जयपुर : गोल्ड मामा उर्फ मुनियाद अली खान को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने इंटरपोल की मदद से संयुक्त अरब अमीरात (UAE) से गिरफ्तार किया है। सीकर (राजस्थान) के रहने वाले इस अंतरराष्ट्रीय सोना तस्कर पर खाड़ी देशों में स्मगलिंग के जरिए टेरर गैंग चलाने का आरोप है। मुनियाद खाड़ी देशों से गोल्ड तस्करी में कुख्यात नाम है। उसकी गैंग के लोग उसे ‘गोल्ड मामा’ के नाम से बुलाते हैं। मजदूरी के लिए खाड़ी देशों में जाने वाले राजस्थानियों को वो अपने गुर्गों के जरिए तस्करी में इस्तेमाल करता था।
हमारे मीडिया कर्मी ने 2020 में जयपुर एयरपोर्ट पर पकड़े गए उस मामले की चार्जशीट खंगाली, जिसमें मुनियाद का पहली बार नाम सामने आया था। पड़ताल कर जाना कि आखिर कैसे खाड़ी देशों में बैठकर सोना तस्कर मुनियाद भारत में अपनी गैंग चलाता था?
पढ़िए पूरी रिपोर्ट…
3 जुलाई 2020 को जयपुर एयरपोर्ट पर सोने की तस्करी करते हुए कस्टम विभाग ने दो अलग-अलग फ्लाइट से 14 लोगों को पकड़ा था। इनमें से 10 लोगों की गिरफ्तारी दिखाई गई थी। सभी तस्करों के पास 18.56 किलो सोना मिला था। इतनी बड़ी मात्रा में सोना दो चार्टर विमानों के जरिए UAE और सऊदी अरब से तस्करी कर लाया गया था। ये सभी लोग इमरजेंसी लाइट की बैटरी में सोना भरकर लाए थे।
पहली फ्लाइट स्पाइसजेट की एजी-9055 3 जुलाई 2020 की शाम UAE के रस अल खैमाह से जयपुर पहुंची थी। इस फ्लाइट में तीन तस्करों से 9.30 किलो सोना बरामद किया गया था। इसके बाद देर रात स्पाइसजेट की फ्लाइट एसजी-9647 रियाद से जयपुर पहुंची। इसमें भी 11 यात्रियों से 18.56 किलो सोना पकड़ा गया था।
इतने बड़े पैमाने पर सोना की तस्करी को टेरर एक्टिविटी मानते हुए गृह मंत्रालय (भारत) ने 21 सितंबर 2020 को ये केस NIA को ट्रांसफर कर दिया था। इस केस की इन्वेस्टिगेशन के दौरान सामने आया कि इस टेरर गैंग को मुनियाद अली, शौकत खान, मोहब्बत अली और समीर खान के साथ मिलकर चला रहा था।
फ्लाइट एसजी-9647 से तस्करी में पकड़े गए 11 लोगों में से दो आरोपियों सुरेंद्र दर्जी और मोहम्मद आरिफ ने खुलासा किया कि तस्करी का मास्टरमाइंड मुनियाद अली खान है। बाद में एक और तस्कर एजाज को NIA ने गिरफ्तार किया तो उसने भी मुनियाद अली उर्फ गोल्ड मामा और समीर खान का नाम उजागर किया था।
NIA की पड़ताल में हुए बड़े खुलासे पड़ताल में पता चला कि साल 2018 में चूरू जिले के सुजानगढ़ तहसील के हनुमान धोरा गांव का रहने वाला सुरेंद्र दर्जी, झुंझनूं जिले के कायमपुरा गांव का मोहम्मद आरिफ और नागौर के कुचामन का रहने वाला एजाज खान काम करने के लिए सऊदी अरब के रियाद शहर गए थे। वहां दोनों नेशमा कंस्ट्रक्शन कंपनी में लेबर और सर्वेयर का काम कर रहे थे।
इसी नेशमा कंस्ट्रक्शन कंपनी में फतेहपुर शेखावाटी के गांव रोलसाबसर का समीर खान और सीकर के गोड़िया बड़ा गांव के कायमखानी मोहल्ले का रहने वाला उसका मामा मुनियाद अली खान भी सर्वेयर का काम करते थे। एक ही कंपनी में काम होने के चलते सबसे पहले कुचामन के एजाज खान की समीर खान से दोस्ती हुई।
साल 2020 में कोरोना महामारी फैलने लगी। सुरेंद्र दर्जी, मोहम्मद आरिफ और एजाज खान को नेशमा कंस्ट्रक्शन कंपनी ने महारा कंपनी में भेज दिया। इस दौरान सभी को लेबर के साथ एक ही बिल्डिंग में रखा गया था। यहां एजाज, सुरेंद्र दर्जी और आरिफ की दोस्ती हो गई।
एजाज ढूंढता था हैंडलर, पहले से तैयार कर रखा था तस्करी का नेटवर्क जांच में खुलासा हुआ कि एजाज खान, समीर खान और मुनियाद खान लंबे समय से मिलकर पहले से ही खाड़ी देशों से भारत में सोने की तस्करी कर रहे थे। 25 जून 2020 को भी एजाज खान के कहने पर मुनियाद और समीर खान ने बीकानेर के रहने वाले तौफीक के साथ दमम एयरपोर्ट से जयपुर एयरपोर्ट पर तस्करी का सोना भेजा था। इसी दौरान समीर खान ने एजाज खान को बताया कि उसके मामा मुनियाद खान अभी भारी मात्रा में गोल्ड की तस्करी करना चाहता है। इसके लिए नए हैंडलर्स की जरूरत होगी।
एजाज खान को पता लगा कि सुरेंद्र दर्जी और मोहम्मद आरिफ को भारत जाना है। उसने उन दोनों से मिलकर एक ऑफर दिया कि अगर वो अपने साथ इंडिया गोल्ड लेकर जाएंगे तो बदले में तगड़ा पेमेंट दिया जाएगा। यहां तक कि भारत जाने का एयर टिकट का खर्च वह उठाएगा। बस उन्हें सोने के बिस्किट इंडिया ले जाने होंगे। ऑफर देखकर दोनों ने एजाज खान को हां कर दी और सोना तस्करी के लिए तैयार हो गए।
एजाज खान ने समीर खान को बताया कि सुरेंद्र दर्जी और मोहम्मद आरिफ गोल्ड ले जाने को तैयार हैं। एजाज ने रियाद से जयपुर के लिए हवाई टिकट खरीदने के लिए सुरेंद्र को एक हजार रियाल और आरिफ को 1150 रियाल दिए। इन पैसों से दोनों ने 3 जुलाई 2020 की फ्लाइट में सीट बुक कर दी। एजाज ने दोनों की पासपोर्ट की फोटो, उनके टिकट की फोटो और उन दोनों की फोटो समीर को भेज दी।
इमरजेंसी लाइटों के जरिए भेजा गोल्ड गोल्ड लाने की पूरी तैयारी हो चुकी थी। मुनियाद खान ने इमरजेंसी लाइट की बैटरी में सोने को सेट कर दिया था। 3 जुलाई 2020 को एजाज खान के साथ सुरेंद्र और आरिफ रियाद एयरपोर्ट पहुंच गए। इसी दौरान वहां मुनियाद खान एक और आदमी के साथ आया। मुनियाद खान ने इमरजेंसी लाइट (जिसकी बैटरी में सोने रखे गए थे) को सुरेंद्र और आरिफ के लगेज में रखवा दिया।
मुनियाद ने एजाज को वादे के मुताबिक पूरा पेमेंट नहीं दिया तो उसने समीर खान को फोन लगाया। इसके बाद समीर ने मुनियाद से बात की। मुनियाद ने उसे पूरा पेमेंट कर दिया। मुनियाद के साथ आए एक अनजान शख्स ने सुरेंद्र और आरिफ की फोटो ली। दोनों की फोटो जयपुर एयरपोर्ट के बाहर गोल्ड रिसीव करने वाले शख्स को भेज दी।
इसके बाद सुरेंद्र, आरिफ और एजाज फ्लाइट में बैठ गए और 3 जुलाई 2020 को ही रात में दस बजे जयपुर एयरपोर्ट पहुंच गए। कस्टम सिक्योरिटी को चेकिंग के दौरान सुरेंद्र और आरिफ के लगेज पर शक हुआ। उनके सामान को ढंग से स्कैन किया गया। इस दौरान कस्टम अधिकारियों ने उनके सामान में रखी इमरजेंसी लाइट को खोला। उसमें छिपाए गए सोने के बिस्किट बरामद हुए।
