[pj-news-ticker post_cat="breaking-news"]

लू को देखते हुए रेपिड रिस्पॉन्स टीमों का गठन:चिकित्सा विभाग अलर्ट, अस्पताल में मरीजों के लिए अलग से बैड रिजर्व


निष्पक्ष निर्भीक निरंतर
  • Download App from
  • google-playstore
  • apple-playstore
  • jm-qr-code
X
चूरूटॉप न्यूज़राजस्थानराज्य

लू को देखते हुए रेपिड रिस्पॉन्स टीमों का गठन:चिकित्सा विभाग अलर्ट, अस्पताल में मरीजों के लिए अलग से बैड रिजर्व

लू को देखते हुए रेपिड रिस्पॉन्स टीमों का गठन:चिकित्सा विभाग अलर्ट, अस्पताल में मरीजों के लिए अलग से बैड रिजर्व

चूरू : जिले में गर्मी और बढ़ते तापमान के साथ लू से बचाव के लिए चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग अलर्ट हो गया है। जिले में लू तापघात से बचाव के लिए सभी गवर्नमेंट अस्पताल में रेपिड रिस्पॉन्स टीमों का गठन किया गया है। एम्बुलेंस सेवा में लू तापघात से बचाव की दवा रखने के निर्देश दिए हैं। अस्पताल में लू और तापघात की चपेट में आने वाले मरीजों के लिए अलग से बैड रखने और वार्ड में पंखा, कूलर की व्यवस्था के निर्देश दिए गए हैं।

सीएमएचओ डॉ. मनोज शर्मा ने बताया कि मई और जून महीने में बढ़ते तापमान और गर्मी होने से आमजन के लू और तापघात की चपेट में आने की संभावन रहती है। बच्चों, बुजुर्ग और गर्भवती महिलाओं का विशेष ख्याल रखने की जरूरत है। गर्मी के मौसम में स्वास्थ्य केंद्रों पर विशेष सावधानी बरतने की विभाग ने निर्देश दिए हैं। एसीएमएचओ डॉ. अहसान गौरी ने बताया कि आमजन जब भी बाहर निकलें, छाता व पानी आदि की व्यवस्था अनुरूप घर से निकलें। लू तापघात से बचाव व कार्य योजना को लागू करने के लिये एसीएमएचओ ऑफिस में बैठक की गई।

डॉ. गौरी ने बताया कि जिले में लू तापघात से बचाव के लिये सभी गवर्नमेंट अस्पताल में रेपिड रिस्पॉन्स टीमों का गठन किया गया है। एम्बुलेंस सेवा में लू तापघात से बचाव की दवा रखने के निर्देश दिए हैं। अस्पताल में लू और तापघात की चपेट में आने वाले रोगियों के लिए अलग से बैड रखने और वार्ड में पंखा, कूलर की व्यवस्था के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने बताया कि संस्थान में रोगियों के लिए शुद्ध पेयजल की व्यवस्था, संस्थान में रोगी के उपचार के लिए आपातकालीन किट में ओआरएस, ड्रिपसेट सहित अनेक दवाइयों की सुनिश्चित करने के निर्देश दिये गए हैं।

उन्होंने बताया कि शरीर में लवण व पानी अपर्याप्त होने पर विषम गर्म वातावरण में तापघात से सिर का भारीपन व अत्यधिक सिरदर्द होने लगता है। इसके अलावा अधिक प्यास लगना, शरीर में भारीपन के साथ थकावट, जी मिचलाना, सिर चकराना व शरीर का तापमान बढ़ना, पसीना आना बंद होना, मुंह का लाल हो जाना, त्वचा का सूखा होना और बेहोशी जैसी स्थिति का होना आदि लक्षण आने लगते हैं। ऐसे में रोगी को तुरंत छायादार जगह पर कपड़े ढीले कर लेटा दिया जाना चाहिए। रोगी को होश मे आने की दशा में उसे ठण्डा पेय पदार्थ, जीवन रक्षक घोल, कच्चा आम का पन्ना दें। उन्होंने बताया कि जहां तक सम्भव हो धूप में न निकलें।

गर्मी को देखते हुए एसडीएम बिजेन्द्र सिंह ने चूरू की गौशालाओं का निरीक्षण किया।
गर्मी को देखते हुए एसडीएम बिजेन्द्र सिंह ने चूरू की गौशालाओं का निरीक्षण किया।

एसडीएम बिजेंद्र सिंह ने किया गौशालाओं का निरीक्षण
गर्मी की प्रचण्डता को ध्यान में रखते हुए बुधवार दोपहर एसडीएम बिजेन्द्र सिंह ने चूरू की गौशालाओं का निरीक्षण किया। उन्होंने गौशाला संचालकों से गर्मी के मौसम को ध्यान में रखते हुए गौशाला में गायों के लिए समुचित व्यवस्था बनाये रखने की बात कही। निरीक्षण के दौरान गौशाला की व्यवस्थाएं संतोषजनक मिली।

एसडीएम बिजेंद्र सिंह ने बुधवार को पिंजरापोल सोसायटी और तारानगर रोड स्थित नंदिनी गौपुत्र गौसेवा समिति संचालित गौशालाओं का निरीक्षण किया। जहां उन्होंने गौशाला संचालकों को आवश्यक निर्देश दिए। एसडीएम बिजेंद्र सिंह ने बताया कि गौशालाओं की व्यवस्थाएं संतोषजनक पाई गई। उन्होंने गौशाला प्रबंधकों से कहा कि गर्मी को देखते हुए पशुओं की समुचित व्यवस्थाएं और देखभाल जरूरी है। सभी व्यवस्थाएं और रखरखाव इस प्रकार से होना चाहिए कि पशुओं को इस भीषण गर्मी से राहत मिले।

उन्होंने पशुओं को गर्मी से बचाने के उपाय बताए और आवश्यक प्रबंध करने के निर्देश दिए। इसके साथ ही उन्होंने पर्यावरण संतुलन के लिए अधिक से अधिक पौधारोपण के लिए प्रेरित किया। निरीक्षण के दौरान डॉ. सुनील मेहरा, डॉ. इदरीश खान, निजी सहायक सुरेश कुमार, संबंधित पशुधन सहायक जितेंद्र यादव, मंजीत कुमार, सुनिल कुमार व सुरेंद्र कुमार आदि मौजूद थे।

Related Articles