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अंधविश्वास का दरबार बंद कर ‘बाबा’ हुआ अंडरग्राउंड:पत्नी और बेटे को छोड़कर गया, भक्तों को कहा- संपर्क में रहना, जल्द ही नई जगह मिलूंगा


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अंधविश्वास का दरबार बंद कर ‘बाबा’ हुआ अंडरग्राउंड:पत्नी और बेटे को छोड़कर गया, भक्तों को कहा- संपर्क में रहना, जल्द ही नई जगह मिलूंगा

अंधविश्वास का दरबार बंद कर 'बाबा' हुआ अंडरग्राउंड:पत्नी और बेटे को छोड़कर गया, भक्तों को कहा- संपर्क में रहना, जल्द ही नई जगह मिलूंगा

भरतपुर : राजस्थान के बयाना (भरतपुर) में कथित बाबा अनिल कुमार गर्ग का दरबार बंद हो गया है। बाबा के दरबार के टेंट-शामियाने उखड़ चुके हैं और बाबा खुद अंडरग्राउंड हो गया है। हाथरस कांड के बाद शनिवार को पुलिस ने यहां कार्रवाई की थी। तब से बाबा गायब है। वह गुलाब की पंखुड़ियां और लौंग से कैंसर, बांझपन, पथरी और कई गंभीर बीमारियों का इलाज करने का दावा करता था।

(नोट- जनमानस शेखावाटी किसी भी प्रकार के अंधविश्वास को बढ़ावा नहीं देता है। ये खबर लोगों को जागरूक करने के लिए है।)

मध्य प्रदेश से डेढ़-दो महीने पहले अनिल कुमार गर्ग (बाबा) बयाना आया था। तब से उसका यहां दरबार चल रहा था। पुलिस की कार्रवाई और बाबा के अंडरग्राउंड होने के बाद हमारे मीडिया की टीम बयाना के गांव मुर्रकी पहुंची।

हम सबसे पहले उस मकान में पहुंचे जहां बाबा किराए पर रहता था। उसके मालिक रामसिंह ने बताया कि बाबा अपनी बीमार मां को देखने ग्वालियर गया है। एक-दो दिन में अपना सामान और कपड़े लेने वापस आएगा। बाबा की पत्नी और बेटा अभी गांव में ही मौजूद हैं।

आसपास के कुछ लोगों से उसके बारे में जानकारी ली गई। उनका कहना था कि बाबा गांव के आसपास ही कहीं छिपा हुआ है। गांव के जिस घर के बाहर बाबा दरबार लगाता था, वहां अब सन्नाटा सा पसरा है। घर के लोग और गांव के इक्का-दुक्का लोग ही मौजूद मिले। बात करने पर ये लोग कहते हैं कि बाबा ने बेवजह दरबार बंद करवा दिया।

6 जुलाई को बयाना (भरतपुर) पुलिस टीम ने मुर्रकी गांव में पहुंच कर अनिल कुमार गर्ग का दरबार बंद करवाया।
6 जुलाई को बयाना (भरतपुर) पुलिस टीम ने मुर्रकी गांव में पहुंच कर अनिल कुमार गर्ग का दरबार बंद करवाया।

डंडे घुमाकर इलाज करता था
लोगों ने बताया कि, बाबा के पास दो डंडे हैं। पीड़ित के शरीर में जहां बीमारी होती है, बाबा डंडों को घुमाता है और कहता है कि मैंने ऑपरेशन कर दिया है। इसके बाद बाबा गुलाब की पंखुड़ियां और लौंग को दवा के रूप में देता है। पुलिस के दरबार बंद करने की चेतावनी के बाद बाबा ने अपने भक्तों को मोबाइल नंबर दिया है और कहा है कि वह उनके संपर्क में रहें। जल्द ही दरबार के नए स्थान के बारे में फोन पर बता दिया जाएगा।

अनिल कुमार गर्ग ने अपने दरबार में बैनर भी लगाया है। उसने खुद का नाम श्री श्री 108 अनिल कुमार गर्ग महाराज लिखा है। नीचे दर्जनों गंभीर बीमारियों का इलाज करने का दावा किया गया है।
अनिल कुमार गर्ग ने अपने दरबार में बैनर भी लगाया है। उसने खुद का नाम श्री श्री 108 अनिल कुमार गर्ग महाराज लिखा है। नीचे दर्जनों गंभीर बीमारियों का इलाज करने का दावा किया गया है।

इन बीमारियों के इलाज का दावा
कथित बाबा अनिल कुमार कैंसर के साथ-साथ कई तरह की बीमारियों का इलाज करने का दावा करता है। इसके लिए उसने बैनर पर बीमारियों के नाम भी लिखवा रखे हैं। अनिल कुमार ने बैनर पर डायबिटीज, ब्लड प्रेशर, कोलेस्ट्रॉल, सांस फूलने, गठिया जोड़ों के दर्द, पेट में जलन, मासिक धर्म में अनियमितता, पथरी, ब्रेन स्ट्रोक, दिमाग की नस फटने, ट्यूमर, कब्ज, एसिडिटी, पाइल्स, थायराइड, इम्युनिटी से जुड़ीं बीमारियां ठीक करने का दावा किया है। इसके साथ ही ऊपरी बाधा, गृहक्लेश, प्रेम प्रसंग, वशीकरण, बांझपन और लड़का होने का इलाज करने की बात कही है।

