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डबल इंजन सरकार के शासन में भाजपाई लाचार


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झुंझुनूंटॉप न्यूज़देशराजस्थान

डबल इंजन सरकार के शासन में भाजपाई लाचार

डबल इंजन सरकार के शासन में भाजपाई लाचार

राजेन्द्र शर्मा झेरलीवाला पिलानी, वरिष्ठ पत्रकार व सामाजिक चिंतक

राजस्थान में भजनलाल शर्मा सरकार के गठन होते ही डबल इंजन सरकार को लेकर बहुत दावे किए गये थे । विकास की गंगा राजस्थान के अंतिम छोर तक पहुंचाने के दिवास्वप्न दिखाये गये । जब डबल इंजन सरकार में संगठन में बैठे भाजपाई ही खुद को असहज महसूस कर रहे हैं तो आम आदमी के काम होने की बात सोचना बेमानी होगी । भ्रष्टाचार को लेकर बड़े बड़े दावे करने वाली भाजपा के समक्ष भ्रष्टाचार ही सबसे बड़ी चुनौती बन रहा है । गृह जिले झुंझुनूं की बात करें तो पुरातत्व विभाग की धरोहर ऐतिहासिक हवेलियों स्थानीय प्रशासन को संरक्षण के चलते खुर्द-बुर्द करने को लेकर भाजपाई ही अपनी सरकार को कटघरे में खड़ा कर रहे हैं । सूत्रों की मानें तो झुन्झुनू में ऐतिहासिक हवेलिया जो शेखावाटी की शान है और पर्यटक इनका अवलोकन करने आते हैं उनको जमींदोज कर आवासीय कालोनी मे व्यवसायिक भवनों का निर्माण धड्डले से हो रहा है । इसको लेकर जिले के भाजपा के एक पदाधिकारी ने झुन्झुनू दौरे पर आये मंत्री झाबर सिंह खर्रा से शिकायत की है । हालांकि मंत्री ने नगर परिषद आयुक्त को इसको लेकर तलब किया लेकिन आगे क्या कार्यवाही होगी यह संदेह के घेरे में है । इसी क्रम में हैरिटेज सिटी नवलगढ़ में रामदेवरा मार्ग पर एक ऐतिहासिक हवेली को जमींदोज करने की तैयारी को लेकर भाजपा के एक नेता ने जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा है कि इस ऐतिहासिक धरोहर का संरक्षण किया जाए । बीड़ में गंदे पानी की निकासी व गांधी चौक से पंचदेव मंदिर पर जलभराव को लेकर भी भाजपाई हर बार जो भी मंत्री या प्रभारी मंत्री झुंझुनूं के दौरे पर आता है तो उनके संज्ञान में इस समस्या को लाया जाता है लेकिन आज तक इनको लेकर धरातल पर कोई काम दिखाई नहीं दे रहा है ।

अब सवाल यह उठता है कि जो भाजपा संगठन को सर्वोपरि मानती है और कार्यकर्ताओं को भगवान मानती है उनकी भी सुनवाई नहीं हो रही है तो आम आदमी अपनी समस्या के समाधान के बारे में सोचना आकाश से तारे तोड़ने जैसा है । एक समाचार के अनुसार प्रभारी मंत्री अविनाश गहलोत का बयान देखा था जिसमें वो अधीनस्थ व संबंधित अधिकारियों को नसीहत दे रहे थे कि भाजपा के आम कार्यकर्ता जो भी संबंधित विभाग की समस्या लेकर आते हैं तो उसका समाधान तुरत हो और कार्यकर्ता को कुर्सी देकर सम्मान किया जाए । लेकिन इससे उलट झुंझुनूं जिले में भाजपाइयों को जनहित के कार्यों को लेकर अनशन करने तक की चेतावनी देनी पड़ रही है । वैसे यह इस बात का भी संकेत हो सकता है कि ज्ञापन देने वाला कार्यकर्ता किस गुट से संबंध रखता है । गुटबाजी का आलम यह है कि कांग्रेस शासन में जब भाजपाई कोई आंदोलन या रैली निकालते थे तो आमजन में यह चर्चा रहती थी कि यह कौन सी भाजपा का आंदोलन है । इसी को लेकर शायद स्थानीय प्रशासन व अधिकारी इनकी नहीं सुनते क्योंकि उन अफसरों कि निष्ठा भाजपा के दूसरे धड़े के नेता के प्रति रही हो ।

राजेन्द्र शर्मा झेरलीवाला पिलानी, वरिष्ठ पत्रकार व सामाजिक चिंतक

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