वक्फ़ की जमीन पर बने इस महल को बचाने के लिए बिल ला रहे हैं मोदी
अंबानी के घर पर वक्फ बोर्ड ने ठोंका दावा, हाईकोर्ट पहुंचा केस!

उस वक्त ये जमीन वक्फ बोर्ड की थी. ऐसी जमीनों को बेचने के लिए वक्फ बोर्ड के दो तिहाई सदस्यों का बहुमत जरूरी होता है. उस वक्त बोर्ड में 9 सदस्य थे, जिसमें से 5 ही सदस्य अंबानी को जमीन बेचे जाने के पक्ष में थे, जबकि नियम के मुताबिक 6 से ज्यादा सदस्यों की सहमति जरूरी थी. ये विवाद इतना बढ़ गया था कि रिटायर्ड जज एटीएके शेख को इसकी जांच सौंपी गई और अगस्त 2002 में ये डील सही पाई गई.
नवंबर 2002 में अंबानी को ये जमीन ट्रांसफर करने के आदेश दिए गए. लेकिन ये विवाद नहीं थमा, बल्कि साल 2019 में अरविंद केजरीवाल ने कई मुस्लिमों के सामने ये दावा किया कि अंबानी का घर वक्फ बोर्ड की जमीन पर बताया जाता है. अगर हमारी सरकार वहां होती तो हम वो घर गिरवा देते.
अरविंद केजरीवाल का ये बयान एक बार फिर से सुर्खियों में है. क्योंकि मोदी सरकार वक्फ बोर्ड को लेकर एक ऐसा कानून लाने जा रही है, जिसके बारे में सुनकर ही तुष्टिकऱण की सियासत करने वाले नेताओं के होश उड़े हुए हैं. ओवैसी से लेकर अखिलेश तक ये सोच रहे हैं कि अब क्या होगा. हो सकता है संसद भवन में इस बिल को रोकने की कोशिश की जाए, लेकिन कहते हैं मोदी सरकार जो ठान लेती है उसे करके ही रुकती है, चाहे वो तीन तलाक वाला कानून हो या फिर जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटाने वाला कानून.
हर बार चुनौतियां आई हैं, हर बिल को पेश करते वक्त सवाल उठे हैं. पर कृषि कानून की तरह पीछे हटने के मौके काफी कम ही नजर आए हैं. फिलहाल अगर कोई आपसे कहे कि अंबानी के घर के बाहर बुलडोजर पहुंचने वाला है तो चौंकिएगा मत, बल्कि ये रिपोर्ट दिखाकर बता दीजिएगा कि पूरी कहानी क्या है, जिस वक्फ बोर्ड पर तमाम जमीनों पर कब्जा करने के आरोप लगते रहे हैं, उस पर कैसे कोई कब्जा जमा लेगा, ये सोचने वाली बात है.
- मोदी अपने मित्रों अडानी – अंबानी को वक्फ की जमीन देने के लिए बिल ला रहे हैं : संजय सिंह
- मुकेश अंबानी का घर (पंद्रह हजार करोड़ का महल, नाम एंटीलिया) बचाने के लिए बिल ला रहे हैं। मुझे नहीं पता – मोदी के मन में क्या है? पर तथ्य इस तरह है –
- जिस जमीन पर एंटीलिया है, वह जमीन 1996 में किन्हीं इब्राहिम ने महाराष्ट्र वक्फ बोर्ड को यतीमखाना (अनाथालय) के लिए दी थी।
- 2002 में वक्फ बोर्ड ने यह जमीन 21 करोड़ पचास लाख में मुकेश अंबानी को बेच दी। 2004 में एंटीलिया बनना शुरू हुआ। 2005 में अब्दुल मतीन हाई कोर्ट गए। कहा कि वक्फ बोर्ड के दो तिहाई सदस्यों की सहमति से जमीन बेची जा सकती है। अंबानी के मामले में ऐसा नहीं हुआ। हाईकोर्ट ने वक्फ बोर्ड से पूछताछ की। मामला लंबित है।
- 2010 में एंटीलिया में गृह प्रवेश हो गया। मामला लंबित ही है। अब आरोप है कि अंबानी का घर बचाने के लिए मोदी बिल ला रहे हैं।
- सेना और रेलवे के बाद वक्फ बोर्ड के पास ही सबसे ज्यादा जमीन है।
- वक्फ बोर्ड : अल्लाह के नाम पर दी गई जमीन -धन को मैनेज करने वाला संगठन। इससे मिले लाभ को सामाजिक, शैक्षणिक, स्वास्थ्य-चिकित्सकीय लाभ पर ख़र्च करना।
‘वक्फ विधेयक’ के बहाने…. एक तीर से दो निशाने ! अंबानी का महल बचाने वक्फ बोर्ड पर शिकंजा
- क्या वक्फ बोर्ड की जमीन पर बना है ‘एंटीलिया’?
- क्या अंबानी ने धोखे से हथियायी उक्त जमीन?
- क्या इब्राहिम ने ‘यतीमखाना’ बनाने दी थी वो जमीन?
- क्या कोर्ट दे सकता है ‘एंटीलिया’ गिराने का फैसला?
वक्फ संशोधन विधेयक के आते ही सरकार पर विपक्ष ने हमला बोल दिया। संसद में जोरदार हंगामा हुआ। यह बिल तो जेपीसी के पास भेज दिया गया, मगर आरोप लगा कि मोदी सरकार यह बिल, मुकेश अंबानी के महल एंटीलिया को बचाने के लिए ही लाई है। क्योंकि जिस जमील पर अंबानी का महल एंटीलिया बना है, वह जमीन वक्फ बोर्ड की है और उस जमीन को किसी इब्राहिम में अनाथालय (यतीमत्वाना) बनाने के लिए वक्फ बोर्ड को दिया था। तो क्या अंबाली ने उस जमील को धोखे से हथिया लिया? अब क्या इस जमीन पर बने अंबानी के महल को