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हजारों सरकारी कर्मचारियों की होगी जांच, जा सकती है नौकरी:अब तक ढाई हजार एफआईआर, 5 साल में सिलेक्ट हुए अभ्यर्थी शक के घेरे में


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हजारों सरकारी कर्मचारियों की होगी जांच, जा सकती है नौकरी:अब तक ढाई हजार एफआईआर, 5 साल में सिलेक्ट हुए अभ्यर्थी शक के घेरे में

हजारों सरकारी कर्मचारियों की होगी जांच, जा सकती है नौकरी:अब तक ढाई हजार एफआईआर, 5 साल में सिलेक्ट हुए अभ्यर्थी शक के घेरे में

जयपुर : राजस्थान में लंबे समय से प्रतियोगी परीक्षाओं में डमी कैंडिडेट, फर्जी डिग्री और फेक सर्टिफिकेट लगाकर सरकारी नौकरी हासिल की जा रही थी। स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (एसओजी) की जांच में यह बात सामने आई हैं। इसलिए सरकार अब पिछले 5 साल में नौकरी हासिल करने वाले अभ्यर्थियों के खिलाफ जांच शुरू करेगी।

इनके दस्तावेज सत्यापन के साथ ही आवेदन से लेकर सिलेक्शन तक की प्रक्रिया की जांच की जाएगी। स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (SOG) के डीआईजी परिस देशमुख ने बताया की कई सालों से भर्ती परीक्षाओं में नकल और धांधली हो रही है। एंटी चीटिंग सेल की टीम ने इसका क्रॉस वेरिफिकेशन किया। इसके बाद स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप द्वारा सरकार से अभ्यर्थियों की एक बार फिर से जांच करने की मांग की गई थी।

संबंधित विभाग से ही करवाई जा सकती है जांच

देशमुख ने कहा- हम चाहते हैं कि भर्ती परीक्षा में सिलेक्ट होने वाले अभ्यर्थी की संबंधित विभाग से ही फिर से निष्पक्ष जांच कार्रवाई जाए। किस ने आवेदन किया, कौन एग्जाम देने पहुंचा। इसके बाद इंटरव्यू देने कौनसा अभ्यर्थी पहुंचा। फाइनल सिलेक्शन होने पर अभ्यर्थी ने कौन से दस्तावेज जमा करवाए थे। क्या वह दस्तावेज सही है या नहीं या फिर किसी फर्जी प्रमाण पत्र के माध्यम से नौकरी तो नहीं हासिल की गई।

इसके साथ ही बैक डेट के डॉक्यूमेंट और फर्जी सर्टिफिकेट के आधार पर सिलेक्शन पाने वाले स्टूडेंट्स के डॉक्यूमेंट का भी वेरिफिकेशन किया जाना चाहिए। क्योंकि हमारी जांच में पता चला है कि कुछ फर्जी कॉलेज और खेल संघों की मदद से इस तरह के फर्जी सर्टिफिकेट और डिग्रियां बताकर युवाओं के भविष्य को बर्बाद किया जा रहा है।

कर्मचारी चयन बोर्ड और राजस्थान लोक सेवा आयोग के पास पर्याप्त रिकॉर्ड

देशमुख ने कहा कि कर्मचारी चयन बोर्ड और राजस्थान लोक सेवा आयोग के पास पिछले पांच साल में आयोजित भर्ती परीक्षाओं का पर्याप्त रिकॉर्ड होता है। इसमें उनके पास अभ्यर्थी के आवेदन के वक्त की फोटो और बेसिक जानकारी के साथ ही परीक्षा के वक्त की फोटो, डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन के वक्त की फोटो और उनके मूल दस्तावेजों की प्रति भी होती है।

इसके आधार पर आसानी से इस पूरे मामले की जांच की जा सकती है। यही कारण है कि हमने सरकार से पिछले 5 साल में हुई भर्ती परीक्षाओं की जांच की मांग की है। हालांकि इससे पहले की भी अगर किसी भर्ती परीक्षा में धांधली या शिकायत मिलेगी। तो उसके खिलाफ भी हम एक्शन लेंगे।

देशमुख ने कहा- हमने सरकार को नकल रोकने के लिए कई महत्वपूर्ण सुझाव भी दिए हैं। इनमें से अधिकतर सुझाव पर सरकार ने सहमति जताते हुए सकारात्मक रुख अपनाया है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में भी राजस्थान लोक सेवा आयोग से लेकर कर्मचारी चयन बोर्ड ने अपनी वर्किंग स्टाइल में काफी परिवर्तन किया है। इसका धरातल पर असर नजर भी आने लगा है। लेकिन इसमें और ज्यादा सुधार होना चाहिए। ताकि आवेदन से लेकर सिलेक्शन तक की प्रक्रिया पूरी तरह सरल, पारदर्शी और निष्पक्ष हो सके।

पेपर में गड़बड़ी की 2.5 हजार से ज्यादा शिकायत मिलीं

देशमुख ने कहा- राजस्थान में प्रतियोगी परीक्षाओं में हो रही धांधली के खिलाफ अब तक ढाई हजार से ज्यादा शिकायत स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप में दर्ज करवाई गई हैं। वहीं, राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड के अध्यक्ष आलोक राज ने कहा- पिछले कुछ वक्त में हुई भर्ती परीक्षा में जिस तरह से धांधली हुई थी।

उसकी जांच में हमें भी बड़े गड़बड़ घोटाले का पता चला था। इसको लेकर हमने भी स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप की टीम को इस पूरे मामले की जांच करने को लेकर पत्र लिखा था। राजस्थान लोक सेवा आयोग द्वारा साल 2018 से दिसंबर 2023 तक सीनियर टीचर, राजस्थान प्रशासनिक सेवा समेत अलग-अलग कुल 167 भर्ती परीक्षाओं का आयोजन किया गया था। इसमें 32,000 से ज्यादा अभ्यर्थियों को सिलेक्ट किया गया है।

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