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जयपुर के ITI में स्टूडेंट से रैगिंग:चाकू दिखाकर जमकर पीटा, मुर्गा बनाया; कहा- भाई साहब बोला कर


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जयपुर के ITI में स्टूडेंट से रैगिंग:चाकू दिखाकर जमकर पीटा, मुर्गा बनाया; कहा- भाई साहब बोला कर

जयपुर के ITI में स्टूडेंट से रैगिंग:चाकू दिखाकर जमकर पीटा, मुर्गा बनाया; कहा- भाई साहब बोला कर

जयपुर : जयपुर के औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान (ITI) में रैगिंग का मामला सामने आया है। कॉलेज के दो सीनियर स्टूडेंट युवराज (26) और पुष्पेंद्र (27) ने जूनियर स्टूडेंट को चाकू दिखाकर जमकर पीटा। उसे मुर्गा भी बनाया। उससे कहा कि ‘भाई साहब बोला कर।’

बनीपार्क थाना क्षेत्र के ITI में 12 सितंबर को यह घटना हुई है। सीनियर स्टूडेंट ने इसका वीडियो भी बनाया था। 23 साल के पीड़ित स्टूडेंट ने युवराज और पुष्पेंद्र के खिलाफ मामला दर्ज कराया है।

कॉलेज के पहले दिन भी की थी मारपीट बनीपार्क थाना अधिकारी महेश शर्मा ने बताया- रिपोर्ट में पीड़ित ने बताया कि वह फर्स्ट ईयर का स्टूडेंट है। इसी महीने में एडमिशन लिया था। 2 सितंबर को उसका कॉलेज में पहला दिन था। युवराज (मोटर व्हीकल) और पुष्पेंद्र (वेल्डर ट्रेड) सेकेंड ईयर के स्टूडेंट हैं। वह उन्हें पहले से जानता भी नहीं है। कॉलेज के पहले दिन युवराज और पुष्पेंद्र उसके पास आए और धक्का-मुक्की करने लगे। वहां मौजूद टीचर ने बीच-बचाव कर मामला शांत कराया। 12 सितंबर को पीड़ित स्टूडेंट ITI पहुंचा। एक बार फिर उसका सामना पुष्पेंद्र और युवराज से हुआ। आरोप है कि दोनों ने पीड़ित को एक कमरे में बुलाया। इसके बाद मारपीट शुरू कर दी। इस दौरान चाकू भी दिखाया। इस दौरान मुर्गा भी बनाया।

वीडियो आया सामने वीडियो में सीनियर स्टूडेंट पीड़ित से बार-बार कह रहे हैं- हमें भाई साहब बोला कर। इस पर पीड़ित छात्र हाथ जोड़ कर छोड़ने की भी गुहार लगा रहा है। जब पीड़ित स्टूडेंट घर पहुंचा तो परिजनों को इस बारे में बताया। 12 सितंबर की शाम को परिजन थाने पहुंचे और दोनों के खिलाफ मामला दर्ज करवाया। उधर, थानाधिकारी महेश शर्मा कहते हैं- पुलिस ने आरोपियों से बात कर ली है। उन्हें पूछताछ के लिए थाने बुलाया गया है। घटना के दो दिन बाद भी इस तरह का बयान पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े करने के लिए काफी है। इससे साफ हो जाता है कि रैगिंग की इस घटना को लेकर पुलिस कितनी गंभीर है।

राजस्थान में रैगिंग के चर्चित मामले

केस 1 : पहाड़ी पर बुलाकर 50 स्टूडेंट्स को मुर्गा बनाया

डूंगरपुर मेडिकल कॉलेज में 50 से ज्यादा मेडिकल स्टूडेंट्स को सीनियर्स ने रैगिंग के लिए कॉलेज के पास एक पहाड़ी पर बुलाया। पहाड़ी पर बुलाने की वजह थी कि कॉलेज कैंपस में सीसीटीवी लगे हुए हैं।

पहाड़ी पर पहुंचने के बाद जूनियर स्टूडेंट्स से 300 से ज्यादा उठक-बैठक कराई, मुर्गा बनाया। जो छात्र थक गए, उनसे हाथों में पत्थर लेकर एक्सरसाइज कराई। इस टॉर्चर की वजह से एक बच्चे की किडनी और लिवर डैमेज हो गया था। पहले डूंगरपुर के हॉस्पिटल में इलाज कराया। फिर गुजरात में लेकर गए।

उसकी 4 बार डायलिसिस करानी पड़ी। 4 दूसरे स्टूडेंट्स की भी तबीयत खराब हो गई थी। जिनका भी इलाज चला था। स्टूडेंट 6 दिन तक हॉस्पिटल में एडमिट रहा। डर से कई दिनों तक कॉलेज नहीं गया। 6 जून को पिता के साथ भी कॉलेज गया। तब भी शिकायत नहीं की।

केस 2 : इतना टॉर्चर किया कि सुसाइड के बारे में सोचने लगी छात्रा

25 अगस्त 2023 को जोधपुर में 6 सीनियर छात्राओं ने जूनियर छात्रा की हॉस्टल में रैगिंग ली। छात्रा गर्ल्स हॉस्टल में सहेली से किताब लेने गई थी। वहां सीनियर ने उसे ऊपर बुलाकर रैगिंग की। कपड़ों को लेकर कमेंट किए। इतना ज्यादा टॉर्चर किया कि वह सुसाइड का सोचने लगी। रक्षाबंधन पर घर गई तो रैगिंग के डर से वापस कॉलेज जाने को तैयार नहीं हुई। परिजनों ने पूछा तो उसने पूरी बात बताई।

