[pj-news-ticker post_cat="breaking-news"]

जाट समाज ने मृत्युभोज पर लगाया रोक:सार्वजनिक विकास में खर्च करेगा; जाट विकास संस्थान के अध्यक्ष के मृत्यु बैठक में लिया फैसला


निष्पक्ष निर्भीक निरंतर
  • Download App from
  • google-playstore
  • apple-playstore
  • jm-qr-code
X
चूरूटॉप न्यूज़राजस्थानराज्य

जाट समाज ने मृत्युभोज पर लगाया रोक:सार्वजनिक विकास में खर्च करेगा; जाट विकास संस्थान के अध्यक्ष के मृत्यु बैठक में लिया फैसला

जाट समाज ने मृत्युभोज पर लगाया रोक:सार्वजनिक विकास में खर्च करेगा; जाट विकास संस्थान के अध्यक्ष के मृत्यु बैठक में लिया फैसला

सरदार शहर : सरदार शहर में जाट समाज ने मृत्यू भोज पर फिजूल खर्च करना बंद करने का निर्णय लिया है। समाज ने फैसला किया है कि अब से मृत्यू भोज पर किए जाने वाले रुपए को समाज कल्याण और सार्वजनिक व्यवस्थाओं में खर्च करेंगे। समाज ने ये फैसला सरदारशहर जाट विकास संस्थान के अध्यक्ष और पंचायत समिति सदस्य (पटवारी) सोहनलाल जाखड़ भादासर उतराधा की मृत्यु बैठक के दौरान किया। सोहनलाल जाखड़ का निधन 5 अप्रैल हो गया था।

शुक्रवार को सोहनलाल जाखड़ के घर में हुई बैठक में जाखड़ परिवार ने मृत्यु भोज जैसे कुप्रभाव पर लगने वाले खर्चों को बंद करने का निर्णय लेते हुए सार्वजनिक जगह पर पैसे खर्च करने का कदम उठाया। जाखड़ परिवार की प्रेरणा से जाट संस्थान अध्यक्ष सोहनलाल जाखड़ के पुत्र महावीर जाखड़ और राजकुमार ने पिता की मन की इच्छा पूर्ति करने के लिए गांव के राजकीय स्कूल में एक बड़ा कक्षा-कक्ष निर्माण व राजकीय अस्पताल का मुख्य द्वार का निर्माण, गौशाला में एक लाख रूपए नगद, तथा जाट विकास सस्थान में दो एसी एक साइनिंग बोर्ड आदि पुण्य काम में जाखड़ परिवार करीबन 11 लाख रुपए खर्च करेगा।

जाट समाज के अध्यक्ष फिजूल खर्च के खिलाफ थे जाखड़
जाट विकास संस्थान से जुड़े हुए प्रभु दयाल सिहाग ने बताया कि संस्थान के अध्यक्ष सोहनलाल जाखड़ हमेशा से ही फिजूल खर्ची के खिलाफ थे। इसलिए उनकी सोच के अनुसार उनके परिवार और पुत्रों ने यह निर्णय लिया है। उन्होंने राजस्व विभाग में पटवारी पद रहते हुए क्षेत्र के किसानों से अच्छा खासा जुड़ाव था। क्षेत्र के किसानों को खरीफ की फसलों से रबी की फसलो की बुआई करवाने में जाखड़ का बड़ा योगदान था। उन्होंने क्षेत्र में काफी बढावा देने का काम किया था।

बैठक में मृत्युभोज को बंद करवाने में काशीराम जाखड़, भगवानाराम, भंवरलाल, रामलाल, मेगाराम, सहीराम, परमेश्वरलाल, सुभाष, गोपालाराम, रेवतराम, ओमप्रकाश, नौरंगलाल, मुलाराम, मालूराम, सोहनलाल, सुगनाराम, अर्जुन पांचाली, मनीराम, गणेशाराम, बाबूलाल सहित बड़ी संख्या में लोग उपस्थित रहे।

Related Articles