बरसाती पानी की निकासी में वरदान साबित हो रहे जलग्रहण कूप
बरसाती पानी की निकासी में वरदान साबित हो रहे जलग्रहण कूप

चूरू : बरसात के इस मौसम में जहां हर गांव-शहर में जल भराव एक बड़ी समस्या बना हुआ है, वहीं घांघू में ग्राम पंचायत की ओर से बनाए गए जलग्रहण कूप खूब उपयोगी साबित हो रहे हैं।
एक तरफ इन कुओं के निर्माण से बरसाती पानी की बूंद-बूंद सहेजी जा रही है, वहीं ग्रामीणों के लिए रास्ते पर महीनों तक पड़े रहने वाले पानी की निकासी का रास्ता साफ हो गया है। बरसाती जल संरक्षण से भूजल स्तर में भी इजाफा होता है।
घांघू के ग्रामीणों ने बताया कि चूरू रोड स्थित विद्युत ट्रांसफॉर्मर के पास पिछले तीस-चालीस साल से बरसाती पानी के भराव की समस्या थी। बरसात के तीन-चार महीनों में यहां पानी के कारण सड़क भी टूट जाती थी और टूटी सड़क पर पानी भरा रहने के कारण राहगीरों, वाहन चालकों को काफी परेशानी होती थी। यहां काफी घरों ऐसे में ग्राम पंचायत की ओर से पुलिया निर्माण के साथ-साथ यहां जल ग्रहण कूप बन जाने से यहां बरसाती पानी के पानी भराव की समस्या का काफी हद तक समाधान हो गया है। बरसात शुरू होने के साथ ही यहां पानी भरना शुरू हो जात था लेकिन अब तत्काल ही जलग्रहण कूप में पानी जाना शुरू हो जाता है और बरसात समाप्त होने के थोड़े समय बाद सारा पानी जलग्रहण कूप में चला जाता है। इसी प्रकार बालिका विद्यालय के पास बने जलग्रहण कूप में भी भरपूर पानी जा रहा है और लोगों की समस्या का काफी निस्तारण हुआ है। ग्रामीणों का कहना है कि ऐसे स्थान जो गांव में दूसरे स्थानों से नीचे हैं और नाले वगैरह से पानी निकासी मुश्किल हो, वहां जलग्रहण कूप बनाए जाकर जल भराव की समस्या से लोगों को निजात दिलाई जा सकती है, वहीं इससे बरसात का अमृत स्वरूप पानी भी व्यर्थ नहीं बहता और भूजल स्तर बढ़ता है।
सरपंच विमला देवी ने बताया कि जलग्रहण कूपों की उपयोगिता और सफलता को देखते हुए गांव में महात्मा गांधी राजकीय विद्यालय से लाखाऊ जाने वाले रास्ते पर भी जलग्रहण कूप का निर्माण करवाया जा रहा है।
कुल मिलाकर, ग्राम पंचायत की ओर से बनाए गए ये जलग्रहण कूप जल भराव की समस्या से निपटने में काफी कारगर साबित हो रहे हैं तथा दूसरे गांवों तथा शहरों में भी जल भराव वाले स्थानों पर इस प्रकार के कुए बनाकर समस्या के समाधान और बरसाती पानी के संरक्षण की दिशा में काम किया जा सकता है।