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नगर निगम ने खुद का कबाड़ी बाजार शुरू किया, लेकिन कबाड़ माफिया को हटाया नहीं, शहर की सड़कों पर ट्रैफिक बाधित कर रहे 1400 कबाड़…


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नगर निगम ने खुद का कबाड़ी बाजार शुरू किया, लेकिन कबाड़ माफिया को हटाया नहीं, शहर की सड़कों पर ट्रैफिक बाधित कर रहे 1400 कबाड़…

नगर निगम ने खुद का कबाड़ी बाजार शुरू किया, लेकिन कबाड़ माफिया को हटाया नहीं, शहर की सड़कों पर ट्रैफिक बाधित कर रहे 1400 कबाड़...

जयपुर : जयपुर शहर की हर सड़क पर एक कबाड़ बाजार नजर आ ही जाता है, जिसकी वजह से ट्रैफिक बाधित होता है। कबाड़ियों द्वारा जो सेग्रीगेशन किया जाता है, उससे निकलने वाला कचरा सड़क पर ही छोड़ देने से गंदगी फैलती है। यह नजारा शहर की हर सड़क पर देखा जा सकता है। संजय बाजार, कंवर नगर, ब्रह्मपुरी, अजमेर रोड, सोडाला, जवाहर नगर आैर दिल्ली रोड ईदगाह सड़क पर कबाड़ियों का कब्जा है।

जयपुर शहर में करीब 1400 से ज्यादा कबाड़ बाजार हैं, जो सड़क पर ही अपना कारोबार कर रहे हैं। इसी तरह हर कॉलेज में चार से पांच कबाड़ी वेस्ट मटेरियल लेने रोजाना पहुंच ही जाते हैं। छह महीने में करीब 2 हजार से ज्यादा छोटी-बड़ी चोरियां हुई हैं, जिसमें सिलेंडर, बच्चों की साइकिल, कूलर, सीवरेज के चेंबर व लोहे के जाल चोरी हुए हैं। लोगों का आरोप है कि यह चोरियां कबाड़ लेने आने वालों ने ही की हैं। खास बात यह है कि हेरिटेज निगम ने भी वेंडर्स के माध्यम से कबाड़ खरीदना शुरू कर दिया है, लेकिन पहले से कबाड़ माफिया शहर में अपनी जड़ें जमाए हुए हैं। एसएमएस के डॉ. विशाल गुप्ता का कहना है कि वेस्ट मटेरियल से निकलने वाले क्रोमियम, एंटीमनी, आर्सेनिक और मरकरी से पर्यावरण तो दूषित होता ही है। साथ ही यह आम आदमी की सेहत के लिए भी घातक होते हैं।

निगम ने रद्दी व ई-वेस्ट खरीदना शुरू किया, लेकिन आम आदमी को नहीं जोड़ा : हेरिटेज निगम खुद ही ई-वेस्ट से लेकर रद्दी व अन्य अनुपयोगी सामान खरीदने लगा है। इसके लिए मोबाइल एप्लीकेशन भी बनाई है, जिस पर शहरवासियों को अपने घर का पता, समय और कबाड़ का वजन बताना होता है। फिलहाल निगम ने पांच प्रकार का कबाड़ घर से ले जाने की शुरुआत की है। एप में कबाड़ के प्रकार और प्रति किलो कीमत की जानकारी दी गई है। रद्दी की कीमत 10 रुपए, लोहा 22 रुपए, स्टील 26 रुपए, एल्युमिनियम 65 और कॉपर 221 रुपए प्रति किलो में खरीदा जा रहा है। जयपुर में यह व्यवस्था शुरू तो कर दी, लेकिन इसका असर नजर नहीं आ रहा।

समाधान

कबाड़ बाजार को सड़कों से पूरी तरह से हटाया जाए और इन्हें आबादी से बाहर किया जाए। जहां भी कॉलोनियां या सघन आबादी है, वहां से कबाड़ियों को हटाया जाना चाहिए। निगम खुद ऊंची दर पर कबाड़ खरीदे और रीसाइकिल का प्लांट लगाए।

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