उप राष्ट्रपति बोले-कुछ लोगों पर राजनीति हावी हुई, राष्ट्रहित भूले:हमारे सपने पूरे करो, दुश्मनों के सपने पूरे करने में क्यों लगे हुए हो?
उप राष्ट्रपति बोले-कुछ लोगों पर राजनीति हावी हुई, राष्ट्रहित भूले:हमारे सपने पूरे करो, दुश्मनों के सपने पूरे करने में क्यों लगे हुए हो?

किशनगढ़ : अमेरिका में दिए गए राहुल गांधी के बयान पर उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने जुबानी हमला किया है। राहुल गांधी का नाम लिए बिना कहा कि कुछ भटके लोग संविधान की शपथ लेने के बावजूद भारत मां को पीड़ा दे रहे हैं। वो राष्ट्र की परिकल्पना को समझ नहीं पा रहे हैं। पता नहीं कौन-से स्वार्थ को ऊपर रख कर भारत मां को लहूलुहान करना चाहते हैं।
उप राष्ट्रपति अजमेर के किशनगढ़ में केंद्रीय यूनिवर्सिटी के एक समारोह में शुक्रवार को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि कुछ लोगों पर राजनीति इतनी हावी हो गई है कि राष्ट्रहित को भूल गए। विदेश में राष्ट्रहित पर कुठाराघात करने लगे हैं। मेरा उनसे आग्रह रहेगा कि हर भारतीय देश के बाहर कदम रखता है तो हमारे राष्ट्रवाद का राजदूत है। हमारी संस्कृति का राजदूत है और इसको अटल बिहारी वाजपेयी ने प्रतिपक्ष के नेता के रूप में प्रमाणित किया है, जो बाद में भारत के प्रधानमंत्री बने।

उप राष्ट्रपति बोले- कुछ लोगों पर राजनीति हावी हो गई
उप राष्ट्रपति धनखड़ ने कहा- क्या हम कल्पना भी कर सकते हैं कि हम देश के अंदर या बाहर देश के प्रति सही आचरण नहीं करेंगे, जो हमारे देश के राष्ट्रवाद को कुंठित करता है। उन्होंने कहा कि हमारे सपने पूरे करो, दुश्मनों के सपने पूरे करने में क्यों लगे हुए हो? इतिहास ने उनको कभी माफ नहीं किया है, जिन्होंने देश के साथ ऐसा आचरण किया है।
धनखड़ ने कहा- विदेश में उन लोगों से मिल रहे हैं, जिनकी करतूत जगजाहिर है। ऐसे लोगों के साथ बैठकर चिंतन करने में हमारे दिल पर क्या गुजरी होगी। मैं अंदाजा लगा सकता हूं। ईश्वर उनको सद्बुद्धि दें।
बता दें कि अमेरिका दौरे पर पहुंचे राहुल गांधी ने मंगलवार को आरक्षण पर बयान दिया था। उन्होंने कहा था कि ‘कांग्रेस तभी आरक्षण खत्म करने के बारे में सोचेगी, जब देश में सभी को समान अवसर मिलने लगेंगे। फिलहाल भारत में ऐसी स्थिति नहीं है।’

पढ़िए, आरक्षण खत्म करने से लेकर UCC पर राहुल की 5 बड़ी बातें…
1. आरक्षण खत्म करने का अभी सही समय नहीं: कांग्रेस आरक्षण खत्म करने के बारे में तब सोचेगी, जब सही समय होगा। जब आप वित्तीय आंकड़ों को देखते हैं, तो आदिवासियों को 100 रुपए में से 10 पैसे मिलते हैं, दलितों को 100 रुपए में से 5 रुपए मिलते हैं और OBC को भी लगभग इतनी ही रकम मिलती है।
भारत के बिजनेस लीडर्स की लिस्ट देखें। मुझे लगता है कि टॉप 200 में से एक OBC है, जबकि वे भारत में 50% हैं, लेकिन हम इस बीमारी का इलाज नहीं कर रहे हैं।
2. जातिगत जणगणना जरूरी: भारत के दलित, OBC, आदिवासी को उनका हक नहीं मिल रहा है। देश के 90% आबादी वाले OBC, दलित और आदिवासी इस खेल में ही नहीं हैं। जातिगत जनगणना यह जानने का आसान तरीका है कि निचली जातियां, पिछड़ी जातियां और दलित किस स्थिति में हैं।
देश के सर्वोच्च न्यायालय में देखिए, उनकी कोई भागीदारी नहीं है। मीडिया में देखिए, वहां निचली जातियां, OBC, दलित हैं ही नहीं। हम में से ज्यादातर जाति जनगणना के विचार पर सहमत हैं।
3. हमने पहले भी गठबंधन चलाया: हमारा गठबंधन (I.N.D.I.A) इस बात पर सहमत है कि भारत के संविधान की रक्षा की जानी चाहिए। भारत के बिजनेस को सिर्फ दो लोग अडाणी और अंबानी नहीं चला सकते। हमने बार-बार गठबंधन सरकारें चलाई हैं, जो सफल रही हैं। हमें पूरा यकीन है कि हम ऐसा फिर से कर सकते हैं। गठबंधन का पूरा विचार लोगों को यह बताना था कि भारत पर हमला हो रहा है और यह बहुत सफल रहा।
4. निष्पक्ष चुनाव होते तो BJP 246 के करीब नहीं होती: चुनावों से पहले, हम इस बात पर जोर देते रहे कि संस्थाओं पर कब्जा कर लिया गया है। एजुकेशन सिस्टम पर RSS का कब्जा है। मीडिया और जांच एजेंसियों पर उनका कब्जा है। मैंने संविधान को सामने रखना शुरू किया।
अगर संविधान खत्म हो गया, तो पूरा खेल खत्म हो जाएगा। लोगों ने समझा कि जो संविधान की रक्षा कर रहे हैं और जो इसे नष्ट करना चाहते हैं, यह उनके बीच की लड़ाई है। मुझे नहीं लगता कि निष्पक्ष चुनाव होते तो BJP 246 के करीब होती।
5. UCC पर अभी टिप्पणी नहीं करूंगा: हम समान नागरिक संहिता (UCC) पर तभी कुछ कहेंगे जब पता चलेगा कि BJP का प्रस्ताव क्या है। हमने इसे नहीं देखा है। हमें नहीं पता कि वे किस बारे में बात कर रहे हैं। हमारे लिए इस पर टिप्पणी करने का कोई मतलब नहीं है। जब वे इसे लाएंगे, तब हम इसे देखेंगे और इस पर टिप्पणी करेंगे।