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बाइक चलाकर भारत पर ‘प्लस’ बनाएंगी जयपुर की ‘बुलेट रानी’:देश के 4 कोनों की 16 हजार किलोमीटर का यात्रा करेंगी, बोलीं- कई परेशानियां आने वाली


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बाइक चलाकर भारत पर ‘प्लस’ बनाएंगी जयपुर की ‘बुलेट रानी’:देश के 4 कोनों की 16 हजार किलोमीटर का यात्रा करेंगी, बोलीं- कई परेशानियां आने वाली

बाइक चलाकर भारत पर 'प्लस' बनाएंगी जयपुर की 'बुलेट रानी':देश के 4 कोनों की 16 हजार किलोमीटर का यात्रा करेंगी, बोलीं- कई परेशानियां आने वाली

जयपुर : जयपुर की ‘बुलेट रानी’ विजया शर्मा देश के 4 कोनों का लगभग 16 हजार किलोमीटर का सफर करेंगी। जो लेह के खरडूंगला से कन्याकुमारी और अरुणाचल प्रदेश के किबिथू से गुजरात के कोटेश्वर तक का सफर करेंगे। विजया पूरा सफर 15 दिन में अकेले करेंगी। उनकी यात्रा 1 अक्टूबर से शुरू होगी।

विजया ने बताया- फाइनेंशियल समस्याओं के बावजूद मैंने इस राइड की कई महीने पहले घोषणा कर दी थी। अब मैंने इसकी तैयारियां शुरू कर दी है। यह बहुत मुश्किल राइड होने वाली है, लेकिन मैं यह पूरा करने वाली हूं। मैं चाहती हूं कि राजस्थान सरकार भी इसमें अपना सहयोग दे। जब मैं जयपुर से निकलूं तो मुख्यमंत्री या मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ हरी झंडी दिखाकर हौसला अफजाई करें। विजया सोलो बाइकर के रूप में अपनी पहचान रखती हैं।

विजया सोलो बाइकर के रूप में अपनी पहचान रखती हैं। उन्हें बुलेट रानी के नाम से भी जाना जाता है।
विजया सोलो बाइकर के रूप में अपनी पहचान रखती हैं। उन्हें बुलेट रानी के नाम से भी जाना जाता है।

कब से शुरू करने वाली है यह राइड, क्या खास रहने वाला है?
विजया ने बताया- अक्टूबर में इंडिया के चार कॉर्नर की राइड शुरू करने वाली हूं। एक अक्टूबर से जयपुर से निकलूंगी। यहां से सीधे कटरा, कारगिल और लेह तक जाउंगी। यहां तक कोई ट्रेवल काउंट नहीं होगा। चार कॉर्नर की यात्रा 16500 किलोमीटर की है। इसे 15 दिन में पूरा करने का टारगेट लिया है। यह राइड असलियत में लेह के खरडूंगला से शुरू होगी। बाइक में जीपीएस लगा हुआ है। जहां से निकलूंगी वहां के न्यूजपेपर, पुलिस वेरिफिकेशन साइन, टॉलटेक्स सहित उस दिन को बयां करने वाले डॉक्यूमेंट एकत्रित करते हुए आगे बढूंगी।

उन्होंने बताया- वीडियो फोटो लाइव रखूंगी। मैं एक रिकॉर्ड बनाना चाह रही हूं। इसके लिए ये डॉक्यूमेंट बहुत खास रहने वाले हैं। मैंने बहुत सारी राइड की हैं, लेकिन रिकॉर्ड के लिए कभी राइड नहीं की है। मैंने कश्मीर से कन्याकुमारी 104 घंटे में पूरा किया था। अब यह चार कॉर्नर खरडूंगला से कन्याकुमारी और किबिथू से लेकर कोटेश्वर तक की यह यात्रा होगी। मैं इंडिया के मैप पर प्लस का निशान बनाना चाह रही हूं।

