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खेतड़ीनगर में डेढ़ घंटे तेज बारिश:सड़कें हुई जलमग्न, आवासीय क्वार्टरों में घुसा पानी


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खेतड़ीनगर में डेढ़ घंटे तेज बारिश:सड़कें हुई जलमग्न, आवासीय क्वार्टरों में घुसा पानी

कॉपर टाउनशीप में बाढ के हालात, दो-दो फिट तक घरों में घुसा बरसात का पानी, जन जीवन हुआ अस्त व्यस्त

खेतड़ीनगर : क्षेत्र में शनिवार सुबह करीब डेढ़ घंटे हुई तेज बरसात के चलते केसीसी टाउनशीप के आवासिए क्वार्टरों में पानी भर गया। बरसात का पानी घरों में घुस जाने से जन जीवन अस्त व्यस्त हो गया। जानकारी के अनुसार सुबह करीब सात बजे तेज बरसात शुरू हुई जो करीब डेढ़ घंटे तक जारी रही। तेज बरसात के कारण टाउनशीप में बाढ के हालात हो गए। बरसात के पानी की निकासी नही होने के कारण घरों में पानी भरता देख केसीसी प्रशासन व प्रशासन को अवगत करवाया लेकिन दस बजे तक कोई भी अधिकारी मौके पर नही पहुंचा तो समाज सेवी बबलू अवाना को सूचित किया, सूचना पर अवाना मौके पर पहुंच कर विधायक इंजीनियर धर्मपाल गुर्जर को अवगत करवाया। विधायक ने केसीसी प्रशासन को मौके पर भेजा।

आलोक जैदिया, रमेश पांडे, अजय कुमार आदि ने बताया कि केसीसी प्रशासन ने समय रहते नालों की सफाई नही करवाई साथ ही भु माफियों ने नालों की जमीन पर कब्जा कर नालों को बंद कर दिया जिसके कारण हर साल बरसात के समय में टाउनशीप में बाढ के हालात पैदा हो जाते है। उन्होंने बताया कि केसीसी टाउनशीप का सारा बरसात का पानी बह कर फर्स्ट सेक्टर के हाथी पार्क के पास आवासिए कॉलोनी में जमा हो गया जिससे घरों में दो-तीन फिट तक पानी भर गया और सड़के भी लबालब हो गई। नाले बंद होने के कारण पानी की निकासी नही होने के चलते लाखों रूपए का सामान खराब हो गया। तेज बारिश के कारण नाले भर गए और पानी सड़कों पर आ गया, जिससे क्वार्टरों में भी पानी घुस गया। क्षेत्र की सड़कों पर पानी भरने से वे दरिया में बदल गईं, जिससे राहगीरों और वाहन चालकों को भारी समस्याओं का सामना करना पड़ा।

खेतड़ीनगर में सड़कें जलमग्न हो गई है।

केसीसी प्रशासन ने मौके पर पहुंच कर जेसीबी मशीन की सहायता से नालों की खुदाई करवाई, करीब चार घंटे बाद बरसात के पानी की निकासी हो पाई। रमेश पांडे ने बताया कि बरसात के पानी की उचित निकासी न होने के कारण क्वार्टरों में पानी भर गया। उन्होंने आरोप लगाया कि केसीसी प्रशासन ने बरसात शुरू होने से पहले नालों की सफाई नहीं करवाई।

इंदिरा कॉलोनी, प्रभात कॉलोनी और मुख्य बाजार स्थित मुस्लिम बस्ती में भी पानी की सही निकासी न होने के कारण ग्रामीणों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। सड़कों पर पानी के तेज बहाव से नाले उफान पर आ गए हैं।

तहसील रिकार्ड के अनुसार शनिवार को 13 एमएम बारिश दर्ज की गई है। क्षेत्रीय निवासियों ने कहा कि नालों की नियमित सफाई की कमी के कारण बारिश के पानी की निकासी में समस्याएं आ रही हैं, जिससे हर बार भारी बारिश के दौरान पानी सड़कों और आवासीय इलाकों में भर जाता है।

इनका कहना है

~ एम एस नागर, एडीजीएम सिविल

आज सुबह बहुत ज्यादा बरसात हुई है जिसकी वजह से इन क्वार्टरों में पानी भरा है। जब हमे पता लगा, तब से जेसीबी की सहायता से नालों की ब्लॉकेज हटा कर पानी की निकासी की जा रही है। जो नाले और पाईप बंद है उनको खुलवा रहे है। नाले की सफाई का काम अभी प्रोसेस में है जो अभी पुरा नहीं हो पाया है। लेकिन इतनी बरसात टाउनशीप में कभी नहीं होती। हर साल बरसात होती है, कभी भी इस तरह कि समस्या नहीं होती । ये जो टाउनशीप बनी है वो नॉर्मल बरसात के लिए बनी हुई है। गोठडा कि तरफ से बहुत ज्यादा पानी आ रहा है और इस टाउनशीप के नाले की साईज पानी के हिसाब से कम है। भविष्य में ऐसी समस्या दुबारा ना हो इसके लिए एक्सपर्ट से सलाह लेंगे और वो जो दिशा निर्देष देंगे उसके अनुरूप हम इन नालो को डवलप करेंगे ।  ~ एम एस नागर, एडीजीएम सिविल 

~ बिड़दूराम सैनी, केटीएसएम महामंत्री

टाउनशिप की सड़को की तरफ लगभग 3 से 4 नाले बने है उनमें कचरा भरा होने के चलते बन्द है तथा लंबे समय से सफाई न होने के कारण पानी भराव की समस्या आई है। ये नाले पहले साफ हो जाते तो ऐसी नौबत नहीं आती। इसमें केसीसी एडमिनिस्ट्रेशन और मैनेजमेंट की पूरी-पूरी लापरवाही है, और तो केसीसी टाउनशीप का कौन जिम्मेदार होगा। ~ बिड़दूराम सैनी, केटीएसएम महामंत्री 

 

गोठड़ा ग्राम का पानी कॉलोनी में आने का आरोप निराधार है। एचसीएल प्रशासन अपनी गलती छुपाने के लिए गोठड़ा पर आरोप लगा रहे हैं। प्रशासन ने साफ सफाई के टेंडर ही नहीं किया। एचसीएल के क्वार्टरों के बरसात का पानी निकासी पर जगह अतिक्रमण कर रखा है। उनको हटाया नहीं गया। इसलिए पानी क्वार्टरों के आगे ही भर गया। ~ सरती देवी, सरपंच ग्राम पंचायत गोठड़ा

समाज सेवी हरीराम गुर्जर

कॉपर टाउनशीप 10-15 साल पहले तो बसी नहीं इसे बसे लगभग 40 से 50 साल हो गए है। बरसात पहले भी होती थी और आज से भी ज्यादा हुआ करती थी। उस वक्त भी यही नाले थे यही अधिकारी थे। समय-समय पर सफाई हुआ करती थी, जो कि अब नहीं होती। अपनी कमी को दबाने के लिए गोठडा के पानी का आरोप लगाते है। गोठडा से ज्यादा बरसात में पहाड का पानी आता है जिसे आने से कोई नहीं रोक सकता। पानी हमेशा ढलान में हि बहेगा और रही बात गोठड़ा की तो गोठडा का सारा पानी डब्ल रोड के सटकर जो नाला बना हुआ है उस से होते हुये सीधा नदीं में जाता है। क्वाटरों में रहने वालों में डर का माहौल है। आज 3 दिन हो गये डर के मारे जनता क्वाटर में नहीं घुस रही । बिना खाये पिये रात बिताने पर मजबुर है जनता। कम्पनी अपनी कमी को छुपाने के लिए गोठडा को बीच में लेकर आती है। यहाँ अतिक्रमणकारीयों द्वारा सारे नाले रोक दिये गये हैं। किसी ने कम्पनी की जमीन पर कब्जा करके अवेध प्लॉटिंग कर रखी है इसलिए सारे नाले प्लोटिंग वालो ने बंद कर दिये। इसकी जांच करवाई जायेगी और दोषी को बक्सा नहीं जावेगा। ~ समाज सेवी हरीराम गुर्जर 

