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पेपर लीक माफियाओं को पकड़ने के ऑपरेशन का VIDEO:पुलिसकर्मियों ने गैस एजेंसी का डिलीवरी बॉय बनकर फ्लैट ढूंढा; कृष्ण भक्त की तरह मंदिरों में घूमे


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पेपर लीक माफियाओं को पकड़ने के ऑपरेशन का VIDEO:पुलिसकर्मियों ने गैस एजेंसी का डिलीवरी बॉय बनकर फ्लैट ढूंढा; कृष्ण भक्त की तरह मंदिरों में घूमे

पेपर लीक माफियाओं को पकड़ने के ऑपरेशन का VIDEO:पुलिसकर्मियों ने गैस एजेंसी का डिलीवरी बॉय बनकर फ्लैट ढूंढा; कृष्ण भक्त की तरह मंदिरों में घूमे

जयपुर : राजस्थान में एसआई भर्ती-2021 समेत 6 से ज्यादा परीक्षाओं में पेपर लीक और डमी कैंडिडेट बैठाने के मामले में माफिया ओमप्रकाश ढाका, सुनील बेनीवाल और सरकारी टीचर शम्मी बिश्नोई को गिरफ्तार किया है।

जोधपुर की साइक्लोन टीम ने ढाका और बेनीवाल को हैदराबाद से पकड़ा, जबकि शम्मी को उत्तर प्रदेश के बरसाना से। लेकिन, इन तीनों को पकड़ने के लिए पुलिसवालों को गैस एजेंसी का डिलीवरी बॉय और कृष्ण भक्त बनना पड़ा।

जोधपुर रेंज आईजी विकास कुमार ने बताया- पिछले दो महीने से ये तीनों पुलिस के रडार पर थे। लेकिन, लोकेशन ट्रेस नहीं हो पा रही थी कि ये हैदराबाद और यूपी में किस कॉलोनी में कहां ठहरे हुए हैं। चार दिन पहले जब इनकी लोकेशन ट्रेस हुई तो दो टीमों को हैदराबाद और बरसाना भेजा गया। हैदराबाद में एक गैस एजेंसी की सहायता से टीम इन तक पहुंची, जबकि एक टीम कृष्ण भक्त बनकर राजस्थान और मंदिरों में घूमी।

पेपर लीक माफियाओं के खिलाफ हुए इस ऑपरेशन का वीडियो भी सामने आया है…। पढ़िए कैसे साइक्लोन टीम ने इस पूरे ऑपरेशन को अंजाम दिया…।

हैदराबाद के सरूर नगर थाने के इसी फ्लैट में ओमप्रकाश ढाका और सुनील बेनीवाल रहते थे।
हैदराबाद के सरूर नगर थाने के इसी फ्लैट में ओमप्रकाश ढाका और सुनील बेनीवाल रहते थे।

ऑपरेशन के नाम भी दिलचस्प
जोधपुर रेंज आईजी विकास कुमार ने तीन अलग-अलग ऑपरेशन चलाए। तीनों आरोपियों के नाम के अर्थ के अनुसार इन ऑपरेशन को नाम दिया गया। जैसे ओमप्रकाश ढाका को पकड़ने के लिए ऑपरेशन शिव भंगा, सुनील बेनीवाल के लिए ऑपरेशन डीप ब्लू और शम्मी बिश्नोई के लिए ऑपरेशन राज वृक्ष नाम रखा गया।

​आईजी ने बताया कि उनकी टीम लगातार 2 महीने से इस ऑपरेशन पर काम कर रही थी। इसी बीच इनपुट मिला कि जालोर के कुछ लोगों का मूवमेंट हैदराबाद की तरफ बढ़ा है, जो ढाका और बेनीवाल के कॉन्टैक्ट में थे। ऐसे में टीम ने हैदराबाद की लोकेशन पर फोकस किया।

एचपी की इसी गैस एजेंसी से इन दोनों के फ्लैट की डिटेल और पूरी जानकारी मिली थी। एजेंसी की मदद से टीम आरोपियों तक पहुंची।
एचपी की इसी गैस एजेंसी से इन दोनों के फ्लैट की डिटेल और पूरी जानकारी मिली थी। एजेंसी की मदद से टीम आरोपियों तक पहुंची।

इधर, शम्मी को लेकर इनपुट था कि वह मीरा और राधा भक्ति में लग गई है। जिन लोगों से उसका कॉन्टैक्ट हो रहा था, उनसे बार-बार वह ‘राधे-राधे’ बोलती थी। ऐसे में पुलिस का शक गहरा गया कि वह राजस्थान या किसी दूसरे स्टेट के मंदिर के आस-पास हो सकती है।

इस पर एसआई कन्हैयालाल, हेड कॉन्स्टेबल गजराज, महेन्द्र, कॉन्स्टेबल अशोक कुमार को हैदराबाद और एसआई परमीत चौहान, सरोज व कॉन्स्टेबल झूमर राम को बरसाना भेजा गया।

वीडियो तब का है, जब टीम हैदराबाद में दोनों आरोपियों को पकड़ने के लिए गई थी। इसके लिए गैस एजेंसी से सिलेंडर और डिलीवरी बॉय की ड्रेस ली थी।
वीडियो तब का है, जब टीम हैदराबाद में दोनों आरोपियों को पकड़ने के लिए गई थी। इसके लिए गैस एजेंसी से सिलेंडर और डिलीवरी बॉय की ड्रेस ली थी।