यह यात्रा आसान नहीं रहने वाली है। कई तरह की समस्याओं से भी सामना करना पड़ेगा। मौसम परेशान करने वाला है। मणिपुर में हुई घटनाएं और कोलकाता के हालात के कारण भी परेशानी आने वाली है। बॉर्डर उधर की तरफ से ही क्रोस करना है। लेकिन इन सभी चीजों से डर नहीं रही हूं।

विजया 1 अक्टूबर से अपनी राइड की शुरुआत जयपुर से करने वाली हैं।
विजया 1 अक्टूबर से अपनी राइड की शुरुआत जयपुर से करने वाली हैं।

प्रतिदिन 1 हजार किलोमीटर से ज्यादा बाइक चलानी होगी
विजया ने बताया- एक दिन में 1 हजार किलोमीटर बाइक चलाऊंगी तो डेस्टिनेशन कवर कर पाउंगी। सच तो यह है कि एक हजार किलोमीटर से ज्यादा चलाना पड़ेगा। क्योंकि पहाड़ी एरिया में 250 से 300 किलोमीटर से ज्यादा नहीं चला पाते। ऐसे में आपका प्रतिदिन ऐवरेज किलोमीटर बढ़ जाता है। पहाड़ पर शाम को चला नहीं सकते। ऐसे में बाहरी जगह पर दिन-रात बाइक चलाने वाली हूं। बीच-बीच में कुछ देर के लिए रेस्ट लूंगी।

पूरानी बाइक से ही करेंगी राइड, 60 से 70 हजार रुपए का पेट्रोल लगेगा
विजया ने बताया- राइड से पहले कई चैलेंज हैं। मैं अपनी पुरानी बाइक रॉयल एनफील्ड ही इसके लिए यूज कर रही हूं। इसी बाइक से मैं 19 हजार फीट ओमिंगला पास पूरी करके आई हूं। नई बाइक नहीं खरीद पा रही हूं, बजट बढ़ रहा है। इस राइड में 60-70 हजार का पेट्रोल भी लग जाना है। खाना-पीना भी होगा। गाड़ी की सर्विस-रिपेयरिंग भी होगी। इतना सपोर्ट तो घरवाले भी नहीं कर पाते। इसलिए मैं चाहती हूं कि राजस्थान सरकार इसमें मेरा सपोर्ट करे।

सबसे बड़ी बात और दिल की इच्छा है कि जब मैं जयपुर से राइड के लिए निकलूं तो मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और मंत्री राज्यवर्द्धन सिंह हरी झंडी दिखाकर हौसला बढ़ाएं। मेरा कॉन्फिडेंस लेवल भी बढ़ जाएगा। मैं देश और राजस्थान के लिए यह अनोखा कारनामा कर पाऊंगी। जो एक महिला के तौर पर बहुत खास रहने वाला है।

राइड के लिए स्कूल में पीटी टीचर बनीं
विजया ने बताया- सभी ने सोचा कि मैंने अचानक स्कूल क्यों जॉइन कर लिया, जबकि मैं पिछले पांच-सात साल से सिर्फ बाइकिंग ही कर रही हूं। क्योंकि यह राइड बहुत बड़ी थी। इस राइड को करने के लिए वजन कम करना था। मैं अभी निमेड़ा में मिहाई पब्लिक स्कूल में पीटी टीचर के रूप में काम कर रही हूं। मैनेजमेंट भी मेरी राइड में सपोर्ट कर रहा है। बच्चों से भी एक एनर्जी मिल रही है। उनके पीछे भागते हुए, उनके साथ खेलते हुए। इसके चलते मैंने वेट कम कर लिया है। यह स्कूल जॉइन करने का ही फायदा रहा है। मैं उन सभी से यही कहना चाहती हूं कि बड़े या छोटा होना महत्व नहीं रखता है। अपनी सोच और अपनी चीजों को डवलप रखना ही मैन होती है।

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