सरनेम भी नहीं लिख पातीं प्रतियोगी परीक्षा की टॉपर:बीकानेर को ‘बिकानेर’, स्वास्थ्य को ‘स्वास्थय’ लिखा; एक एप्लीकेशन ने खोला हिंदी लेक्चरर फर्जीवाड़े का भेद
सरनेम भी नहीं लिख पातीं प्रतियोगी परीक्षा की टॉपर:बीकानेर को 'बिकानेर', स्वास्थ्य को 'स्वास्थय' लिखा; एक एप्लीकेशन ने खोला हिंदी लेक्चरर फर्जीवाड़े का भेद

अजमेर : राजस्थान पब्लिक सर्विस कमीशन (RPSC) में फर्जी मार्कशीट लगाने वाली कमला विश्नोई अपना ‘सरनेम’ भी सही से नहीं लिख पाती हैं। 7वें नंबर पर मेरिट में आई कमला जिले का नाम और ‘स्वास्थ्य’ भी हिंदी में सही ढंग से नहीं लिख पाईं। पूरा खुलासा एक एप्लीकेशन के जरिए हुआ था। फर्जी डिग्री का मामला सामने आने के बाद एग्जाम कंट्रोलर आशुतोष गुप्ता ने आरपीएससी सचिव के नाम एक एप्लीकेशन लिखवाई थी। ये एप्लिकेशन व्यक्तिगत सुनवाई मामले में लिखवाई गई थी। इसमें कमला की हिंदी व्याकरण में गलतियां थीं।
हिंदी लेक्चरर भर्ती-2022 की मेरिट में आई कमला इस एप्लीकेशन में 15 शब्दों को ठीक ढंग से नहीं लिख पाई थीं। इसी एग्जाम में कमला के साथ ब्रह्माकुमारी भी पकड़ी गई थी।
पढ़िए क्या थी वो एप्लीकेशन
20 मार्च से फर्जी डिग्री के मामले में कमला कुमारी और ब्रह्माकुमारी SOG की गिरफ्त में हैं। दोनों से पूछताछ में कई खुलासे हुए हैं, जबकि कमला कुमारी के मामले में मीडिया कर्मी के हाथ एक एप्लीकेशन लगी है। यह एप्लीकेशन व्यक्तिगत सुनवाई के लिए लिखने को कमला को दी गई थी।
इसमें कमला ने इन सामान्य शब्दों को भी गलत लिखा।
- स्वास्थ्य को स्वास्थय
- गलत जगह ‘के’ का उपयोग
- हूं को हुँ
- परीक्षा को परिक्षा
- मूल को मुल
- शैक्षणिक को सेकसनिक
- वे की जगह वह
- उल्लेख को उलेख
- की को कि
- पात्रता को पातरता
- स्पष्ट को स्पष्ठ
- बीकानेर को बिकानेर
- प्रार्थी को प्रार्थिया
- विश्नोई को विशनोई लिखा।
इन सभी गलतियों को आरपीएससी के परीक्षा नियंत्रक (आईएएस) आशुतोष गुप्ता ने मार्क किया है।

भाइयों ने खरीदकर दी थी डिग्री
RPSC की ओर से मुकदमा दर्ज कराने के बाद स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (SOG) ने भूतेल-साचौर निवासी ब्रह्माकुमारी पुत्री बाबूलाल और वाडा भावड़ी, साचौर निवासी कमला कुमारी पुत्री भारमल बिश्नोई को गिरफ्तार किया था। दोनों से पूछताछ की गई तो बताया कि फर्जी डिग्री उनके भाइयों ने ही लाकर दी थी। इस पर उनके दो भाइयों को गिरफ्तार किया। कमला का भाई दलपत सिंह सरकारी टीचर है। वहीं ब्रह्मा का भाई सुरेश विश्नोई डॉक्टर है। चारों रिमांड पर हैं और उनसे पूछताछ की जा रही है।
SOG की पूछताछ में अब तक रिमांड पर चल रहे कैंडिडेट्स (कमला और ब्रह्माकुमारी) के आरोपी भाइयों ने एसओजी को बताया कि यह डिग्री मेवाड़ विश्वविद्यालय गंगरार, चित्तौड़गढ़ से पैसे देकर लाए थे। कितने पैसे दिए और किसे दिए, इसको लेकर एसओजी पूछताछ कर रही है। इनके इस बयान के बाद एसओजी ने यूनिवर्सिटी को भी जांच के रडार पर ले लिया है।

