[pj-news-ticker post_cat="breaking-news"]

देश : फिर हादसे का शिकार हुई वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन, मवेशी से टकराने से आगे का हिस्सा टूटा


निष्पक्ष निर्भीक निरंतर
  • Download App from
  • google-playstore
  • apple-playstore
  • jm-qr-code
X
राज्य

देश : फिर हादसे का शिकार हुई वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन, मवेशी से टकराने से आगे का हिस्सा टूटा

वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन एक बार फिर हादसे का शिकार हो गई है। यह हादसा वलसाड के अतुल रेलवे स्टेशन के पास हुआ, जिसके कारण ट्रेन के आगे का हिस्सा एक बार फिर टूट गया। रेलवे ने बताया कि इस हादसे के बाद ट्रेन को 15 मिनट तक रोका गया था।

गांधीनगर और मुंबई सेंट्रल के बीच चलने वाली वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन एक बार फिर हादसे का शिकार हो गई है, जिससे ट्रेन की इंजन का आगे का हिस्सा एक बार फिर डैमेज हो गया है। इसके पहले 6 और 7 अक्टूबर को लगातार दो दिन वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन हादसे का शिकार हो गई थी। पहले दिन 6 अक्टूबर को भैंसों के झूंड से टकरा गई थी, जिससे इंजन के आगे का हिस्सा बुरी तरह से डैमेज हो गया था। वहीं दूसरे दिन 7 अक्टूबर को वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन गाय से टकरा गई थी, जिसके कारण ट्रेन की इंजन का नोज पैनेल डैमेज हो गया था।
अब यह तीसरा मौका है जब वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन हादसे का शिकार हो गई है। भारतीय रेलवे की ओर से बताया गया है कि ‘आज वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन वलसाड के अतुल रेलवे स्टेशन के पास मवेशियों से टकरा गई, जो मुंबई सेंट्रल से गांधीनगर की ओर जा रही थी। हादसे के बाद ट्रेन को लगभग 15 मिनट तक रोक कर रखा गया था।
नोज पैनेल के अलावा ट्रेन को नहीं हुआ कोई नुकसान
भारतीय रेलवे की ओर से बताया गया है कि इस हादसे से नोज पैनेल के अलावा ट्रेन को कोई नुकसान नहीं हुआ है। ट्रेन सुचारू रूप से चल रही है। हालांकि इस हादसे के कारण एक सांड को चोट लगी है।

इस तरह के हादसे पर रेलवे मंत्री अश्विनी वैष्णव दे चुके हैं बयान
इससे पहले जब वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन हादसे का शिकार हुई थी तो ट्रेन की मजबूती पर सवाल उठने लगे थे, जिसके बारे में रेलवे मंत्री अश्विनी वैष्णव से सवाल किया गया। इन सवालों का जवाब देते हुए रेलवे मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा था कि “भारत के अधिकांश हिस्सों में ट्रैक जमीन पर है। इस कारण पशुओं के टकराने के मामले आते रहते हैं। इससे निपटने के लिए ट्रेन का डिजाइन उसी तरह से किया गया है। ट्रेन मजबूत है, उसकी डिजाईन ग्लोबल है। अगला हिस्सा ऐसा ही बनाया जाता है कि कोई टूट-फूट हो तो तुरंत उसे ठीक किया जा सके।”

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *