सुप्रीम कोर्ट बोला- NEET-UG में केवल पटना-हजारीबाग सेंटर पर गड़बड़ी:एक्सपर्ट कमेटी NTA की खामियां पहचाने, SOP बनाए; 30 सितंबर तक रिपोर्ट सौंपे
सुप्रीम कोर्ट बोला- NEET-UG में केवल पटना-हजारीबाग सेंटर पर गड़बड़ी:एक्सपर्ट कमेटी NTA की खामियां पहचाने, SOP बनाए; 30 सितंबर तक रिपोर्ट सौंपे

नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार (2 अगस्त) को कहा है कि NEET-UG परीक्षा में सिस्टमैटिक ब्रीच नहीं हुआ है, यानी इस परीक्षा में सिलसिलेवार गड़बड़ियां नहीं मिली हैं। पेपर केवल दो सेंटर पटना और हजारीबाग में लीक हुआ।
कोर्ट ने NTA की मॉनिटरिंग के लिए बनाई गई एक्सपर्ट कमेटी से कहा है कि वह NEET के लिए SOP तैयार करे। साथ ही साइबर सिक्योरिटी में खामियों की पहचान भी करे। कमेटी से 30 सितंबर तक जवाब मांगा गया है।
केंद्र सरकार ने NTA के पूरे सिस्टम की जांच के लिए 22 जून को ISRO के पूर्व चेयरमैन के राधाकृष्णनन की अगुआई में एक्सपर्ट कमेटी बनाने की घोषणा की थी। कोर्ट ने इस कमेटी से 8 पॉइंट्स पर काम करने को कहा है।
सुप्रीम कोर्ट ने NTA मॉनिटरिंग कमेटी से रिपोर्ट मांगी
- एग्जाम सेंटर अलॉट करने की प्रोसेस बेहतर करें।
- सभी एग्जाम सेंटर्स की CCTV से निगरानी हो।
- आइडेंटिटी वेरिफिकेशन की प्रोसेस मजबूत बनाएं।
- एग्जाम सेंटर्स तक क्वेश्चन पेपर पहुंचाने के पुख्ता इंतजाम करें।
- शिकायतों की जांच और उनके निपटारे के लिए पोर्टल बनाएं।
- NTA में अलग से इवैल्यूएशन कमेटी बनाएं।
- साइबर सिक्योरिटी मैनेजमेंट के लिए इंटरनेशनल एजेंसियों की मदद लें।
- स्टूडेंट्स, एग्जाम सेंटर के स्टाफ और टीचर्स की काउंसलिंग करें।
- कमेटी 30 सितंबर तक केंद्र सरकार को रिपोर्ट दे।
- शिक्षा मंत्रालय अगले दो हफ्ते में सभी सुझावों को लागू करे
कोर्ट ने कहा- केंद्र सरकार NTA के स्ट्रक्चर में इसी साल सुधार करे
कोर्ट ने कमेटी के सुझावों के आधार पर शिक्षा मंत्रालय NTA की वर्किंग में सुधार के लिए एक महीने में प्रोग्राम तैयार करने को कहा है। 30 सितंबर के बाद अगले दो हफ्तों में शिक्षा मंत्रालय से प्रोग्रेस रिपोर्ट मांगी है। कोर्ट ने कहा कि केंद्र सरकार इसी साल NTA के स्ट्रक्चर की सारी खामियों का निपटारा करे।
NTA ने आंसर की में बदलाव किया, एक सेंटर पर कंट्रोल रूम की सिक्योरिटी से समझौता होने दिया, एग्जाम सेंटर पर देरी होने से ग्रेस मार्क्स दे दिए, जिससे 44 स्टूडेंट्स को 720/720 स्कोर मिला। NTA इस तरह से काम नहीं कर सकती। अगले साल स्टूडेंट्स को परेशानी नहीं आनी चाहिए।
शिक्षा मंत्री बोले- सत्य की सदा जीत होती है
शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कोर्ट के अंतिम फैसले के बाद एक्स पर ट्वीट किया है। उन्होंने कहा है कि सरकार फेयर, एरर फ्री और निष्पक्ष एग्जाम कराने के लिए प्रतिबद्ध है। ये सुनिश्चित करने के लिए हम एक्सपर्ट कमेटी के सुझावों पर काम करेंगे।

नड्डा बोले- NEET के पहले सीट 8 से 13 करोड़ में बिकती थी
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे पी नड्डा ने राज्य सभा में NEET मेडिकल एंट्रेंस एग्जाम – NEET की सराहना की है। दरअसल, NEET खत्म करने और मेडिकल एडमिशन की प्रक्रिया केंद्र की बजाय राज्यों को तय करने को लेकर चर्चा हो रही थी।
इस दौरान नड्डा ने कहा है कि जब NEET की व्यस्वस्था नहीं थी तो मेडिकल सीटों का लेनदेन आसान था। PG की मेडिकल सीटें 8 से 13 करोड़ में बिकती थीं। अगर रेडियोलॉजी जैसी स्पेशलाइज्ड ब्रांच की सीट हो तो एक सीट की कीमत 13 करोड़ तक हुआ करती थी। काउंसलिंग और सीट एलोकेशन में भी गड़बड़ी होती थी। मेडिकल सीटों का बिजनेस मार्केट बन गया था। आज 4000 से ज्यादा सेंटर्स पर व्यवस्थित तरीके से NEET की परीक्षा हो रही है।