सफेद पैंट-शर्ट में रहता है बाबा
लोगों का इलाज करने वाला कथित बाबा अनिल कुमार हमेशा सफेद पैंट-शर्ट पहने दिखाई देता है। जिस मकान में बाबा का दरबार सजा था, उसके आंगन में आज भी बाबा के करीब एक दर्जन सफेद पैंट-शर्ट धुलने के बाद तार पर टंगे सूखते हुए मिले। लोगों ने बताया कि जब बाबा मरीजों का इलाज कर रहा होता तो किसी भी व्यक्ति को अपने से टच नहीं होने देता।

अनिल कुमार गर्ग मुर्रकी गांव में हफ्ते में 6 दिन दरबार लगाता है। यहां रोजाना भारी संख्या में ग्रामीण महिलाएं इलाज करवाने के लिए पहुंचती थीं।
अनिल कुमार गर्ग मुर्रकी गांव में हफ्ते में 6 दिन दरबार लगाता है। यहां रोजाना भारी संख्या में ग्रामीण महिलाएं इलाज करवाने के लिए पहुंचती थीं।

डेढ़ महीने से चल रहा था दरबार
गांव मुर्रकी निवासी रामसिंह जाटव के बेटे सुभाष ने बताया कि बाबा अनिल कुमार मध्य प्रदेश के भिंड जिले के सादपुरा गांव का रहने वाला है। रिश्ते में उनकी बुआ का लड़का लगता है। रिश्तेदारी होने के चलते उन्होंने ही बाबा अनिल कुमार को अपने यहां बुलाया था। हम चाहते थे कि हमारे इलाके के लोगों को भी गंभीर बीमारियों से छुटकारा मिल सके। बाबा करीब डेढ़ महीने पहले यहां आया था। रविवार को छोड़कर सप्ताह के सभी दिन दरबार लगाता था। हर बार उसके यहां लोगों की भारी भीड़ आती थी।

रामसिंह जाटव ने कहा कि हमने एसडीएम साहब से भी परमिशन ली थी। अब किसी ने शिकायत कर दरबार के परमिशन को कैंसिल करवा दिया है। यहां कोई पाखंड नहीं चल रहा था। बीमारियों से दुखी लोगों को फायदा मिल रहा था। कोई गोली दवाई नहीं दी जा रही थी। केवल फूल पत्ती और लौंग से इलाज हो रहा था। यहां कोई चढ़ावा भी नहीं लिया जाता था।

इस डंडे को मरीज के शरीर पर रखकर बाबा उसका इलाज करने का दावा करता था।
इस डंडे को मरीज के शरीर पर रखकर बाबा उसका इलाज करने का दावा करता था।

बेटा बोला- बचपन से हनुमान जी की भक्ति करते हैं पापा
मौके पर मिले बाबा के बेटे अरुण कुमार ने बताया कि उसके पापा बचपन से ही हनुमान जी की भक्ति करते हैं। उसने बताया कि उसके पापा पिछले कई सालों से इसी तरह दरबार लगाकर लोगों की बीमारियां ठीक करने का काम कर रहे हैं। पहले भी मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के कई इलाकों और धौलपुर जिले में दरबार लगाए हैं। जहां लाखों की संख्या में लोग इलाज कराने आए थे।

अरुण ने दावा किया कि उसके पिता सीआरपीएफ की 86वीं बटालियन में नौकरी करते हैं। पिछले कई महीनों से ड्यूटी पर नहीं गए हैं। मम्मी और हम उनसे ड्यूटी पर जाने की कहते हैं, लेकिन उनका मन भक्ति में ही रमता है।

बाबा की जांच करने CRPF का सब इंस्पेक्टर भी पहुंचा
सीआरपीएफ की 212वीं बटालियन में सब इंस्पेक्टर गोवर्धन सिंह ने बताया कि वह भी मुर्रकी गांव के रहने वाले हैं। मीडिया में बाबा के सीआरपीएफ में होने की खबर चलने पर हेड क्वार्टर से उन्हें बाबा के बारे में जानकारी करने के लिए भेजा गया है। बाबा अभी यहां नहीं मिला है। उसके बेटे से बात हुई है, लेकिन वह भी कोई संतोषजनक जवाब नहीं दे पा रहा है। बाबा के सीआरपीएफ में होने के संबंध में कोई डॉक्युमेंट नहीं दे पाए हैं।

