इत्तेफाक या भाजपा शीर्ष नेतृत्व की मजबूरी
इत्तेफाक या भाजपा शीर्ष नेतृत्व की मजबूरी

लेखक : राजेन्द्र शर्मा झेरलीवाला, वरिष्ठ पत्रकार व सामाजिक चिंतक
किरोड़ीमल मीणा का इस्तीफा और वसुंधरा राजे का वेट वी विल फाइट के बयान के मध्य नजर मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे से उनके जयपुर स्थित आवास पर करीब एक घंटे की मुलाकात की । सूत्रों की मानें तो इस विमर्श में हाल ही मे लोकसभा चुनावी परिणाम व प्रदेश में पांच विधानसभा उप चुनाव पर फोकस रहा । विदित हो भाजपा में वसुंधरा राजे अपने मिजाज की नेता मानी जाती है । इसके साथ ही राजे का अपने हिसाब से राजनीति करने वाले नेताओं में शुमार है न कि शिवराज सिंह चौहान व मनोहर लाल खट्टर बनकर राजनीति करना । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी व वसुंधरा राजे के राजनीतिक रिश्तों में खटास सर्व विदित है । इसी खटास के चलते वसुंधरा राजे की काट के लिए राजस्थान की राजनीति में दिया कुमारी राजपूत, ज्योति मिर्धा जाट व अलका गूर्जर को लेकर प्रमुखता दी व नया प्रयोग किया जो कि पूर्ण रूप से असफल रहा ।
वसुंधरा राजे की लोकप्रियता में कमी न होना , 36 कौम , हर वर्ग व समुदाय के मतदाताओं पर पकड़ होना भी इस मुलाकात का मुख्य कारण हो सकता है । लोकसभा चुनावों में वसुंधरा राजे का नाम स्टार प्रचारकों की लिस्ट में था लेकिन उन्होंने खुद को झालावाड़ संसदीय क्षेत्र तक ही सीमित रखा । किरोड़ीमल मीणा का इस्तीफा व राजे का ताजा बयान इसके साथ ही लोकसभा में आशानुरूप सीट न मिलना भी केन्द्रीय नेतृत्व की मजबूरी रही होगी कि मुख्यमंत्री को उनके आवास पर भेजा गया । शीर्ष नेतृत्व के इशारे के बिना मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा शायद ही यह कदम उठाते । सूत्रों की मानें तो राष्ट्रीय नेतृत्व ने इशारा किया कि वसुंधरा राजे आगामी उप चुनावों में सक्रिय भूमिका निभाएं ।
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा व वसुंधरा राजे की इस मुलाकात से उनके समर्थक भी उत्साहित हैं , क्योंकी वसुंधरा राजे व केन्द्रीय नेतृत्व की कड़वाहट के कारण वे भी हासिए पर चले गए थे । यदि वसुंधरा राजे सक्रिय होती है तो उनके समर्थकों को भी निश्चित रूप से फायदा मिलेगा । लेकिन यह तो आने वाला समय ही निर्धारित करेगा कि दोनों की यह अहम मुलाकात राजस्थान की राजनीति में क्या गुल खिलाती है ।
लेखक : राजेन्द्र शर्मा झेरलीवाला, वरिष्ठ पत्रकार व सामाजिक चिंतक