कोर्ट ने आखिरी सुनवाई में कहा था- एग्जाम दोबारा नहीं होगा
सुप्रीम कोर्ट में NEET में गड़बड़ियों से जुड़ी 40 से ज्यादा याचिकाएं दाखिल हुई थीं। इन पर 23 जुलाई सुनवाई पूरी हो गई थी। कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा था। हालांकि, तब कोर्ट ने कहा था कि NEET परीक्षा दोबारा नहीं होगी, क्योंकि पूरी परीक्षा में गड़बड़ी के पर्याप्त सबूत नहीं हैं। जांच में दोषी मिलने वाले को एडमिशन नहीं मिलेगा और उस पर कार्रवाई भी होगी।
NTA ने 25 जुलाई NEET-UG 2024 का रिवाइज्ड रिजल्ट घोषित कर दिया था। इसके बाद ऑल इंडिया रैंक में पहले नंबर पर 17 कैंडिडेट्स रह गए हैं। शुरुआत में इनकी संख्या 67 थी, जबकि ग्रेस मार्क्स हटाने के बाद पहले स्थान पर आने वाले कैंडिडेट्स की संख्या 61 हो गई थी।
अब तक NEET पर सुप्रीम कोर्ट में हुई सुनवाई में क्या-क्या हुआ
पहली सुनवाई: 8 जुलाई
- सुप्रीम कोर्ट में NEET से जुड़ी 38 याचिकाओं पर 2 घंटे 20 मिनट तक सुनवाई हुई।
- कोर्ट ने कहा कि ये साफ है कि पेपर लीक हुआ है। इसका दायरा कितना बड़ा है ये जानना जरूरी है।
- कोर्ट ने NTA और केंद्र सरकार को कुछ सेंटर्स पर हुई गड़बड़ी का फायदा उठाने वाले कैंडिडेट्स की पहचान करने को कहा।
- केंद्र सरकार से NTA में सुधार के लिए बनी हाई लेवल कमेटी की जानकारी मांगी।
- रीएग्जाम की मांग कर रहे याचिकाकर्ताओं से 10 पेज की रिपोर्ट मांगी।
- कोर्ट ने एग्जाम से जुड़े 4 स्टेकहोल्डर्स को हलफनामा जमा करने के लिए 10 जुलाई तक समय दिया।
दूसरी सुनवाई: 11 जुलाई
- कुछ याचिकाकर्ताओं को केंद्र सरकार और NTA का हलफनामा नहीं मिला था। इस वजह से सुनवाई की डेट 18 जुलाई तक बढ़ा दी गई।
तीसरी सुनवाई: 18 जुलाई
- NEET से जुड़ी 40 से ज्यादा याचिकाओं पर 4 घंटे तक सुनवाई चली।
- कोर्ट ने 20 जुलाई तक NTA को सभी कैंडिडेट्स का | सिटी-सेंटर वाइज रिजल्ट जारी करने का आदेश दिया।
चौथी सुनवाई : 22 जुलाई
- सुप्रीम कोर्ट ने फिजिक्स के सही जवाब के लिए ॥T दिल्ली से रिपोर्ट मांगी।
- कोर्ट ने कहा कि कन्फ्यूजन की वजह से 44 स्टूडेंट्स को ऑल इंडिया रैंक 1 मिली और 4.2 लाख स्टूडेंट्स का नुकसान हुआ है।
- NEET UG रीएग्जाम की मांग कर रहे याचिकाकर्ताओं से रिपोर्ट मांगी।
पांचवीं सुनवाई : 23 जुलाई
- सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि पूरी परीक्षा में गड़बड़ी के पर्याप्त सबूत नहीं मिले हैं।
- ऐसे में रीएग्जाम का आदेश नहीं दे सकते।
- अगर कोई स्टूडेंट दोषी पाया गया तो उसके खिलाफ कार्रवाई होगी और उसे एडमिशन नहीं मिलेगा।
- कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया।
NEET पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला
- सुप्रीम कोर्ट ने 2 अगस्त को फैसला सुनाया। कोर्ट ने कहा कि सिर्फ पटना और हजारीबाग में गड़बड़ी हुई है।
- कोर्ट ने NTA हाई लेवल कमेटी को सुझाव दिए और 30 सितंबर तक रिपोर्ट मांगी है।
NEET केस में 40 से ज्यादा याचिकाएं दायर हुई थीं
सुप्रीम कोर्ट में NEET दे चुके कैंडिडेट्स ने 1 जून से एग्जाम कैंसिल करने, काउंसलिंग पर रोक लगाने, रिजल्ट होल्ड करने और रीएग्जाम कराने की मांग की थी। इसके अलावा ग्रेस मार्क्स के खिलाफ भी याचिकाएं लगाई गई थीं। NEET मामले की जांच CBI-ED को सौंपने और OMR शीट से छेड़छाड़ में NTA की भूमिका की जांच करने का आदेश दिया था। इन सभी याचिकाओं पर 8 जुलाई को सुनवाई हुई।