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नई शिक्षा नीति: सरकारी स्कूलों में चल रहा है प्रवेशोत्सव:पहली कक्षा में प्रवेश की आयु 6 साल करने से नहीं मिल रहे बच्चे


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नई शिक्षा नीति: सरकारी स्कूलों में चल रहा है प्रवेशोत्सव:पहली कक्षा में प्रवेश की आयु 6 साल करने से नहीं मिल रहे बच्चे

नई शिक्षा नीति: सरकारी स्कूलों में चल रहा है प्रवेशोत्सव:पहली कक्षा में प्रवेश की आयु 6 साल करने से नहीं मिल रहे बच्चे

जयपुर : शिक्षा विभाग ने इन दिनों प्रवेशोत्सव का कार्यक्रम चल रखा है। इसके तहत हाउस होल्ड सर्वे किया जा रहा है, लेकिन नई शिक्षा नीति में आयु सीमा के नए नियम के चलते शिक्षकों को पहली कक्षा में प्रवेश के लिए बच्चे ही नहीं मिल रहे हैं। अब पहली कक्षा में 6 से 7 साल के बच्चों का ही प्रवेश हो सकता है। इससे नामांकन बढ़ने की बजाय सरकारी स्कूलों में नामांकन घटने की स्थिति हो गई है। पिछले साल तक पहली कक्षा में प्रवेश के लिए आयु सीमा 5 से 7 साल तय थी।

शिक्षकों का कहना है कि सरकार ने अगर आयु सीमा में बदलाव नहीं किया तो पहली कक्षा चलाना मुश्किल हो जाएगा। अगले साल दूसरी कक्षा में कोई नहीं होगा। ऐसे तो स्कूल खाली हो जाएंगे। राजस्थान प्राथमिक एवं माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष विपिन प्रकाश शर्मा ने कहा कि हमें प्रवेश के लिए बच्चे ही नहीं मिल रहे हैं। इसलिए संगठन ने मुख्यमंत्री से मांग की है कि कक्षा एक में प्रवेश की आयु 6 से 7 वर्ष करने पर पुनर्विचार कर किया जाए।

अखिल राजस्थान विद्यालय शिक्षक संघ (अरस्तु) के प्रदेश प्रवक्ता देवकरण गुर्जर का कहना है कि बच्चे पहली में प्रवेश लेना चाहते हैं लेकिन आयु की बाध्यता के चलते हम प्रवेश नहीं दे पा रहे हैं। हमारे पास जो भी बच्चे आ रहे हैं उनमें अधिकांश बच्चे 5 से 6 साल के बीच वाले होते हैं। हम उनको प्रवेश नहीं देते। क्योंकि शाला दर्पण पोर्टल पर पहली कक्षा में 6 साल से कम आयु वाले बच्चे की एंट्री ही नहीं होती है।

तीन से छह साल के बच्चों को आंगनबाड़ी में भेजने के निर्देश

राज्य परियोजना निदेशक अविचल चतुर्वेदी ने पिछले दिनों प्रवेशोत्सव की संशोधित गाइडलाइन जारी कर 3 से 6 साल तक के बच्चों को आंगनबाड़ी में नामांकित कराने के निर्देश दिए थे। संस्था प्रधानों ने कहा कि 6 साल से नीचे के बच्चों को अभिभावक आंगनबाड़ी में नहीं भेजना चाहते। सरकार कहती है आंगनबाड़ी में भेजो।

आरटीई : ढाई लाख बच्चे वंचित

नई शिक्षा नीति के चलते आरटीई में भी ढाई लाख बच्चे आवेदन से वंचित हो गए। अभिभावकों का कहना है कि सरकार के नियम बच्चों पर भारी पड़ रहे हैं। बिना सोचे समझे यह नियम बनाया गया है। पहली कक्षा में प्रवेश की आयु सीमा 5 से 7 साल रखी जानी चाहिए।

नई शिक्षा नीति में आयु का क्राइटेरिया तय करने से प्रवेश को लेकर परेशानी आ रही है। हम इन परेशानियों से सरकार को अवगत कराएंगे।
– हेमलता शर्मा, अध्यक्ष, स्कूल क्रांति संघ

स्कूलों में प्रवेशोत्सव की पूरी गाइडलाइन जारी कर दी गई है। इसमें नई शिक्षा नीति के अंतर्गत पहली कक्षा में प्रवेश की आयु सीमा तय है। इसका पालन करते हुए ही प्रवेश दिए जाएंगे।
– सुनील कुमार सिंघल, जिला शिक्षा अधिकारी माध्यमिक जयपुर

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