जयपुर : मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की पहल एवं चिकित्सा मंत्री गजेन्द्र सिंह खींवसर के निर्देशों पर प्रदेशभर में मिलावट के खिलाफ निरंतर अभियान चलाया जा रहा है। इसी कड़ी में मंगलवार को खाद्य सुरक्षा आयुक्त इकबाल खान के निर्देशन में जालसू तहसील के भीलपुरा सिरसली गांव में विनायक मिल्क फ़ूड प्रोडक्ट पर निरीक्षण कार्रवाई की गई।
अतिरिक्त आयुक्त पंकज ओझा ने बताया कि खाद्य सुरक्षा विभाग की टीम ने विनायक मिल्क फूड प्रोडक्ट पर कार्रवाई की तो वहां भारी गंदगी में रसगुल्ला का निर्माण किया जा रहा था। दूध एवं चासनी में मधुमक्खियां, कीड़े आदि पड़े हुए थे। गंदे पानी में रसगुल्ला पेपर में पैक कर ठंडा किया जा रहा था। बदबू इतनी तेज थी कि कोई आदमी फैक्ट्री के अंदर नहीं रह सकता। जैन स्पंजी केसर बाटी, सुदामा केसर बाटी, विनायक रसगुल्ला, प्लेन रसगुल्ला, बीकानेरी श्री राम रसगुल्ला, श्री राम ताजा रसगुल्ला, विनायक रसगुल्ला, विनायक राजभोग सहित अनेक ब्रांड के नाम से यहां पर केसर बाटी, राजभोग, रसगुल्ला, रसमलाई आदि पैक किए जा रहे थे। यहां लगभग 20,000 किलो बने हुए रसगुल्ले, राजभोग, केसर बाटी सीज किये गए। इन मिल्क प्रोडक्ट्स में कृत्रिम रंग मिलाए जा रहे थे, बेहद अनहाइजिनिक कंडीशन में रसगुल्ले आदि बनाकर पूरे भारत मे सप्लाई किये जा रहे थे। दूध, चासनी चीनी घी सब मे कीड़े मकोड़े मक्खियां पड़ी हुई थी।
गोपी स्वीट से लिए नमूने मिले अनसेफ
ओझा ने बताया कि 16 अगस्त 2024 को गोपी स्वीट्स, दुर्गापुरा से खाद्य सुरक्षा विभाग की टीम ने निरीक्षण कर सैम्पल लिए थे, जिसमें से अखरोट बर्फी, कानपुरी लड्डू के नमूने अनसेफ पाए गए हैं। इन मिठाइयों में कृत्रिम रंग मानक स्तर से अधिक पाया गया। मानव जीवन के लिए हानिकारक इन नमूनों को कोर्ट पे पेश कर सजा और पेनल्टी की कार्यवाही करवाई जा रही है।।