एसीबी की कार्रवाई:होटल के कर्मचारियों की पीएफ इंस्पेक्शन रिपोर्ट बनाने को 1 लाख 5 हजार रुपए घूस ली, प्रवर्तन अधिकारी गिरफ्तार
एसीबी की कार्रवाई:होटल के कर्मचारियों की पीएफ इंस्पेक्शन रिपोर्ट बनाने को 1 लाख 5 हजार रुपए घूस ली, प्रवर्तन अधिकारी गिरफ्तार

जयपुर : कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफ) में इंस्पेक्शन रिपोर्ट बनाने के लिए 1.5 लाख रिश्वत लेने वाले प्रर्वतन अधिकारी को एसीबी ने रंगे हाथ गिरफ्तार किया है। आरोपी दीपक बड़जात्या के मानसरोवर आवास से 9 लाख रुपए मिले हैं। डीआईजी डॉ. रवि ने बताया कि 19 मार्च को पीड़ित व्यापारी ने शिकायत दी कि कुछ समय पहले सी-स्कीम में उनकी होटल चलती थी।
आरोपी दीपक बड़जात्या ने 5 साल की रिपोर्ट तैयार करने की एवज 50 हजार प्रतिवर्ष के हिसाब से 2.5 लाख मांगे थे। मंगलवार को दोपहर में रिश्वत लेने के लिए पीड़ित के सीकर रोड स्थित ऑफिस पहुंच गया। जहां पर रिश्वत लेते समय एसीबी के एडिशनल एसपी सुरेन्द्र सिंह की टीम ने आरोपी को एसीबी ने पकड़ लिया। शिकायत के बाद सत्यापन में सामने आया कि आरोपी ने पहले ही 2.5 लाख रुपए मांगकर फाइल अटका रखी थी।
50 हजार प्रतिवर्ष दोगे तो ही मिलेगी पीएफ इंस्पेक्शन रिपोर्ट

1 साल पहले बंद हो चुकी होटल के कर्मचारियों की पीएफ इंस्पेक्शन रिपोर्ट के एवज में पीएफ प्रर्वतन अधिकारी दीपक बड़जात्या ने पीड़ित से कहा-रिपोर्ट लेनी है तो 50 हजार रुपए प्रतिवर्ष के हिसाब से देने होंगे। इसके लिए पीएफ ऑफिस की तरफ से परिवादी के पास कुछ समय पहले ई-मेल भेजा था। तब उन्होंने विद्युत मार्ग स्थित भविष्य निधि संगठन के क्षेत्रीय कार्यालय में संपर्क किया।
तब उस क्षेत्र में प्रभारी प्रर्वतन अधिकारी दीपक ने 50 हजार रुपए प्रतिवर्ष के हिसाब से 2.5 लाख रुपए मांगे। परिवादी द्वारा 19 मार्च को की गई शिकायत का सत्यापन कराया तो दीपक बोला में गंगटोक घूमने आया हुआ हूं।
शनिवार को जयपुर आने के बाद दो दिन की छुट्टी आ गई और मंगलवार को रिश्वत लेने के लिए परिवादी के वीकेआई स्थित ऑफिस पहुंच गया। जहां पर डेढ़ लाख लिए और बाकी पैसे काम होने के बाद लेने की बात कही।
अब एसीबी इस इंस्पेक्शन प्रक्रिया से जुड़े अन्य अधिकारियों की भूमिका के बारे में जांच कर रही है, ताकि पता चल सके कि इस रिश्वतकांड में और कौन-कौन अधिकारी जुड़े हैं। कार्रवाई से पहले एसीबी ने पीड़ित से 60 हजार रुपए भारतीय मुद्रा के नोट और 90 हजार रुपए डमी नोट रखवाए थे।