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जयपुर की पहाड़ियों में 190 घंटे से युवक लापता:हाईकोर्ट ने होम सेक्रेटरी-डीजीपी समेत 5 से जवाब मांगा; पिता बोले-बेटा किसी की कैद में


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जयपुर की पहाड़ियों में 190 घंटे से युवक लापता:हाईकोर्ट ने होम सेक्रेटरी-डीजीपी समेत 5 से जवाब मांगा; पिता बोले-बेटा किसी की कैद में

जयपुर की पहाड़ियों में 190 घंटे से युवक लापता:हाईकोर्ट ने होम सेक्रेटरी-डीजीपी समेत 5 से जवाब मांगा; पिता बोले-बेटा किसी की कैद में

जयपुर : जयपुर के नाहरगढ़ में चरण मंदिर घूमने गए दो भाइयों में से एक का 190 घंटे बाद भी कुछ पता नहीं चला है। इस मामले में राजस्थान हाईकोर्ट ने होम सेक्रेटरी, डीजीपी समेत पांच लोगों को नोटिस जारी किया है। हाईकोर्ट ने 20 सितंबर तक रिपोर्ट पेश करने के लिए कहा है।

दरअसल, 1 सितंबर को राहुल पाराशर (21) और उसका भाई आशीष (19) चरण मंदिर घूमने निकले थे। यहां दोनों रास्ता भटक गए थे। परिजन की शिकायत पर पुलिस ने सर्च ऑपरेशन शुरू किया तो अगले दिन (2 सितंबर को) नाहरगढ़ की पहाड़ियों में आशीष का शव मिला था। लेकिन, पुलिस इस मामले में अब तक राहुल का पता नहीं लगा पाई है।

इसी मामले को लेकर राहुल के पिता सुरेश चंद्र शर्मा ने हाईकोर्ट में बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका लगाई थी। सोमवार को याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने अधिकारियों को तलब किया है।

राहुल का पता लगाने के लिए पुलिस ने नाहरगढ़ की पहाड़ियों में हेलिकॉप्टर से भी सर्च किया था। लेकिन, राहुल का कोई सुराग नहीं मिला।
राहुल का पता लगाने के लिए पुलिस ने नाहरगढ़ की पहाड़ियों में हेलिकॉप्टर से भी सर्च किया था। लेकिन, राहुल का कोई सुराग नहीं मिला।

पिता ने कहा था- बेटा किसी की कैद में है याचिका में पिता ने कहा था- मेरा बेटा राहुल किसी की कैद में है। उसकी जान को खतरा हो सकता है। ऐसे में पुलिस अधिकारियों को निर्देश दिए जाएं कि उसकी तलाश करके उसे कोर्ट के सामने पेश किया जाए।

याचिका में डीजीपी, गृह सचिव, एडीजी, मानव तस्करी विरोधी, पुलिस उपायुक्त जयपुर शहर उत्तर और शास्त्रीनगर एसएचओ को पक्षकार बनाया गया था। सोमवार को जज इंद्रजीत सिंह की खंडपीठ में इसकी सुनवाई हुई।

याचिकाकर्ता के वकील गिरिराज प्रसाद शर्मा ने बताया- इस मामले में परिजन ने समय पर पुलिस को इन्फॉर्म कर दिया था। पुलिस की लापरवाही और उदासीनता की वजह से समय पर सर्च नहीं किया गया। पुलिस और प्रशासन की ढिलाई की वजह से और जवाब नहीं देने पर हाईकोर्ट की शरण ली गई।

मामले की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने पुलिस से प्रोग्रेस रिपोर्ट तलब की है। साथ ही कोर्ट ने पांचों अधिकारियों को नोटिस जारी करते हुए 20 सितंबर तक जवाब मांगा है।

याचिका में पुलिस पर लापरवाही बरतने का आरोप याचिकाकर्ता के वकील गिरिराज प्रसाद शर्मा ने बताया- मामले में पुलिस ने भी लापरवाही बरती है। राहुल और आशीष से दोपहर बाद संपर्क नहीं हो पा रहा था। शास्त्री नगर थाने में इसकी सूचना दी गई, लेकिन पुलिस ने दोनों को खोजने का कोई प्रयास नहीं किया।

लोगों के थाने में एकत्रित होने के बाद अगले दिन सुबह से तलाश शुरू की गई। इस बीच तीन थानों की पुलिस क्षेत्राधिकार को लेकर उलझती रही। अगर समय पर तलाश शुरू की जाती तो संभवत: अनहोनी को टाला जा सकता था।

फोटो नाहरगढ़ में सर्च के दौरान का है। यहां टीम रोजाना करीब 5 घंटे सर्च कर रही हैं।
फोटो नाहरगढ़ में सर्च के दौरान का है। यहां टीम रोजाना करीब 5 घंटे सर्च कर रही हैं।

रास्ता भटक गए थे, एक दिन बाद छोटे भाई का शव मिला शास्त्रीनगर थाना इलाके की परबतिया कॉलोनी निवासी राहुल पाराशर (21) और उसका भाई आशीष (19) एक सितंबर को सुबह 6 बजे नाहरगढ़ की पहाड़ी पर चरण मंदिर जाने की कह कर निकले थे। इसके 5 घंटे बाद सुबह 11 बजे पिता के फोन पर आशीष ने कॉल कर बताया कि चरण मंदिर से लौटते वक्त वे रास्ता भटक गए हैं।

दोपहर 1 बजे तक उनके मोबाइल फोन पर रिंग जाती रही, लेकिन फोन उठाया नहीं गया। इसके बाद मोबाइल बंद हो गया। देर शाम तक जब परिजन का उनसे संपर्क नहीं हो सका तो वे शास्त्रीनगर थाने पहुंचे। आरोप है कि पुलिस ने मदद नहीं की और अपने स्तर पर ढूंढने को कहा। रविवार रात परिजन थाने के बाहर जुट गए और हंगामा किया।

इसके बाद शास्त्री नगर थाना पुलिस एक्टिव हुई। रात 11 बजे सिविल डिफेंस को जानकारी दी गई। सिविल डिफेंस की टीम ने 2 सितंबर को सुबह 5 बजे तक पहाड़ी एरिया में चरण मंदिर, हथिनी कुंड, नाहरगढ़ टांका, चांदमारी की पहाड़ी और जंगल के इलाकों में सर्च किया, लेकिन दोनों का कोई सुराग नहीं लगा।

2 सितंबर को सुबह टीमों ने दोबारा सर्च किया। इस दौरान नाहरगढ़ की पहाड़ियों में झाड़ियों में पड़ा आशीष का शव मिला, जबकि राहुल का सुराग अभी तक नहीं लगा है।

उनके पिता सुरेश पाराशर शास्त्री नगर में ही कांजी बड़े की दुकान चलाते हैं। राहुल एमए की पढ़ाई कर रहा है, जबकि आशीष बीए की पढ़ाई कर रहा था।

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