[pj-news-ticker post_cat="breaking-news"]

सनातन धर्म मे गौदान का महत्व


निष्पक्ष निर्भीक निरंतर
  • Download App from
  • google-playstore
  • apple-playstore
  • jm-qr-code
X
झुंझुनूंटॉप न्यूज़राजस्थानराज्य

सनातन धर्म मे गौदान का महत्व

जनमानस शेखावाटी संवाददाता : चंद्रकांत बंका

झुंझुनूं : दान‌ एक प्राचीन परम्परागत धार्मिक प्रथा है जिसमें गौमाता का दान महत्वपूर्ण माना गया है । यह प्रथा हिन्दू धर्म , जैन धर्म और बौद्ध धर्म में प्रचलित है । गौदान का महत्व विभिन्न कारणों से होता है और इसे सामाजिक, आर्थिक और अध्यात्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण माना गया है । गौसेवा या गौदान से व्यक्ति को अक्षय फल की प्राप्ति होती है । गौदान किसी ब्राह्मण को या विशेषकर गौशाला और गौसेवा संस्थानों में किया जा सकता है जहां गायों का निर्माण, पालन पोषण और सुरक्षा कारणों से होता है । दान के लिए लिया गया संकल्प इस बात का संकेत होता है कि दान करने वाले व्यक्ति का उस दान की हुई वस्तु पर कोई अधिकार नहीं होता है ।

गौदान किसी गौशाला या किसी ब्राह्मण को दान करते समय बहुत ही सावधानी की जरूरत होती है । जब किसी गौशाला मे गौदान किया जाता है तो संकल्प करने वाले ब्राह्मण को चाहिए कि संकल्प करवाते समय वह गाय गौशाला को नहीं बल्कि भगवान को समर्पित करें । उसके बाद यदि दान करने वाला व्यक्ति दान की हुई वस्तु का भोग करता है या भोग करने की अभिलाषा रखता है तो उसका दान करना निर्थक ही नहीं बल्कि वह पाप का भागी भी बन जाता है । वेद पुराण और शास्त्रों में गौदान को सर्वश्रेष्ठ दान बताया गया है

Related Articles