ग्रामीण क्षेत्र में नहीं हुआ बन्द का कोई असर, आम दिन की तरह खुले रहे बाज़ार
ग्रामीण बोले सुप्रीम कोर्ट का फैसला स्वागत योग्य
जनमानस शेखावाटी संवाददाता : अनिल शर्मा
शिमला : अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति समुदाय के संगठनों द्वारा 21 अगस्त बुधवार को संपूर्ण भारत बंद का आह्वान किया था। जिसके तहत उन्होंने सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए फैसले का विरोध किया था। जिसका असर गांवो में बिल्कुल भी देखने को नहीं मिला। गांवो में आम दिनों की तरह ही गतिविधियां जारी रही। सभी दुकानें, सरकारी कार्यालय खुले तथा उनमें आम दिनों की तरह ही कार्य हुए। बाजारों में चहल पहल रही, निजी वाहन भी रोड़ों पर तेज गति से दौड़ते रहे। हालांकि जिला कलेक्टरों के निर्देश पर विद्यालयों में बच्चो का सार्वजनिक अवकाश घोषित किया था। जिसके कारण सभी कर्मचारी ड्यूटी पर उपस्थित रहे। हालांकि कई निजी शिक्षण संस्थानों ने जिला कलेक्टर के आदेशों की धज्जियां उड़ाई। उन्होंने कलेक्टर के आदेश ही नहीं माने उन्होंने आम दिन की तरह स्कूल लगाकर पढ़ाई भी करवाई। ऐसे स्कूलों के खिलाफ सरकार को कड़ा एक्शन लेना चाहिए। गांवो में बंद के दौरान कोई अप्रिय घटना होने के समाचार नहीं मिले। बंद को लेकर ग्रामीणों की अनेक तरह की प्रतिक्रियाएं सामने आई लोगों का कहना है कि आरक्षण केवल जरूरतमंद को ही मिलना चाहिए। आरक्षण को लेकर सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी स्वागत योग्य है। जिसको एक बार आरक्षण का लाभ मिल चुका है सरकार को उसके परिवार का आरक्षण बंद कर देना चाहिए।