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तिहाड़ से निकल केजरीवाल ने भरी हुंकार: बोले- टूटा नहीं, हौसला 100 गुना बढ़ा; मेरा जीवन देश के लिए समर्पित


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तिहाड़ से निकल केजरीवाल ने भरी हुंकार: बोले- टूटा नहीं, हौसला 100 गुना बढ़ा; मेरा जीवन देश के लिए समर्पित

कार्यकर्ताओं के जोश का जवाब केजरीवाल ने अपने अंदाज में दिया। वंदे मातरम और इंकलाब जिंदाबाद के नारे लगवाने के बाद केजरीवाल ने अपनी बात रखी। इस दौरान उन्होंने ईश्वर का धन्यवाद किया।

नई दिल्ली :तिहाड़ से बाहर निकलते ही मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने हुंकार भरी कि वह टूटे नहीं, बल्कि उनका हौसला 100 गुना से भी ज्यादा बढ़ गया है। शुक्रवार शाम तेज बारिश और कार्यकर्ताओं के जोश के बीच आत्मविश्वास से लबरेज केजरीवाल ने कहा कि उनका जीवन देश के लिए समर्पित है। जो भी राष्ट्र विरोधी ताकतें देश के विकास को रोक रही हैं, देश को बांटने का काम कर रही हैं, वह उनके खिलाफ वह लड़ते रहेंगे।

इससे पहले मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का स्वागत करने तिहाड़ जेल से बाहर पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान, सांसद संजय सिंह व डॉ. संदीप पाठक, मंत्री आतिशी और सौरभ भारद्वाज समेत आप के कई नेता पहुंचे। इस मौके पर बड़ी संख्या में आप कार्यकर्ता भी मौजूद थे। तिहाड़ से बाहर निकलते ही कार्यकर्ताओं ने जेल के ताले टूट गए, केजरीवाल छूट गए, भ्रष्टाचार का एक ही काल, केजरीवाल-केजरीवाल के नारे लगाए। साथ में आतिशबाजी कर केजरीवाल का स्वागत किया।

कार्यकर्ताओं के जोश का जवाब केजरीवाल ने अपने अंदाज में दिया। वंदे मातरम और इंकलाब जिंदाबाद के नारे लगवाने के बाद केजरीवाल ने अपनी बात रखी। इस दौरान उन्होंने ईश्वर का धन्यवाद किया। उन्होंने कहा कि वह उन लाखों-करोड़ों लोगों का भी शुक्रिया अदा करते हैं, जिन्होंने उनके लिए मन्नतें मांगी, दुआएं की, आशीर्वाद भेजे और प्रार्थनाएं कीं।

हरियाणा में तेज होगा आप का चुनावी अभियान
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को जमानत मिलने के बाद अब आम आदमी पार्टी (आप) की सियासी सक्रियता बढ़ेगी। केजरीवाल के हरियाणा चुनाव के सियासी अखाड़े में उतरने से आप का चुनावी अभियान तेज होगा। प्रदेश में अपने दम पर लड़ रही आप के संयोजक केजरीवाल रैलियों, रोड शो, नुक्कड़ सभाओं के जरिये अपने उम्मीदवारों के हक में सियासी हवा बनाएंगे। इसके लिए पार्टी रणनीतिकारों ने होमवर्क शुरू कर दिया है। उधर, विधानसभा चुनाव के मुहाने पर खड़ी दिल्ली के आप कार्यकर्ताओं में भी जोश है। हरियाणा चुनाव के बाद आप की दिल्ली की तैयारी भी पटरी पर होगी।

पांच अक्तूबर को होने वाले हरियाणा चुनाव में अभी 20 दिन से ज्यादा बचे हैं। भाजपा व कांग्रेस के अलावा प्रदेश में भारतीय राष्ट्रीय लोकदल, जननायक जनता पार्टी भी मैदान में है। वहीं, कांग्रेस के साथ समझौता न होने से आप ने भी सभी 90 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतार दिए हैं। दिलचस्प यह है कि दिल्ली की सत्ता हासिल करने के बाद से ही आप हरियाणा में अपना विस्तार करने की योजना पर काम कर रही है। 2019 के बाद से इस प्रक्रिया को सघन किया है। पार्टी रणनीतिकारों का मानना है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का गृह प्रदेश और दिल्ली व पंजाब का सीमावर्ती प्रदेश होने से इस बार उसकी दावेदारी बेहतर होगी।

हरियाणा चुनाव की घोषणा होने के बाद से केजरीवाल की पत्नी सुनीता केजरीवाल ने अभियान की कमान संभाल रखी थी। जमानत मिलने के बाद से मनीष सिसोदिया का दखल भी प्रदेश में बढ़ा था। आप के दूसरे नेता भी चुनावी अभियान का हिस्सा थे। फिर भी, पार्टी रणनीतिकारों पर अरविंद केजरीवाल की गैर-मौजूदगी भारी पड़ रही थी। केजरीवाल की जमानत से पूरी पार्टी को मनोवैज्ञानिक बढ़त मिली है। माना जा रहा है कि केजरीवाल के हाथ में चुनाव की कमान जाने से संगठन मजबूती के साथ एकजुट होगा। साथ में शीर्ष नेतृत्व के मैदान में होने से नाराज नेताओं की सक्रियता भी बढ़ेगी। इससे आप का चुनावी अभियान तेज होगा।

आप का ज्यादा आक्रामक अभियान भाजपा के खिलाफ दिखेगा
हरियाणा चुनाव में समय कम होने से पार्टी का जोर केजरीवाल को ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचाने का होगा। इसमें रोड शो व नुक्कड़ सभाओं को कारगर माना जा रहा है। बेहद जरूरी होने पर ही पार्टी बड़ी सभाओं में केजरीवाल को उतारेगी। अपने शीर्ष नेता के जरिये आप कांग्रेस और भाजपा पर हमलावर रहेगी। आप का ज्यादा आक्रामक अभियान भाजपा के खिलाफ दिखेगा। जेल से निकलकर केजरीवाल अपने अभियान को धार देंगे। एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि एक-दो दिन में इसकी रणनीति तैयार कर ली जाएगी। इसमें जोर रोड शो पर रहेगा।

दिल्ली चुनाव की तैयारी होगी तेज
विधानसभा चुनाव के मुहाने पर खड़ी दिल्ली में अरविंद केजरीवाल के होने से आप के चुनावी अभियान में तेजी आएगी। हरियाणा चुनाव के बाद आप का पूरा फोकस दिल्ली पर होगा। पार्टी कार्यकर्ताओं में जोश भरने और एकजुट रखने के लिए केजरीवाल पूरा जोर लगाएंगे। इसमें छोटी-छोटी सभाएं तो होंगी ही, भाजपा के खिलाफ भी केजरीवाल का प्रचार आक्रामक रहेगा।

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