[pj-news-ticker post_cat="breaking-news"]

स्वतंत्र देश के स्वतंत्र नागरिकों को स्वच्छता की महत्वता को समझना होगा – के.के. गुप्ता  


निष्पक्ष निर्भीक निरंतर
  • Download App from
  • google-playstore
  • apple-playstore
  • jm-qr-code
X
आर्टिकलटॉप न्यूज़राजस्थानराज्य

स्वतंत्र देश के स्वतंत्र नागरिकों को स्वच्छता की महत्वता को समझना होगा – के.के. गुप्ता  

स्वतंत्र देश के स्वतंत्र नागरिकों को स्वच्छता की महत्वता को समझना होगा - के.के. गुप्ता  

जयपुर/उदयपुर : देश के यशस्वी प्रधानमंत्री  नरेन्द्र मोदी ने 2 अक्टूबर 2014 राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की भावना के अनुरूप ‘‘स्वच्छ भारत मिशन’’ को जन आन्दोलन बनाकर देश को स्वच्छ बनाने का संकल्प लिया था देश को समृद्ध एवं शक्तिशाली बनाने की दिशा में स्वच्छ बनाना होगा। यह कल्पना कर इसे अभियान के रूप में चलाया।
आज राजस्थान के शहर एवं गांव स्वच्छता के नाम से आंसु बहा रहे है आमजन गन्दगी से परेशान ही नहीं बिमारियों से ग्रसित हो रहा है मक्खी मच्छरों ने प्रकोप फैल रहा है शहरों की बात करो तो निकायों ने स्वच्छता को अतिरिक्त कार्य मान लिया है जबकि यह निकायों का मुख्य कार्य है।
स्वच्छता के समस्त मशीनरी एवं मैन पावर होने के बाद भी निकायों में गन्दगी की भरमार है सरकारी अधिकारी सोचता है मैं कितने दिन रहूँगा। मैं क्यों इस कार्य में लगू दुसरी तरफ जन प्रतिनिधि सोचता मैं दूबारा तो बनूगा नहीं मैं क्यों स्वच्छता कायम करने में अपनी एनर्जी लगाउ।
‘‘स्वच्छता’’ बडा पवित्र नाम एवं काम है जिसे देवी -देवताओं ने भी स्वीकार किया है तथा देश के प्रधानमंत्री एवं राजस्थान के मुख्यमंत्री का भी बहुत प्रिय है। स्वच्छता में पर्यावरण एवं शुद्ध जल भी सम्मिलित है जहां स्वच्छता होगी वहां पर्यावरण भी शुद्ध होगा तथा स्वच्छता में जल स्त्रोत भी स्वच्छ होने से शुद्ध होंगे।
आज हम देख रहे हैं कि निकायों द्वारा साजिश पूर्वक पुराने कचरे (लैगेसी वैस्ट) को जलाकर साजिश पूर्वक न केवल सरकार को धोखा दे रहे है अपितृ प्रदूर्षण को दूषित कर आमजन के जीवन से (फैफडों) से खिलवाड कर रहे है जबकि सरकार इसके लिए भारी राशि देकर इसे सीमेन्ट फैक्ट्रियों में ले जाने के लिए पाबन्द कर चूूकी है परन्तु मिली भक्ति कर जो गबन किया जा रहा है उसे रोकने की आवश्यकता है। कचरा यार्ड में पडे कचरे पर जब वर्षा का पानी पडता है तो वह पानी जहरीला हो जाता है तथा धरती में रिस-रिस कर चले जाने से धरती के पानी को जहरीला बना देता है। स्वच्छता सीधे-सीधे पर्यावरण एवं शुद्ध जल को भी प्रभावित करती है।
राजस्थान के यशस्वी मुख्यमंत्री स्वच्छता को लेकर बार-बार संदेश दे रहे है। राजस्थान स्वच्छ बनेगा तो राजस्थान श्रैष्ठ एवं समृद्ध बनेगा तथा आमजन निरोगी बनेगा।
शहरों से ज्यादा गांवों में स्थितियां गन्दगी को लेकर भयानक बनती जा रही है यहां स्पष्ट रूप से स्वच्छता भारत मिशन की धज्जियां उड रही है तथा राजस्थान सरकार एवं भारत सरकार द्वारा बिना सूचना के अकास्मिक निरिक्षण करे तो वास्तु स्थिति अथवा फैली हुई गन्दगी पर अंकुश लग सकता है।
अभी दिल्ली की ताजा घटना ने आमजन को छछोर कर रख दिया आई.ए.एस. की तैयारी कर रहे अण्डर ग्राॅउण्ड में रहकर तैयारी करने वाले 3 युवा गन्दगी अथवा नाले के चोक होने से पानी भरने से मौत का शिकार हो गये थे।
स्वच्छता की तासीर को समझने की आवश्यकता है स्वच्छता न केवल जनमानस को स्वच्छ रखती है अपितृ जीने की उम्र भी बढाती है।यहां यह आवश्यक है स्वच्छता को धरातल पर उतारने के लिए दण्डनात्मक बनाना होगा तथा लापरवाही करने वाले अधिकारी के विरूद्ध कार्यवाही अमल में लानी होगी।

Related Articles