वक्फ बोर्ड के मामलों में सुनवाई के लिए सक्षम अधिकारी ही नहीं हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि वक्फ के मामलों पर फैसला वक्फ बोर्ड ही कर सकता है। रिपोर्ट के अनुसार, डील का कोई महत्व नहीं है।
ये सवाल भी उठाए
रिपोर्ट के अनुसार वक्फ बोर्ड की प्रॉपर्टी को निजी उपयोग के लिए नहीं बेचा जा सकता, क्योंकि यह ट्रस्ट की संपत्ति होती है। रिपोर्ट में कहा गया है कि यह मामला लंबे समय से कोर्ट मे चल रहा है। अब मामले से जुड़े करीम भाई ट्रस्ट और वक्फ बोर्ड को साथ आकर मामला सुलझाना चाहिए। विधानसभा में पेश एटीआर में कहा गया है कि करीम भाई इब्राहिम ने 1986 में यह जमीन धार्मिक शिक्षा और अनाथालय बनाने के लिए वक्फ बोर्ड को दी थी, लेकिन बोर्ड ने इसे अंबानी को बेच दिया।
ऐसे हुआ था सौदा
मुकेश अंबानी ने एंटीलिया बनाने के लिए साल 2002 में 4,532.39 स्क्वेयर मीटर वाला प्लॉट 21.5 करोड़ रुपए में खरीदा था। यह डील शुरू से ही विवादों में आ गई, क्योंकि जिस जमीन को बेचा गया वह वक्फ बोर्ड की थी। विवाद बढ़ने पर रिटायर्ड जज एटीएके शेख को जांच की जिम्मेदारी दी गई और उनसे कहा गया कि वह अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपें। अगस्त 2002 में चैरिटी कमिश्नर ने इस डील को सही पाया और नवंबर 2002 में जमीन अंबानी को ट्रांसफर करने के आदेश दिए।
हाईकोर्ट में चल रहा है केस
डील हो जाने के बाद कांग्रेस नेता अनीस अहमद ने वक्फ बोर्ड के जमीन बेचने के फैसले पर एतराज जताया। अनीस ने कहा कि वक्फ बोर्ड में नौ सदस्य थे, लेकिन पांच ने ही डील को हरी झंडी दी थी। जबकि इसके लिए दो-तिहाई बहुमत की जरूरत थी। जज शेख ने भी अपनी रिपोर्ट में माना कि अंबानी के साथ हुई इस डील में वक्फ बोर्ड कानून 1995 की धारा 32 (2) का उल्लंघन हुआ। रिपोर्ट में कहा गया कि बोर्ड के तत्कालीन अध्यक्ष एमए. अजीज के अलावा हारून सोल्कर और एमवाय. पटेल ने सौदे में अहम भूमिका निभाई और वे ही पूरे मामले के लिए जिम्मेदार हैं। फिलहाल, यह मामला बॉम्बे हाईकोर्ट में भी चल रहा है।
अंबानी का 25 मंजिला घर क्या वक्फ बोर्ड की जमीन पर बना है, क्या अंबानी के घर के बाहर बुलडोजर जाने वाला है. आखिर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल किस दावे के आधार पर कहते हैं कि मेरी सरकार वहां होती तो अंबानी का घर गिरवा देता. वो वक्फ बोर्ड की जमीन पर बनी है. हमने केजरीवाल के दावे को समझने की जब कोशिश की तो पता चला पूरी कहानी साल 2015 में तुल पकड़ती है, जब अंबानी की जमीन की डील पर वक्फ बोर्ड ने न सिर्फ सवाल उठाए, बल्कि महाराष्ट्र विधानसभा तक ये रिपोर्ट पहुंच गई. जिसमें साफ-साफ लिखा था मुकेश अंबानी ने एंटीलिया बनाने के लिए साल 2002 में 4,532.39 स्क्वेयर मीटर वाला प्लॉट 21.5 करोड़ रुपए में खरीदा था.

उस वक्त ये जमीन वक्फ बोर्ड की थी. ऐसी जमीनों को बेचने के लिए वक्फ बोर्ड के दो तिहाई सदस्यों का बहुमत जरूरी होता है. उस वक्त बोर्ड में 9 सदस्य थे, जिसमें से 5 ही सदस्य अंबानी को जमीन बेचे जाने के पक्ष में थे, जबकि नियम के मुताबिक 6 से ज्यादा सदस्यों की सहमति जरूरी थी. ये विवाद इतना बढ़ गया था कि रिटायर्ड जज एटीएके शेख को इसकी जांच सौंपी गई और अगस्त 2002 में ये डील सही पाई गई.

नवंबर 2002 में अंबानी को ये जमीन ट्रांसफर करने के आदेश दिए गए. लेकिन ये विवाद नहीं थमा, बल्कि साल 2019 में अरविंद केजरीवाल ने कई मुस्लिमों के सामने ये दावा किया कि अंबानी का घर वक्फ बोर्ड की जमीन पर बताया जाता है. अगर हमारी सरकार वहां होती तो हम वो घर गिरवा देते.

