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सनातन धर्म का मज़ाक़ बनाने से नहीं चूकते भाजपा नेता


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सनातन धर्म का मज़ाक़ बनाने से नहीं चूकते भाजपा नेता

सनातन धर्म का मज़ाक़ बनाने से नहीं चूकते भाजपा नेता

राजेंद्र शर्मा झेरलीवाला वरिष्ठ पत्रकार व सामाजिक चिंतक

सनातन धर्म का हृदय बहुत ही विशाल है व हर सनातनी के इष्टदेव भी सभी देवता हैं । लेकिन भाजपा के सनातनियों का इष्टदेव आजकल के परिवेश में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी बने हुए हैं । कभी जगन्नाथ भगवान उनके अनुयायी तो कभी खुद को जन्म न लेकर अवतार बताते है । जिस तरह भगवान शिव स्वयं भू है उसी श्रेणी में नरेंद्र मोदी भी नजर आने लगे हैं । लेकिन सांसद रविकिशन का बयान तो सनातन धर्म की मजाक की पराकाष्ठा ही कहा जाएगा जैसा कि उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की साधना से भीषण गर्मी से लोगों को राहत मिली है । उपरोक्त बयान न केवल हास्यास्पद है बल्कि सनातन धर्म पर कुठाराघात भी है ।

सनातन धर्म में ध्यान दिखावे की चीज न होकर एकांतवास में ही होना चाहिए । यह देश‌ महान संतो की तपोभूमि है जो हिमालय व पहाड़ों की कंदराओं में अपनी ध्यान साधना करते हैं न कि दिखावा करते हैं । इसी तरह भजनों में भी भजन गायक इस तरह का वातावरण पैदा करते हैं जैसे वे उस ईश्वर के एजेंट है जिसका रात्रि जागरण आयोजित किया गया है और उन्हीं की अनुशंसा पर ही ईश्वर प्रसन्न व खुश होंगे यदि उनके कहे अनुसार श्रोता नहीं करेंगे तो उनके भाग्य का सितारा नहीं चमकेगा ।

ध्यान, योग व साधना सनातन धर्म की रीढ़ रही है । लेकिन इसको लेकर राजनीतिक बयानबाजी किसी दृष्टि से सही नहीं ठहराया जा सकता है । मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम हर सनातनी के आराध्य देव हैं और विष्णु भगवान के अवतार होने के साथ ही मानव देह में आकर इस पृथ्वी को असुरो से मुक्त किया था । उनके भव्य मंदिर का निर्माण से हिन्दुत्व की भावना जागृत होना स्वाभाविक ही है । क्योंकि हर हिन्दू की भावना व श्रध्दा भगवान राम में है और वह भगवान राम के भव्य मंदिर का अभिलाषी भी था । इसके लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी व भाजपा सरकार अभिनंदन के पात्र हैं कि उनके कार्यालय में भव्य मंदिर के निर्माण के साथ ही भगवान श्री राम की प्राण प्रतिष्ठा हुई । लेकिन यह कहना कि जो राम को लाएं हैं हम उनको लाएगे न्यायोचित नहीं क्योंकि भगवान श्री राम को लाने वाला एक साधारण मानव कैसे हो सकता है ? अतः पाखंड का सहारा लेकर सनातन धर्म को बौना साबित करने की पृवत्ति का त्याग करना होगा व राजनीति की चौसर पर हिन्दुत्व की बलि न दे । क्योंकि सनातन बहुत ही प्राचीन धर्म है इसका किसी को उद्गम समय का भी पता नहीं है । सनातन धर्म पर अनेक संकट आए मुस्लिम आक्रांताओं ने इसको नष्ट करने में अपनी पूरी ताकत लगा दी । जब मुस्लिम व अंग्रेजों के राज में ही सनातन धर्म संकट में नहीं था तो अब संकट में होने का नाटक कर राजनीतिक लाभ नहीं लेना चाहिए ।

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