समाज सेवी बबलू अवाना

एचसीएल प्रशासन जो आरोप लगा रहा है वो बिलकुल निराधार आरोप लगा रहा है। पहले गोठडा बसा था टाउनशीप बाद में बसी है। एचसीएल वाले बोलते है कि गोठडा का पानी आ रहा है तो वैसे तो गोठडा का पानी नहीं आता। एक बार मान ले की गोठड़ा का पानी क्या पहले नहीं आता था क्या अब नया आया है। टाउनशीप की सारे नाले-नालिया चौक पड़ी है। ये अपनी कमियों को दबाने के लिए गोठड़ा पर आरोप लगा रहें है कि गोठडा का पानी आता है। गोठडा तो उचाई में बसा हुआ है तो पानी तो ढलान में ही आयेगा, ऊपर पहाड पर थोड़ी चड़ जायेगा। ये सब बकवास है। मेरे पास सुबह मौहल्ले वालो का फोन आया था कि ऐसी हालत हो रखी है एचसीएल वाले अभी तक नहीं आये। मैने विधायक जी को कॉल किया उनको सारी स्थिति के बारे अवगत करवाया उन्होंने एचसीएल प्रशासन और एसडीएम से बात की, उसके बाद एचसीएल वाले आये है। अब ये नालो का जाम जेसीबी से खुलवा रहे है। एचसीएल वालो ने अभी तक सफाई का कोई टेंडर पास नहीं किया। बारिश से पहले सफाई का टेंडर दिया जाना चाहिए तब तो वह कोई काम भी आये। अब बारिश खत्म होने के बाद तो कोई काम बचेगा नहीं । हर क्वाटर वाला परेशान है। हर क्वाटर वाले के कम से कम 50000 रू का नुकसान हुआ है। एचसीएल वालो ने सिवरेंज के पानी में भी एक ही मोटर लगा रखी है कभी एक मोटर से इतनी बडी टाउनशीप का पानी खिचेगा क्या? सिवरेज का पानी वापस बैक हो रहा है। इन्होंने सिवरेज का बाईपास बंद क्यो कर रखा है। ~ समाज सेवी बबलू अवाना

रमेश कुमार,सामाजिक कार्यकर्ता

हर बार तेज बारिश में केसीसी का प्रथम सेक्टर अव्यवस्थाओं के चलते जलमग्न हो जाता है केसीसी मैनेजमेंट के पास आपदा से निपटने के लिय 40 साल से आपदा प्रबंधन के नाम पर पैसा आ रहा है इस के साथ सीएसआर योजना में बहुत पैसा आता है लेकिन खर्च कहां होता है यह किसी को पता नहीं है लगभग हर वर्ष टाउनशिप के नालों और सिवरेज की सफाई के लिए टेंडर दिया जाता है नालों,नालियों और सिवरेज लाइन की सफाई केवल कागजों में की जाती है इंजीनियर इंचार्ज भौतिक अवलोकन करने से परहेज करते है और कार्यालय में बैठकर बिल पास कर देते हैं लाइन चौक होने पर टाउनशिप निवासी लिखित मौखिक अवगत करवाते हैं तो जवाब मिलता है कि अभी दूसरी साइट पर काम चल रहा है जब बरसात के बाद पानी स्वतः निकल जाता है तो उसकी भी कागजों में सफाई दिखा कर बिल पास कर दिया जाता है लेकिन मैनेजमेंट की लापरवाह उदासीन नीतियों के कारण आपदा आने के बाद मैनेजमेंट नींद से जागती है सैकड़ों जिंदगियां दाव पर है अतः उचित कार्यवाही के लिय भारत सरकार और राजस्थान सरकार को अवगत करवाया जायेगा।। ~ रमेश कुमार,सामाजिक कार्यकर्ता.

अजय कुमार, स्थानिय निवासी

पूरा प्रशासन तहस-नहस हो रखा है कोई नहीं है सम्भालने वाला, घर का सारा सामान पानी की वजह से खराब हो गया है। दो दिन पहले भी बरसात हुई तब भी ऐसी हालत हुई थी। पुरा प्रशासन गहरी नींद में सोया हुआ हैं। कोई पुछने वाला नहीं हैं। इनको तो टाइम पर क्वाटर का किराया और इसके बिजली पानी बिल लेने से मतलब है और प्रशासन को किसी से कोई मतलब नहीं है, जनता मरती है तो मरने दो, कोई मतलब नहीं है। सारे नाले मिट्टी और कचरे से बंद पड़े है। ~ अजय कुमार, स्थानिय निवासी

 

लक्ष्मीनारायण, स्थानिय निवासी

क्वाटर में पानी भर गया है खाद्य सामग्री पुरी खराब हो गई है। बिस्तर पानी में तैर रहे है। 3-3 फुट पानी भर गया है और प्रशासन कोई सुध नहीं ले रहा । ~ लक्ष्मीनारायण, स्थानिय निवासी

 

 

 

विमला, स्थानिय निवासी

आज सुबह से हमारा घर पानी से लबालब भरा हुआ है। घर का सारा सामान पानी में तैर रहा है। घर की चारपाई के उपर तक पानी आ गया है। बच्चो को रो-रो कर बुरा हाल है। प्रशासन से अभी तक कोई मौके पर नहीं पहुचा। सभी नाले चौक है जिनकी अभी तक कोई सफाई नहीं हुई ~ विमला, स्थानिय निवासी

 

 

 

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