अरविंद केजरीवाल का ये बयान एक बार फिर से सुर्खियों में है. क्योंकि मोदी सरकार वक्फ बोर्ड को लेकर एक ऐसा कानून लाने जा रही है, जिसके बारे में सुनकर ही तुष्टिकऱण की सियासत करने वाले नेताओं के होश उड़े हुए हैं. ओवैसी से लेकर अखिलेश तक ये सोच रहे हैं कि अब क्या होगा. हो सकता है संसद भवन में इस बिल को रोकने की कोशिश की जाए, लेकिन कहते हैं मोदी सरकार जो ठान लेती है उसे करके ही रुकती है, चाहे वो तीन तलाक वाला कानून हो या फिर जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटाने वाला कानून.

हर बार चुनौतियां आई हैं, हर बिल को पेश करते वक्त सवाल उठे हैं. पर कृषि कानून की तरह पीछे हटने के मौके काफी कम ही नजर आए हैं. फिलहाल अगर कोई आपसे कहे कि अंबानी के घर के बाहर बुलडोजर पहुंचने वाला है तो चौंकिएगा मत, बल्कि ये रिपोर्ट दिखाकर बता दीजिएगा कि पूरी कहानी क्या है, जिस वक्फ बोर्ड पर तमाम जमीनों पर कब्जा करने के आरोप लगते रहे हैं, उस पर कैसे कोई कब्जा जमा लेगा, ये सोचने वाली बात है.

  1. मोदी अपने मित्रों अडानी – अंबानी को वक्फ की जमीन देने के लिए बिल ला रहे हैं : संजय सिंह
  2. मुकेश अंबानी का घर (पंद्रह हजार करोड़ का महल, नाम एंटीलिया) बचाने के लिए बिल ला रहे हैं। मुझे नहीं पता – मोदी के मन में क्या है? पर तथ्य इस तरह है –
  3. जिस जमीन पर एंटीलिया है, वह जमीन 1996 में किन्हीं इब्राहिम ने महाराष्ट्र वक्फ बोर्ड को यतीमखाना (अनाथालय) के लिए दी थी।
  4. 2002 में वक्फ बोर्ड ने यह जमीन 21 करोड़ पचास लाख में मुकेश अंबानी को बेच दी। 2004 में एंटीलिया बनना शुरू हुआ। 2005 में अब्दुल मतीन हाई कोर्ट गए। कहा कि वक्फ बोर्ड के दो तिहाई सदस्यों की सहमति से जमीन बेची जा सकती है। अंबानी के मामले में ऐसा नहीं हुआ। हाईकोर्ट ने वक्फ बोर्ड से पूछताछ की। मामला लंबित है।
  5. 2010 में एंटीलिया में गृह प्रवेश हो गया। मामला लंबित ही है। अब आरोप है कि अंबानी का घर बचाने के लिए मोदी बिल ला रहे हैं।
  6. सेना और रेलवे के बाद वक्फ बोर्ड के पास ही सबसे ज्यादा जमीन है।
  7. वक्फ बोर्ड : अल्लाह के नाम पर दी गई जमीन -धन को मैनेज करने वाला संगठन। इससे मिले लाभ को सामाजिक, शैक्षणिक, स्वास्थ्य-चिकित्सकीय लाभ पर ख़र्च करना।

‘वक्फ विधेयक’ के बहाने…. एक तीर से दो निशाने ! अंबानी का महल बचाने वक्फ बोर्ड पर शिकंजा

  • क्या वक्फ बोर्ड की जमीन पर बना है ‘एंटीलिया’?
  • क्या अंबानी ने धोखे से हथियायी उक्त जमीन?
  • क्या इब्राहिम ने ‘यतीमखाना’ बनाने दी थी वो जमीन?
  • क्या कोर्ट दे सकता है ‘एंटीलिया’ गिराने का फैसला?

वक्फ संशोधन विधेयक के आते ही सरकार पर विपक्ष ने हमला बोल दिया। संसद में जोरदार हंगामा हुआ। यह बिल तो जेपीसी के पास भेज दिया गया, मगर आरोप लगा कि मोदी सरकार यह बिल, मुकेश अंबानी के महल एंटीलिया को बचाने के लिए ही लाई है। क्योंकि जिस जमील पर अंबानी का महल एंटीलिया बना है, वह जमीन वक्फ बोर्ड की है और उस जमीन को किसी इब्राहिम में अनाथालय (यतीमत्वाना) बनाने के लिए वक्फ बोर्ड को दिया था। तो क्या अंबाली ने उस जमील को धोखे से हथिया लिया? अब क्या इस जमीन पर बने अंबानी के महल को

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