जनमानस शेखावाटी संवाददाता : चंद्रकांत बंका
झुंझुनूं : राष्ट्रीय एकीकृत पशु जन्य रोग नियंत्रण कार्यक्रम के तहत मंगलवार को एएनएम ट्रेंनिंग सेंटर में चिकित्सा विभाग द्वारा पशु जन्य रोग से बचाव के बारे में जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। सीएमएचओ डॉ छोटेलाल डॉ गुर्जर ने बताया कि राष्ट्रीय एकीकृत स्वास्थ्य पशु जन्य रोग निवारण कार्यक्रम के अंतर्गत पशु जन्य रोग से बचाव और जागरूकता कार्यक्रम संचालित है जिसमें आमजन को विभिन्न माध्यम से बचाव के लिए जागरूक किया जा रहा है।
कार्यक्रम में डिप्टी सीएमएचओ डॉ भंवर लाल सर्वा ने बताया कि पशु जन्य रोग में रेबीज़, स्क्रब टायफस, एवियन इनफ्लुएंजा, जापानी इन्सेफेलाइटसिस, ब्रूसलॉसेस, सेल्मोनेसिस, एंथ्रेक्स, लेऐस्पायरोसिस इत्यादि आते हैं, जो पशुओं से मानवो में विभिन्न माध्यमों से फैल जाते हैं। जिससे बचाव के लिए बचाव उपाय और आवश्यक सावधानियां अपनाएं। डिप्टी सीएमएचओ हैल्थ डॉ. सर्वा ने बताया कि पशु जन्य रोग अप्रत्यक्ष संपर्क, वेक्टर जनित, वायु जनित, प्रत्यक्ष संपर्क और खाद्य जनित तरीके से फैल सकते हैं। उन्होंने बताया कि पशु जन्य रोग के अप्रत्यक्ष फैलाव में जानवरों के रहने- घूमने वाली सतह आती है जो कीटाणुओं से दूषित हो जाती है एवं वेक्टर जनित का फैलाव कीड़े, घुन, मच्छर के काटे जाने पर पर होता है। उन्होंने बताया कि वायु जनित फैलाव वायरस से होता है और खाद्य जनित फैलाव संक्रमण जानवर एवं दूषित मांस व दूध के सेवन करने से होता है।
पशु जन्य रोग प्रत्यक्ष रूप में संक्रमित जानवर की लार, रक्त, मूत्र, बलगम,मल व शरीर के तरल पदार्थ के संपर्क में आने से होता है। उन्होंने बताया कि आमजन गाय, भैंस, भेड़, बकरी, ऊंट, कुत्ता बिल्ली, सूअर व बंदर के काटे जाने पर चिकित्सक को दिखाएं और इनमें असामान्य लक्षण पाए जाने पर इनसे बचकर रहें। उन्होंने बताया कि ट्रेनी स्टुडेंट्स को ज्यादा से ज्यादा लोगों को जागरुक बनाना चाहिए। इस अवसर पर डीपीओ डॉ कुलदीप फौजदार, सियाराम पूनिया, नर्सिग अधीक्षक बजरंग शर्मा, नर्सिंग ट्यूटर अनिता, डीपीसी महेश कड़वासरा सहित स्टॉफ और स्टूडेंट्स मोजूद रहे।