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मानसून विदाई से पहले भर गए 340 बांध:बारिश से पहले खाली थे 500 से ज्यादा डैम; बीसलपुर में पीने के लिए 2 साल का पानी आया


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मानसून विदाई से पहले भर गए 340 बांध:बारिश से पहले खाली थे 500 से ज्यादा डैम; बीसलपुर में पीने के लिए 2 साल का पानी आया

मानसून विदाई से पहले भर गए 340 बांध:बारिश से पहले खाली थे 500 से ज्यादा डैम; बीसलपुर में पीने के लिए 2 साल का पानी आया

जयपुर : राजस्थान में मानसून ने इस बार कई रिकॉर्ड तोड़ दिए। इन्हीं में से एक है बांधों का भरना। महज दो महीने में ही प्रदेश के 340 बांध ओवरफ्लो हो चुके हैं। पाली, जयपुर और बूंदी जिले के कई बांध ऐसे थे, जो सालों तक सूखे थे। ऐसे करीब 423 बांध हैं। इनमें से भी कई (बांध) ओवरफ्लो हो चुके हैं।

बीसलपुर बांध में पेयजल के लिए दो साल तक का और जवाई बांध में 1 साल तक का पानी आ गया है। बीसलपुर, कोटा बैराज, माही बजाज सागर, पांचना समेत कई ऐसे बांध हैं, जो ओवरफ्लो हो गए हैं। उनसे लगातार पानी छोड़ा जा रहा है। अभी सितंबर में 2 सप्ताह की बारिश और होनी है। ऐसे में अंत तक और भी बांध फुल होने की संभावना है।

फोटो बीसलपुर बांध की है। इस बार भरपूर पानी आया है। उम्मीद है कि किसानों को भी सिंचाई के लिए भरतपूर पानी मिलेगा।
फोटो बीसलपुर बांध की है। इस बार भरपूर पानी आया है। उम्मीद है कि किसानों को भी सिंचाई के लिए भरतपूर पानी मिलेगा।

530 बांध थे खाली राजस्थान में मानसून 25 जून को प्रवेश किया। उस समय तक राज्य के 691 में से 530 बांध पूरी तरह सूखे थे। इन 691 में से केवल 161 ही बांध ऐसे थे, जिनमें पानी था। इनमें से 4 बांध (कोटा बैराज, जवाहर सागर, अनासागर ) फुल (90 फीसदी या उससे ज्यादा) थे, जबकि 157 बांध ऐसे थे, जिनमें 10 से लेकर 90 फीसदी तक पानी था।

2 साल के लिए पीने के पानी का इंतजाम जयपुर-अजमेर जिले की करीब 1.10 करोड़ आबादी के लिए 2 साल तक पीने के पानी का इंतजाम हो गया है। इन दोनों जिलों के लोगों को बीसलपुर बांध से पानी सप्लाई होता है। ये बांध इस बार सितंबर में फुल हो गया और अब यहां से अतिरिक्त पानी को 6 गेट खोलकर छोड़ा जा रहा है। बांध का कुल जलभराव 315.50 आरएल मीटर है, जिसमें कुल 1095.84 एमक्यूएम पानी का भराव होता है।

चार दिन पहले दो साल बाद बीसलपुर डैम के चार गेट खोले गए थे। बांध बनने के बाद से अब तक ये 7वां मौका था, जब पानी छोड़ा जा रहा है। डैम से निकलने वाले पानी से करीब 81 हजार हेक्टेयर भूमि की सिंचाई हो सकेगी।

फोटो जवाई बांध की है। अभी लगातार पानी की आवक जारी है। उम्मीद है कि मानसून बीतने तक जवाई बांध में भी काफी पानी आ जाएगा।
फोटो जवाई बांध की है। अभी लगातार पानी की आवक जारी है। उम्मीद है कि मानसून बीतने तक जवाई बांध में भी काफी पानी आ जाएगा।