RPSC को दी गलत सूचना
आयोग सचिव रामनिवास मेहता ने बताया कि आयोग को दोनों ही कैंडिडेट्स पर शक था। इसके आधार पर इनसे पूछताछ की गई थी। परीक्षा के लिए 2 जून 2022 को ऑनलाइन आवेदन किया गया था। इसमें अभ्यर्थी ब्रह्मा कुमारी ने स्वयं की स्नातकोत्तर योग्यता, एमए (हिन्दी) के वर्धमान महावीर खुला विश्वविद्यालय, कोटा में अंतिम वर्ष की परीक्षा में सम्मिलित होना बताया था। इसी प्रकार अभ्यर्थी कमला कुमारी ने 12 मई 2022 को ऑनलाइन आवेदन किया था। इस दौरान उसने स्नातकोत्तर योग्यता, एम.ए (हिन्दी) के संबंध में वर्धमान महावीर खुला विश्वविद्यालय, कोटा में एडमिशन होना बताया था।
सचिव ने बताया- परीक्षा आयोजन किए जाने के बाद कुल विज्ञापित पदों की लगभग दो गुना अभ्यर्थियों की सूची 14 जून 2023 को जारी की गई। सूची में सम्मिलित अभ्यर्थियों की पात्रता जांच आयोग कार्यालय में 31 जुलाई 2023 से 14 अगस्त 2023 तक हुई। जांच में अभ्यर्थी ब्रह्मा कुमारी ने मेवाड़ यूनिवर्सिटी से वर्ष 2018 में अर्जित की गई एमए (हिन्दी) की अंक तालिकाएं जमा करवाई और डिग्री होने का शपथ पत्र दिया। इसी तरह अभ्यर्थी कमला कुमारी ने मेवाड़ यूनिवर्सिटी से वर्ष 2019 में अर्जित की गई एमए (हिन्दी) की अंक तालिकाएं जमा करवाईं और डिग्री प्राप्त होने पर जमा करवाने के संबंध में शपथ पत्र प्रस्तुत किया था।

शपथ-पत्र में ई-मित्र संचालक की बताई गलती
पूछताछ में सामने आया- दोनों ही कैंडिडेट्स ने बाद में शपथ देकर ई-मित्र संचालक की गलती बताई थी। उनका कहना था ई-मित्र संचालक ने गलती से मेवाड़ यूनिवर्सिटी की पोस्ट ग्रेजुएशन डिग्री की जगह वर्धमान महावीर खुला विश्वविद्यालय, कोटा से एमए (हिन्दी) लिख दिया। इसके बाद आयोग ने डिग्री के सत्यापन के लिए मेवाड़ यूनिवर्सिटी को तीन बार पत्र लिखे। इसी क्रम में रजिस्ट्रार ऑफिस, मेवाड़ यूनिवर्सिटी गंगरार, चित्तौडगढ़ द्वारा 22 फरवरी 2024 के माध्यम से दोनों ही अभ्यर्थियों द्वारा प्रस्तुत की गई डिग्रियों को अपने यहां से जारी नहीं होना बताया। इससे यह साबित हो गया कि दोनों ही अभ्यर्थियों ने झूठा शपथ पत्र 5 अगस्त 2023 प्रस्तुत किया।

फर्जीवाड़ा उजागर हुआ तो बीमारी का बहाना दिया
सचिव ने बताया- दोनों ही अभ्यर्थियों को इस मामले को लेकर अपना पक्ष रखने का मौका दिया गया था। उन्हें 12 मार्च 2024 को RPSC आने के लिए कहा गया था। इस पर 11 मार्च को कमला कुमारी द्वारा पेट में दर्द व बच्चेदानी में गांठ होना बताते हुए मथुरादास माथुर चिकित्सालय का मेडिकल सर्टिफिकेट संलग्न कर आने में असमर्थता जताई गई। इसी प्रकार ब्रह्मा कुमारी द्वारा जानकारी लेट प्राप्त होने के कारण उपस्थित होने के लिए 1 सप्ताह का समय मांगा गया।
20 मार्च को फर्जी पत्र लेकर आई
20 मार्च को दोनों अभ्यर्थी मेवाड़ यूनिवर्सिटी गंगरार के एक फर्जी पत्र के साथ आयोग कार्यालय में उपस्थित हुईं। इस पत्र में यह उल्लेख किया गया कि पूर्व में यूनिवर्सिटी द्वारा भेजे गए पत्र में गलती से दोनों अभ्यर्थियों की डिग्री फर्जी तथा विश्वविद्यालय द्वारा प्रदान नहीं किया जाना लिखा गया है। यह सूचना यूनिवर्सिटी द्वारा आधिकारिक तौर पर दी गई सूचना से बिल्कुल अलग थी।