ट्रैफिक जाम से मुक्ति:जनता के लिए शहर को ‘ईज ऑफ लिविंग’ बनाने को ट्रैफिक सिस्टम, ऑनलाइन सेवा और सफाई पर काम करेंगे विभाग
ट्रैफिक जाम से मुक्ति:जनता के लिए शहर को ‘ईज ऑफ लिविंग’ बनाने को ट्रैफिक सिस्टम, ऑनलाइन सेवा और सफाई पर काम करेंगे विभाग

जयपुर : प्रदेश के शहरों में आमजन के जीवन को आरामदायक, सुविधा जनक व स्ट्रेस फ्री बनाने के लिए सरकार ‘ईज ऑफ लिविंग’ प्लान पर काम करेगी। जयपुर शहर को जनता के लिए ‘ईज ऑफ लिविंग’ बनाने के लिए जेडीए, ट्रैफिक पुलिस, निगम, यूडीएच, जिला प्रशासन ट्रैफिक सिस्टम, ऑनलाइन सेवाओं के उपयोग व हरा-भरा व साफ-सुथरा शहर बनाने के लिए काम करेगी।
इसके लिए इन सेवाओं के सिस्टम को मजबूत व बेहतर किया जाएगा, ताकि आम जनता का इन पर विश्वास बढ़े और जन भागीदारी हो। इन प्रोजेक्ट्स पर जेडीए, ट्रैफिक पुलिस व निगम आपसी समन्वय से काम करेेंगे ताकि शहर में ट्रैफिक, सफाई, रोड लाइट और शहरी कार्य व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए प्रोजेक्ट्स को समय अवधि में पूरा किया जा सके।
मुख्य सचिव सुधांश पंत ने शहरवासियों को ‘ईज ऑफ लिविंग’ की वृद्धि सहित अन्य मसले को लेकर रविवार को प्रमुख सचिव टी. रविकांत, पुलिस कमिश्नर बीजू जॉर्ज जोसेफ, जेडीए आयुक्त मंजू राजपाल, हाउसिंग बोर्ड आयुक्त इंद्रजीत, जयपुर जिला कलेक्टर प्रकाश राजपुरोहित, नगर निगम ग्रेटर आयुक्त रुक्मणी रियार, नगर निगम हैरिटेज आयुक्त अभिषेक सुराणा, जेडीए सचिव हेमपुष्पा शर्मा और अतिरिक्त आयुक्त पुलिस (ट्रैफिक) प्रीती चंद्रा के साथ विचार-विमर्श किया।
मुख्य सचिव सुधांश पंत ने कहा कि जयपुर शहर अपने अद्भुत नगर नियोजन, ऐतिहासिक स्मारकों आदि विशिष्टताओं के कारण देश-विदेश के पर्यटकों के आकर्षण का प्रमुख केंद्र है। इसे स्वच्छ, सुंदर और यहां नागरिकों की ‘ईज ऑफ लिविंग’ को बेहतर बनाए रखने के लिए हमारा सामूहिक प्रयास होना चाहिए। जयपुरवासियों को बेहतर नागरिक सुविधाएं देने के लिए अधिकारी काम करें।
बैठक में यह हुए फैसले
- यातायात पुलिस प्रमुख मार्गों पर व्यस्ततम समय में ट्रैफिक सिस्टम पर विशेष ध्यान दें।
- ई-चालान प्रक्रिया को प्रभावी बनाएं, परिवहन व आईटी विभाग के साथ समन्वय कर कैमरा लगाए जाने वाले स्थानों का चिन्हीकरण करें।
- ट्रैफिक कंट्रोल बोर्ड की मासिक बैठक का आयोजन हो।
- सार्वजनिक मार्गों जैसे मैरिज गार्डन, रेस्टोरेंट्स व अन्य प्रतिष्ठानों पर अनाधिकृत पार्किंग पर रोकथाम लगे। नो पार्किंग में चालान हो।
- मैकेनाइज्ड पार्किंग को बढ़ावा दिया जाए।
- अतिक्रमण व अवैध निर्माण हटाएं ताकि जनता में नियमों की पालना की प्रवृति बढ़े।
- ई-फाइलिंग निस्तारण समय में सुधार करें।
- सघन पौधारोपण का एक्शन प्लान बनाएं।
- शहर का ड्रेनेज सिस्टम दुरुस्त किया जाए।
- बारिश के पानी के संचयन के लिए वाटर हार्वेस्टिंग स्ट्रक्चर की सफाई करें साथ ही ट्रीटेड वाटर का रीयूज हो।
- आइटी का उपयोग कर नागरिकों को सरकारी सेवाओं को ऑनलाइन दिया जाए। ताकि कार्य बिना कार्यालय जाए ही हो जाए।
- नगरीय विकास विभाग विचार करे कि जनता को घर बैठे क्या-क्या सेवाएं दी जा सकती हैं जिससे नागरिकों की ईज ऑफ लिविंग बढ़ सके।