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पिता की जान बचाने लेपर्ड से भिड़ गया बेटा:कान पकड़ कर खींचे, ताबड़तोड़ घूंसे मारे; लेपर्ड गुर्राया तो डंडा लेकर ललकारा


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पिता की जान बचाने लेपर्ड से भिड़ गया बेटा:कान पकड़ कर खींचे, ताबड़तोड़ घूंसे मारे; लेपर्ड गुर्राया तो डंडा लेकर ललकारा

पिता की जान बचाने लेपर्ड से भिड़ गया बेटा:कान पकड़ कर खींचे, ताबड़तोड़ घूंसे मारे; लेपर्ड गुर्राया तो डंडा लेकर ललकारा

उदयपुर : खेत में काम करने जा रहे पिता-पुत्र का लेपर्ड से सामना हो गया। लेपर्ड ने पिता पर अटैक कर दिया। ये देख बेटा लेपर्ड पर कूद पड़ा। पीछे से उसके कान पकड़ लिए और घूंसों की बारिश कर दी। लेपर्ड सकपका गया और दोनों को छोड़ भागा। कुछ सेकेंडों बाद फिर लौटकर आने लगा तो बेटे ने शोर मचाकर डंडे से उसे भगाया और अपने पिता को संभाला।

मामला उदयपुर के फलासिया थाना क्षेत्र के उमरिया गांव में मंगलवार सुबह 6 बजे का है। घायल पिता को फलासिया सरकारी हॉस्पिटल भर्ती कराया। जहां प्राथमिक उपचार के बाद उन्हें उदयपुर रेफर कर दिया है। वहीं बेटे को भी अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है।

लेपर्ड को ट्रेंकुलाइज कर बायोलॉजिकल पार्क भेज दिया गया है।
लेपर्ड को ट्रेंकुलाइज कर बायोलॉजिकल पार्क भेज दिया गया है।

लेपर्ड पर टूट पड़ा बेटा

मादला के सरपंच कन्हैयालाल अहारी ने बताया कि सुबह करीब 6 बजे की घटना है। पिता हकरा और उनका बेटा दिनेश दोनों घर से खेत पर जाने के लिए निकले ही थे। तभी पहाड़ियों के पास लेपर्ड ने अचानक हकरा पर हमला कर दिया। लेपर्ड ने उनके कंधे को जबड़े में जकड़ते हुए जमीन पर गिरा दिया। इतने में उनका 25 वर्षीय बेटा दिनेश उन्हें बचाने के लिए लेपर्ड पर टूट पड़ा। बेटे ने लेपर्ड के पीछे से जोर से दोनों कान खींचकर बुरी तरह झंझोड़ दिया। फिर उसमें लगातार तीन से चार घूंसे मारे। इतने में लेपर्ड ने उसके पिता को छोड़ा।

तस्वीर पिता हकरा की है जिनपर लेपर्ड ने अचानक हमला कर दिया था। लेपर्ड ने सबसे पहले कंधे को जबड़े में दबोच लिया था।
तस्वीर पिता हकरा की है जिनपर लेपर्ड ने अचानक हमला कर दिया था। लेपर्ड ने सबसे पहले कंधे को जबड़े में दबोच लिया था।

फिर आया लेपर्ड तो ललकार कर डंडे से भगाया

उन्होंने बताया- फिर कुछ दूरी पर जाने के बाद लेपर्ड ने वापस घूमकर हमला करने की कोशिश की। इतने में बेटे ने डंडा उठा लिया और लेपर्ड को जोर से चिल्ला कर ललकारा। इसके बाद लेपर्ड जंगलों में भाग गया। हमले में पिता के पेट, कंधे और पीट में गहरी चोट लगी है जिसके बाद उन्हें उदयपुर के एमबी हॉस्पिटल भर्ती कराया गया है जहां उनका इलाज जारी है। जबकि बेटे के हाथ-पैर में मामूली चोट लगी है।

वन विभाग की टीम गांव में पहुंची तो ग्रामीणों की भीड़ पहाड़ी पर लेपर्ड को देखने इकठ्ठा हो गई।
वन विभाग की टीम गांव में पहुंची तो ग्रामीणों की भीड़ पहाड़ी पर लेपर्ड को देखने इकठ्ठा हो गई।

2 घंटे बाद ट्रेंकुलाइज किया

फलासिया रेंजर दिलीप कुमार गुर्जर ने बताया- इसके बाद लेपर्ड जंगल और पहाड़ियों में जाकर छिप गया था। इसके बाद उदयपुर से शूटर डीपी शर्मा और वनपाल जितेन्द्र सिंह को बुलाया गया। उन्होंने लेपर्ड को करीब 2 घंटे तक बाद शूट करके ट्रेंक्यूलाइज किया। फलासिया रेंजर दिलीप कुमार गुर्जर ने बताया कि पहले लेपर्ड चट्टानों के बीच एक गुफा में जाकर घुस गया। उसे देखने के लिए आसपास पहाड़ी पर बड़ी संख्या में ग्रामीण खड़े हुए थे।

लेपर्ड पहाड़ी के नीचे छिपकर बैठा कर करीब 2 घंटे चले ऑपरेशन के बाद उसे ट्रेंकुलाइज किया गया।
लेपर्ड पहाड़ी के नीचे छिपकर बैठा कर करीब 2 घंटे चले ऑपरेशन के बाद उसे ट्रेंकुलाइज किया गया।

लेपर्ड को बायोलॉजिकल पार्क ले जाया गया

उन्होंने बताया- उनके शोर मचाने पर लेपर्ड गुफा से बाहर निकला और फिर पहाड़ियों के बीच छिपता रहा। इस बीच शूटर ने कई बार शूट कर ट्रेंकुलाइज करने की कोशिश की लेकिन वह बच निकला। फिर एक मगरी में छिपकर बैठा हुआ था। तभी उसे ट्रेंकुलाइज किया गया। जिसके बाद वह बेहोश हो गया। बेहोशी के हालत में लेपर्ड को उदयपुर बायोलॉजिकल पार्क भेजा गया है जहां उसका इलाज होगा। उसके बाद उसे सुरक्षित जंगल में छोड़ा जाएगा। लेपर्ड नर है और करीब 8 साल उम्र है।

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