केस 3: सीकर में संदिग्ध परिस्थिति में मिला स्टूडेंट का शव

सीकर के मेडिकल कॉलेज में जुलाई 2023 में एक छात्र का शव संदिग्ध परिस्थितियों में मिला। परिजनों ने उसकी हत्या के आरोप लगाए।

परिजनों का कहना था कि उन्हें बेटे के दोस्त ने बताया था कि उसे सीनियर परेशान कर रहे थे। थर्ड ईयर के स्टूडेंट्स ने उसे मुर्गा बनाकर मारपीट की थी। उसकी मेडिकल रिपोर्ट में भी चोट की बात सामने आई थी।

केस 4 : रैगिंग के नाम पर छात्र से किया आप्राकृतिक कृत्य

अजमेर की सेंट्रल यूनिवर्सिटी में 4 साल पहले एक चौंकाने वाला मामला सामने आया था। सीनियर छात्रों ने जूनियर छात्रों के साथ अप्राकृतिक कृत्य किया।

जूनियर छात्र इतने तनाव में आ गए कि कॉलेज आना-जाना बंद कर दिया। बाद में एक छात्र ने मानव संसाधन विकास मंत्रालय के पोर्टल पर ऑनलाइन शिकायत की।

केस 5 : सीनियर छात्रों ने फ्लैट पर बुलाकर रैगिंग ली

RUHS में पिछले साल सितंबर में सीनियर छात्रों ने जूनियर छात्रों को फ्लैट पर बुलाकर रैगिंग ली। जूनियर छात्राें ने परेशान होकर यूजीसी को मेल पर शिकायत भेजी।

एंटी रैंगिग कमेटी ने छात्रों के बयान लेकर जांच की। इसके बाद 12 छात्रों को 6 महीने के लिए सस्पेंड कर दिया गया था। उनके कॉलेज आने-जाने और हॉस्टल में आने पर रोक लगा दी गई। उनके सेंकेंड ईयर की परीक्षा देने पर रोक लगा दी गई।

RUHS में पिछले साल रैगिंग का मामला सामने आने के बाद 12 दोषी स्टूडेंट्स को 6 महीने के लिए सस्पेंड किया था।

केस 6 : जूनियर स्टूडेंट को मुर्गा बनाकर पीटा

भरतपुर के जगन्नाथ पहाड़िया मेडिकल कॉलेज में 20 जुलाई 2023 को रैगिंग की घटना हुई। सीनियर्स ने रात करीब ढाई बजे जूनियर स्टूडेंट्स को कॉलेज परिसर में बुलाया।

वहां जूनियर स्टूडेंट को मुर्गा बनाकर उससे मारपीट की।

केस 7 : पाली में मुर्गा बनाकर रैंगिग, जूनियर को बोले-बाप ही रहेंगे

पाली में 2022 में बागड़ मेडिकल कॉलेज में भी रैंगिंग का मामला सामने आया था। 26 अप्रैल 2022 को 2019 बैच के स्टूडेंट ने 2020 बैच के लिए पार्टी का आयोजन किया।

पार्टी में 2018 बैच के सीनियर को नहीं बुलाया। नाराज होकर सीनियर्स ने हंगामा मचा दिया। जूनियर से मारपीट की।

जूनियर स्टूडेंट्स ने आरोप लगाए थे कि उन्हें मुर्गा बनाया गया और प्राइवेट पार्ट पर लातें मारी गई। कुछ छात्र बेहोश भी हो गए थे।

केस 8 : हॉस्टल में नहीं आया स्टूडेंट तो कमरे में जाकर पीटा

भरतपुर के जगन्नाथ पहाड़िया मेडिकल कॉलेज में मेडिकल कॉलेज के सीनियर स्टूडेंट सुरेश बिश्नोई ने फर्स्ट ईयर के स्टूडेंट को देर रात रैगिंग के लिए हॉस्टल में बुलाया।

जूनियर स्टूडेंट को रैगिंग का अंदेशा हो गया था, ऐसे में उसने आने से मना कर दिया। अगले दिन सीनियर स्टूडेंट्स सुरेश बिश्नोई अपने साथी मंगल बिश्नोई व एक अन्य को लेकर स्टूडेंट के रूम में पहुंच गए।

जूनियर स्टूडेंट के साथ बुरी तरह मारपीट की और धमकी दी कि किसी को बताया तो कॅरियर खराब कर देंगे।

कोई नहीं सुन रहा तो यूजीसी की वेबसाइट पर करें शिकायत

अगर आपके साथ कॉलेज में सीनियर्स की ओर से रैगिंग की जा रही है या फिर बार-बार रैगिंग के नाम पर डराया जा रहा है।

अगर कॉलेज प्रशासन आपकी बात सुन नहीं रहा है तो यूजीसी की वेबसाइट एंटी रैगिंग डॉट इन पर जाकर शिकायत कर सकते हैं।

इसके लिए वेबसाइट पर जाकर फॉर्म को पूरा भरने के बाद अपनी शिकायत को रजिस्टर कर सकते हैं। शिकायत पर क्या कार्रवाई हुई इसकी मॉनिटरिंग भी कर सकते हैं।

रैगिंग हुई तो कमेटी की सिफारिश पर क्या मिलेगी सजा?

अगर कोई भी छात्र रैगिंग का दोषी पाया जाता है तो उसे कॉलेज से निष्कासित किया जाता है। उसे एक महीने से लेकर 6 महीने तक सस्पेंड कर सकते हैं। अगर रैगिंग में मामला ज्यादा बढ़ जाता है तो एडमिशन भी रद्द किया जा सकता है। दोषी छात्र को अगर स्कॉलरशिप मिल रही है तो वह भी कैंसिल कर दी जाती है। अन्य कोई लाभ मिल रहे हैं तो वह भी बंद कर दिए जाते हैं।

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