भक्त अभी भी मानते हैं बाबा सिद्ध पुरुष है-

बयाना कस्बे के नगला में रहने वाले किराना दुकानदार ओम प्रकाश अग्रवाल बताते हैं कि उन्हें पिछले काफी समय से घुटनों में दर्द की शिकायत थी। जयपुर में डॉक्टर को दिखाया तो उन्होंने कहा कि कितनी भी दवाइयां खा लो, लेकिन सही उपचार के लिए ऑपरेशन से घुटने बदलवाने पड़ेंगे। मंगलवार को पता चला कि पास के गांव मुर्रकी में बाबा का दरबार सजा है, जो लोगों की बीमारियां ठीक करते हैं। इस पर वे अपने इष्ट हनुमान जी का नाम लेकर श्रद्धा भाव के साथ बाबा के दरबार में गए थे।

नंबर आने पर बाबा ने बीमारी के बारे में पूछा तो उन्हें बताया कि डॉक्टर ने ऑपरेशन कर घुटने बदलने को कहा है। इस पर बाबा ने अपने पास मौजूद दो डंडों में से एक को आदेश दिया कि तुरंत अस्पताल से दवाइयां लाई जाए। इसके बाद बाबा ने दूसरे डंडे को उनके घुटनों पर घुमाया और कहा कि उनके घुटने का ऑपरेशन कर दिया है। अब कोई तकलीफ नहीं होगी। इसके बाद बाबा ने चार दिन की दवा के रूप में गुलाब की पंखुड़ियां और आठ लौंग दी थी। एक पंखुड़ी और एक लौंग अपने सामने ही खिलाई और शनिवार को वापस दरबार में आने के लिए कहा।

ओम प्रकाश अग्रवाल ने कहा कि शनिवार को जब पुलिस बाबा को थाना में ले गई थी। वहां से वापस आकर बाबा अनिल महाराज ने कहा था कि मैं अभी जा रहा हूं। बैनर पर लिखा मेरा नंबर सेव कर लो। कॉन्टैक्ट में रहना। नए स्थान पर दरबार लगेगा। वहां आकर इलाज करवाना।

करौली जिले के मासलपुर इलाके के रहने वाली मीना देवी बताती हैं- मेरी 12वीं कक्षा में पढ़ने वाली बेटी संजना (17) को सांस लेने में दिक्कत आती थी। यहां तक कि कई बार तो ऑक्सीजन तक लगानी पड़ती थी। उसे भरतपुर, करौली, हिंडौन, बयाना सभी जगह डॉक्टरों को दिखाया। तमाम दवाइयां खिलाईं। कोई फायदा नहीं हुआ। इलाज के लिए रिश्तेदारों से ढाई लाख रुपए ब्याज पर उधार भी लिए। मेरी ननद ने बाबा के बारे में बताया तो मैं बाबा के दरबार में आई।

गांव के ही राकेश मुर्रकी ने कथित बाबा अनिल कुमार के खिलाफ चल रही खबरों को लेकर नाराजगी जताई।बोला- दो महीने से बाबा का दरबार लग रहा है। लोगों को कभी कोई शिकायत नहीं मिली। मरीजों को भी खूब आराम मिला। यहां कोई पाखंड नहीं दिखा। प्रशासन को दरबार में बैठकर बाबा के इलाज की गतिविधि देखनी चाहिए। इसके बाद ही फैसला लेना चाहिए कि बाबा सही कर रहा है या गलत।

अंधविश्वास में फंसकर बाबा की बात को सही मान रहे
बयाना सीएचसी के इंचार्ज डॉ जोगेंद्र सिंह कहते हैं कि डंडा घुमाने, गुलाब की पंखुड़ी और लौंग से कैंसर, बांझपन, शुगर, कोलेस्ट्रॉल जैसी बीमारियां दूर करने का दावा एकदम गलत है। मेडिकल साइंस इसे नहीं मानता है। जब लोगों को किसी बात पर भरोसा हो जाता है तो वे भला-बुरा नहीं सोचते हैं। कई बार लोग अंधविश्वास में फंसकर सामने वाले की बात को पूरी तरह से सही मान कर चलते हैं। इससे उन्हें कई बार कुछ दिनों के लिए बीमारियां ठीक होने का एहसास होता है। इसे एक तरह से मानसिक विकृति भी कह सकते हैं। बीमारियां सही इलाज लेने के बाद ही ठीक होती हैं।

अनिल कुमार गर्ग के दरबार लगाने के कारण वहां कुछ लोगों छोटी दुकानें खोल ली थीं। अब दरबार बंद होने से उनका काम बंद हो गया है।
अनिल कुमार गर्ग के दरबार लगाने के कारण वहां कुछ लोगों छोटी दुकानें खोल ली थीं। अब दरबार बंद होने से उनका काम बंद हो गया है।

कथित बाबा के दरबार में लोगों की उमड़ती भीड़ को देखते हुए गांव के ही तीन-चार लोगों ने दरबार वाले घर के बाहर अस्थायी दुकानें तक लगा ली हैं। इन पर चाय, पानी, कोल्ड ड्रिंक, नमकीन, गुटखा, सिगरेट बिकने लगा था। अब दरबार बंद होने से उनकी दुकानों पर ग्राहक नहीं आ रहे हैं। इससे उन दुकानदारों में भी गुस्सा है।

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