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संतकवि सुन्दरदास महाराज का 428वाँ प्रकाशोत्सव पर्व मनाया


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संतकवि सुन्दरदास महाराज का 428वाँ प्रकाशोत्सव पर्व मनाया

संतकवि सुन्दरदास महाराज का 428वाँ प्रकाशोत्सव पर्व मनाया

जनमानस शेखावाटी संवाददाता : चंद्रकांत बंका

बगड़ : मुख्य बाजार स्थित श्रीदादू द्वारा में रामनवमीं पर संतकवि सुंदरदास महाराज का 428 वाँ प्रकाशोत्सव पर्व महामण्डलेश्वर डॉ• स्वामी अर्जुनदास महाराज के सानिध्य में मनाया गया।

स्वामी अर्जुनदास महाराज ने अपने उद्बोधन में बताया कि आप राजस्थान के निर्गुणधारा के महान संत दादू दयाल महाराज के बाल्यवस्था में ही शिष्य बन गये थे । इनका जन्म दौसा में हुआ। इन्होंने अस्सी घाट काशी में वेदांत, साहित्य और व्याकरण आदि विषयों का 18 वर्षों तक गंभीर अनुशीलन परिशीलन करते हुये अध्ययन किया ।

तदनंतर फतेहपुर (शेखावटी) इनकी साधना स्थली रही। आप शेखावाटी के महान संतो में से एक हुए,जिन्हें राष्ट्र कवि का दर्जा मिला,इन पर भारत सरकार ने डाक टिकट भी जारी किया। इनके लिखे भजन बहुत लोकप्रिय है ।

फतेहपुर शेखावाटी में ही संत सुंदरदास ने छोटी-बड़ी सभी कृतियों को मिलाकर कुल 42 रचनाएं लिखी। जिनमें प्रमुख हैं ज्ञान समुद्र, सुंदर विलास, सर्वांगयोग प्रदीपिका,पंचेंद्रिय चरित्र, सुख समाधि,अद्भुत उपदेश, स्वप्न प्रबोध, वेद विचार, उक्त अनूप, ज्ञान झूलना, पंच प्रभाव आदि ग्रंथों की रचना की। ये योग और अद्वैत वेदांत के पूर्ण समर्थक थे।

श्रीदादू द्वारा सर्वाधिकारी शिष्य रोहित स्वामी ने बताया कि नवरात्र में धार्मिक अनुष्ठान सहित गुरुग्रंथ श्रीदादू वाणी के 11 पाठ व राम नाम मानसिक जप यज्ञ किया गया । प्रकाशोत्सव पर कीर्तन, आरती उतारकर कर भक्तो में प्रसाद का वितरण किया गया। इस अवसर पर आशीष स्वामी, जितेंद्र सिंह शेखावत, विकास कुमावत, सांवरमल लाटा, सतीश माहेश्वरी, सुभाष राठौड़, पृथ्वी पारीक, बालकृष्ण हलवाई, रमाशंकर दाधीच आदि श्रद्धालुजन उपस्थित रहे

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