पाली के जवाई बांध में एक साल का आया पानी पाली जिले के लोगों के लिए पीने के पानी का सबसे बड़ा स्रोत जवाई बांध है। यह अभी पूरा नहीं भरा है। इस बांध में जुलाई तक पानी की आवक नहीं हुई थी। अगस्त की शुरुआत में इस बांध में 13 फीसदी से भी कम पानी था। उस समय बांध का गेज 4.25 आरएल मीटर पर था, जो अब बढ़कर 13 मीटर पर पहुंच गया है। आने वाले दिनों में बांध का जलस्तर और बढ़ेगा। इससे करीब एक साल तक पीने के पानी की व्यवस्था हो गई है। बांध का फुल गेज 18.67 मीटर है। जवाई बांध की कुल स्टोरेज क्षमता 207.51 एमक्यूएम है और वर्तमान में इसमें 97.546 एमक्यूएम पानी आ चुका है। इस बांध से पाली शहर और ग्रामीण एरिया की करीब 5 से 8 लाख आबादी को पीने के पानी की सप्लाई होती है।

बांसवाड़ा माही डैम के 40 साल में 26 बार खुले गेट माही बांध का निर्माण हुए 40 साल हो चुके हैं। इस बीच अब तक 26 बार गेट खोले गए हैं। साल 2006 में गणेश विसर्जन के दिन सभी 16 गेट पूरी क्षमता से खोले गए थे। साल 2019 के बाद से लगातार बांध ओवरफ्लो हो रहा है और इसके गेट खोले जा रहे हैं। बांध से पानी की निकासी के लिए 16 गेट बने हुए हैं। एक गेट साढ़े 12 मीटर तक खुल सकता है। इन गेट की चौड़ाई 15 फीट तक है।

जयपुर और बूंदी के बांधों का बना रिकॉर्ड इस मानसून में जयपुर के कानोता बांध ने भी रिकॉर्ड बनाया। साल 2000 में बना कानोता बांध 24 साल में दूसरी बार ओवरफ्लो हुआ। इसका पानी 15 गांवों तक पहुंचता है। इसमें जल महल, लंगड़ियावास, सुगली नदी, बरसाती नालों और आसपास के पहाड़ों का पानी आता है। बारिश के दौरान ओवरफ्लो होने पर इसका पानी ढूंढ नदी के जरिए सुमेल, विजयपुरा, बगराना, कानोता, रामरतनपुरा, नायला, ड्योडा चौड़, कूंथाड़ा खुर्द, हीरावाला, गीलावाला, दयारामपुरा, रामसर पालावाला, जीतावाला, खोखावाला, रूपा की नांगल समेत कई गांवों तक पहुंचता है। इस साल पानी अभी सिर्फ रामरतनपूरा और सुमेल गांव तक पहुंचा है। बाकी गांव तक पहुंचना बाकी है।

फोटो जयपुर के कानोता बांध की है। 24 साल बाद यह बांध ओवरफ्लो हुआ तो पर्यटकों की भीड़ लग गई।
फोटो जयपुर के कानोता बांध की है। 24 साल बाद यह बांध ओवरफ्लो हुआ तो पर्यटकों की भीड़ लग गई।
इसी तरह बूंदी जिले के सभी बांध ओवरफ्लो हो चुके हैं। अधिकारियों की मानें तो जिले में 23 बांध हैं। इस मानसून सीजन में पहली बार ऐसा हुआ है कि सभी के सभी बांध ओवरफ्लो हैं। कालीसिंध, राजगढ़ और छापी बांध से लगातार पानी की निकासी की जा रही है। पाली के सरदारसमंद बांध 45 साल बाद ओवरफ्लो हुआ है। इससे पहले यह बांध 1979 में ओवरफ्लो हुआ था। इसके बाद अब 2024 में ओवरफ्लो हुआ है। 25 फीट तक भर चुका है। जिले के 15 से ज्यादा बांध ओवरफ्लो हो चुके हैं।
पिछले साल 200 बांध हुए थे फुल साल 2023 के मानसून सीजन (30 सितंबर तक) में 200 बांध ही फुल हो सके थे। हालांकि उस समय कुल भरे हुए बांधों में से 85 फीसदी बांध तो जून-जुलाई में ही फुल हो गए थे। अगस्त-सितंबर में मानसून कमजोर रहा था और बांधों में पानी आना बहुत कम हो गया था।

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