सुरेंद्र कुमार के बैग की इमरजेंसी लाइट में एक करोड़ पांच लाख 24 हजार 314 रुपए की 2115.440 ग्राम सोने के बार (बिस्किट) तो आरिफ के बैग की इमरजेंसी लाइट से 89 लाख 9 हजार 180 रुपए कीमत की 1790.790 ग्राम वजन के सोने के बिस्किट जब्त किए गए थे। इसके बाद सुरेंद्र और आरिफ को कस्टम के अधिकारियों ने गिरफ्तार कर लिया। इस दौरान एजाज खान चुपके से वहां से निकल गया। गिरफ्तार किए गए आरोपियों से कस्टम विभाग ने लंबी पूछताछ की। इसके बाद तस्करों के नामों का खुलासा हुआ।
पकड़े जाने पर जमानत तक करवाने का जिम्मा पकड़े जाने पर रियाद में बैठे समीर खान ने एजाज खान को कॉल कर कहा कि दोनों की जमानत के लिए पेमेंट और व्यवस्था मुनियाद खान करेगा। बस वो अपना मुंह नहीं खोलें। इसके कुछ दिनों बाद मोहम्मद आरिफ जमानत पर बाहर आ गया और उसने एजाज खान से संपर्क कर जमानत में खर्च हुए 30 हजार रुपए मांगे। इसके लिए अपने पिता मुंशी खान के अकाउंट की डिटेल भी उसे भिजवा दी। एजाज खान ने ये अकाउंट डिटेल्स समीर खान को भेज पेमेंट जमा करवाने को कहा।
इसके बाद मुनियाद खान के बेटे इमरान खान ने कहने पर जावेद खान नाम के एक शख्स ने आरिफ के बताए अकाउंट में 30 हजार रुपए जमा करवा दिए। इन्वेस्टिगेशन के बाद NIA ने 13 अक्टूबर 2020 को एजाज खान को भी गिरफ्तार कर लिया। इन्वेस्टिगेशन में पता चला कि एजाज खान ने अपने मोबाइल में मुनियाद का नंबर ‘गोल्ड मामा’ के नाम से सेव कर रखे थे।
NIA ने अपनी जांच में माना- तस्करी का टेरर मॉड्यूल इस मामले की चार्जशीट में NIA ने जिक्र किया है कि मुनियाद अली का तस्करी का यह मॉड्यूल किसी टेरर गैंग की तरह है। इस तरह की तस्करी के जरिए भारत की अर्थव्यवस्था को अस्थिर करने का प्रयास किया गया। अपनी पड़ताल में NIA ने पाया कि मुनियाद की तरह ही शौकत, मोहब्बत अली और समीर खान भी उसके साथ मिलकर अलग-अलग तरीके से सोने की तस्करी का रैकेट चला रहे हैं। NIA ने इस मामले में 22 सितंबर 2020 को यूएपीए एक्ट की धारा 16, 18 और 20 के तहत और भारतीय दंड संहिता की धारा 120 बी के तहत केस रजिस्टर्ड किया था।
इसके बाद 22 मार्च 2021 को मुनियाद, शौकत, मोहब्बत अली और समीर खान समेत कुल 18 आरोपियों के खिलाफ इन्हीं धाराओं में चार्जशीट पेश कर दी गई। इस दौरान मुनियाद, शौकत, मोहब्बत अली और समीर खान फरार चल रहे थे। बाद में NIA ने इन चारों को मोस्ट वांटेड क्रिमिनल अनाउंस कर दिया।
इसके बाद NIA की अपील पर CBI ने इस मामले में 13 सितंबर 2021 को इंटरपोल से रेड कॉर्नर नोटिस जारी करवाए थे। एक-एक कर शौकत अली और मोहब्बत अली को पकड़ लिया गया। मास्टरमाइंड मुनियाद और एक और तस्कर समीर खान की गिरफ्तारी अभी बाकी थी। 10 सितंबर 2024 को मुनियाद अली को यूएई से करीब 4 साल बाद गिरफ्तार कर भारत लाया गया है।
मंगलवार (10 सितंबर 2024) को उसे जयपुर की एनआईए कोर्ट में पेश कर दो दिन की पीसी रिमांड पर लिया गया है। पूछताछ में कई खुलासे होने की संभावना है।
सभी आरोपी जमानत पर बाहर, समीर की गिरफ्तारी बाकी गोल्ड तस्करी के इस केस से जुड़े 16 अन्य आरोपी जमानत पर पहले से बाहर हैं। मामले में अभी चौथे बड़े तस्कर समीर खान की गिरफ्तारी बाकी है। हालांकि अभी भी उस अनजान शख्स का पता नहीं लग पाया है, जो मुनियाद के साथ खाड़ी देश में सोना देने एयरपोर्ट पर आता था।