किडनी डोनर का फर्जी रिश्ता एंबेसी से प्रमाणित करवाया:डीएनए में साबित नहीं, ऑर्गन ट्रांसप्लांट के मामले में पेश चार्जशीट में चौंकाने वाला खुलासा
किडनी डोनर का फर्जी रिश्ता एंबेसी से प्रमाणित करवाया:डीएनए में साबित नहीं, ऑर्गन ट्रांसप्लांट के मामले में पेश चार्जशीट में चौंकाने वाला खुलासा
जयपुर : ऑर्गन ट्रांसप्लांट की फर्जी एनओसी के मामले में 12 आरोपियों के खिलाफ कोर्ट में पेश चार्जशीट में एसआईटी ने कई चौंकाने वाले खुलासे किए हैं। किडनी ट्रांसप्लांट कराने वाले दलाल विदेशी नागरिकों की लीगल फाइल तैयार करते थे। इसमें किडनी डोनर व किडनी रिसीवर का फर्जी रिश्ता बताया जाता था। इस आधार पर उसे एंबेसी से प्रमाणित करवाया जाता था। इसकी पुष्टि किडनी रिसीवर बांग्लादेशी नागरिक अहसनुल कोबीर की फाइल से भी होती है। इसमें किडनी डोनर से फर्जी रिश्ता, किडनी रिसीवर का फर्जी बैंक स्टेटमेंट व रिसीवर के माता-पिता का फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र है।
डीएनए जांच में खुलासा हुआ है कि नुरूल इस्लाम व मेहंदी हसन के बीच कोई रिश्ता नहीं है। लीगल रिपोर्ट तैयार करते समय आरोपियों ने नोटरी पब्लिक के फर्जी दस्तखत किए। गोल-चौकोर मुहर से उनका सत्यापन किया। चार्जशीट में कहा कि गिरोह बांग्लादेशी नागरिकों को किडनी बेचने का सौदा कर, बहकावे से भारत लाकर और आपस में संबंधी बताकर फर्जी एनओसी के जरिए किडनी ट्रांसप्लांट करवाते थे।
गौरव ने फोर्टिस व ईएचसीसी हॉस्पिटल को 35 हजार रु. में फर्जी एनओसी दी थी
एसएमएस हॉस्पिटल के सहायक प्रशासनिक अधिकारी के पद पर कार्यरत गौरव सिंह ने फोर्टिस हॉस्पिटल के कोऑर्डिनेटर विनोद सिंह द्वारा लाई गई फाइलों पर फर्जी एनओसी जारी की थी। इस एनओसी पर ऑथराइजेशन कमेटी के सदस्यों के फर्जी दस्तखत भी किए गए थे। साल 2021 से सभी एनओसी फर्जी जारी की गई थीं। जांच में आरोपी का फोर्टिस हॉस्पिटल से 20 हजार व ईएचसीसी हॉस्पिटल से 35 हजार रुपए लेना पाया गया।
मणिपाल, नारायणा, महात्मा गांधी, दुर्लभजी, निम्स , सीके बिरला, मोनीलेक, अपेक्स, गीतांजलि उदयपुर व कोटा मेडिकल कॉलेज के लिए भी फर्जी एनओसी जारी की गई। आरोपी गौरव सिंह का सभी हॉस्पिटल्स के कोऑर्डिनेटर से सीधा संपर्क था। उसने किडनी डोनर व रिसीवर को कभी भी ऑथराइजेशन कमेटी के सामने नहीं बुलाया। इस बात की पुष्टि आरोपी की कॉल डिटेल्स व बैंक स्टेटमेंट से भी होती है।
किडनी दलालों के सीधे संपर्क में थे डॉ. संदीप गुप्ता व डॉ. जितेन्द्र गोस्वामी
चार्जशीट में कहा कि फोर्टिस हॉस्पिटल में कार्यरत डॉ. संदीप गुप्ता दलालों के संपर्क में था। उसने गौरव सिंह के साथ मिलकर फर्जी एनओसी के आधार पर बड़ी संख्या में किडनी ट्रांसप्लांट किए, जिसमें बांग्लादेशी नागरिकों की संख्या ज्यादा थी। उसने आरोपी विनोद सिंह व असिस्टेंट भानू लववंशी को दलालों के संपर्क में लगा रखा था।
विनोद सिंह, गौरव सिंह व भानू लववंशी के साथ मिलकर लीगल फाइल करते थे। उनका दलाल मुर्तजा अंसारी व प्रशांत यादव से सीधा संपर्क था। इस दौरान उन्होंने अगस्त 2023 से फरवरी 2024 के दौरान दलाल मुर्तजा अंसारी से आठ बार बात की थी। चार्जशीट में डॉ. जितेन्द्र गोस्वामी के संबंध में भी कहा कि मणिपाल हॉस्पिटल की लाइसेंस अवधि खत्म होने पर वह डॉ. ज्योति बंसल व कोऑर्डिनेटर गिरिराज के साथ फोर्टिस हॉस्पिटल में आ गए। यहां पर उनका विनोद व गौरव सिंह के साथ सीधा संपर्क था।