हैदराबाद जाने से पहले पुलिस को मिले इंटरनेशनल कॉल के सबूत
आईजी ने बताया कि लगातार ट्रैकिंग के दौरान सामने आया कि जालोर के लोग हैदराबाद में जिस जगह जा रहे हैं, उसके आस-पास इंटरनेशनल कॉल लगातार आ रहे हैं। इन नंबर की डिटेल जुटाई तो पता चला कि पेपर लीक में फरार ये दूसरे आरोपी लगातार हैदराबाद में कॉल कर रहे हैं।

इस पर तीन दिन पहले हैदराबाद की उस लोकेशन पर टीम को भेजा। हैदराबाद पुलिस की मदद से एचपी की एक गैस एजेंसी के 16 डिजिट के कंज्यूमर नंबर पता चले। टीम को बताया गया कि ये संदिग्ध नंबर हो सकते हैं। रात 3 बजे आईजी ने दिल्ली में एचपी ऑफिस के एक कर्मचारी को कॉल उस कंज्यूमर नंबर की डिटेल पता करवाई। यहां से आरोपियों को जिस एजेंसी से गैस सिलेंडर सप्लाई हो रहा था, उसका नंबर मिला।

टीम अगले ​दिन हैदराबाद के विजया नगर स्थित एचपी गैस एजेंसी पहुंची और उस 16 डिजिट के नंबर के बारे में पता किया तो पता चला कि ढाका और बेनीवाल ने सरूर नगर, विजयापुरी कॉलोनी, रचकौंडा में फ्लैट ले रखा है।

आरोपी ओमप्रकाश ढाका फ्लैट के इस कमरे में सो रहा था। टीम ने बताया कि जब वे लोग पहुंचे तो वह राजस्थान का एक रीजनल न्यूज चैनल देख रहा था।
आरोपी ओमप्रकाश ढाका फ्लैट के इस कमरे में सो रहा था। टीम ने बताया कि जब वे लोग पहुंचे तो वह राजस्थान का एक रीजनल न्यूज चैनल देख रहा था।

एजेंसी की मदद से डिलीवरी वाले बने, टीम पहुंची तो दोनों फ्लैट में ही थे
यहां से एड्रेस मिलने के बाद टीम ने गैस एजेंसी की मदद ली। गैस एजेंसी से उनके डिलीवरी बॉय की ड्रेस और सिलेंडर लेकर आरोपियों के फ्लैट तक पहुंची। टीम ने जब बताया कि वह गैस सप्लाई करने आए हैं तो आारोपियों ने गेट खोला।

आईजी ने बताया कि दोनों आरोपी उस दौरान फ्लैट में ही थे। उनसे नाम और एड्रेस पूछा गया। डिटेन कर उन्हें सरूर नगर थाने में लेकर आए। पुष्टि होने पर टीम दोनों को लेकर जयपुर रवाना हुई।

दोनों जिस फ्लैट में रहते थे, वहां 24 घंटे टीवी चलता था। इसमें अधिकांश राजस्थान के न्यूज चैनल चलते थे।

फरारी के दौरान दोनों आरोपी अपने परिचितों के लगातार संपर्क में थे। जब जालोर के लोगों के हैदराबाद आने का कारण पूछा तो बताया कि जालोर से घी समेत किराने का दूसरा सामान इनके यहां आता था।

एक टीम बरसाना गई थी। यहां कृष्ण भक्त बनकर शम्मी की तलाश शुरू की थी।
एक टीम बरसाना गई थी। यहां कृष्ण भक्त बनकर शम्मी की तलाश शुरू की थी।

फोन पर शम्मी ने कहा राधे-राधे और फिर हुई तलाश
जोधपुर की साइक्लोन टीम के रडार पर वांटेड सरकारी टीचर शम्मी भी थी। शम्मी खुद कई परीक्षा में डमी कैंडिडेट बन चुकी है। एसआई भर्ती परीक्षा में जब नाम आया तो पता चला कि वह बालोतरा थाने की भी वांटेड है।

वह लगातार अपनी भतीजी से बात करती थी। बातचीत के दौरान अक्सर वह ‘राधे-राधे’ कहती थी। टीम को भतीजी से केवल इतना इनपुट मिला कि वह पिछले कुछ महीनों से मीरा और राधा की भक्ति में लगी हुई है।

गायों की इसी शोभायात्रा में शम्मी आरती करती हुई टीम को मिली। टीम ने इसका वीडियो भी बनाया और इसके बाद उसे डिटेन किया।
गायों की इसी शोभायात्रा में शम्मी आरती करती हुई टीम को मिली। टीम ने इसका वीडियो भी बनाया और इसके बाद उसे डिटेन किया।

आईजी ने बताया कि ये इनपुट मिलने के बाद राजस्थान के सभी कृष्ण और मीरा मंदिर में टीम को भेजा गया, लेकिन कोई जानकारी नहीं मिली। इस बीच इनपुट मिला कि शम्मी यूपी के बरसाना में है और वहां 2 महीने से कृष्ण भक्ति में लगी हुई है। इस पर एक टीम को बरसाना रवाना किया गया।

यहां अलग-अलग मंदिर और आश्रमों को खंगाला, लेकिन शम्मी की लोकेशन के बारे में पता नहीं चला। एक दिन बरसाना की एक गोशाला के पास शम्मी की लोकेशन मिली। टीम वहां पहुंची तो शम्मी गायों की एक शोभायात्रा में आरती करती हुई नजर आई। टीम ने इसका वीडियो भी बनाया। इसी शोभायात्रा से शम्मी को डिटेन किया। शम्मी ने टीम को बताया कि वह यहां पर छह हजार रुपए किराये पर कमरा लेकर रह रही थी। खाने के लिए भी वह अलग से 6 हजार रुपए देती थी।

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