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‘मैंने वैभव को यूथ कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष चुनाव लड़ने से रोका’:गहलोत बोले- मैं नहीं मेरा पीए भी फोन कर देता तो वैभव को वोट पड़ जाते


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‘मैंने वैभव को यूथ कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष चुनाव लड़ने से रोका’:गहलोत बोले- मैं नहीं मेरा पीए भी फोन कर देता तो वैभव को वोट पड़ जाते

'मैंने वैभव को यूथ कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष चुनाव लड़ने से रोका':गहलोत बोले- मैं नहीं मेरा पीए भी फोन कर देता तो वैभव को वोट पड़ जाते

जयपुर/जालौर : पूर्व सीएम अशोक गहलोत ने कहा है- मेरे मुख्यमंत्री रहते वैभव गहलोत यूथ कांग्रेस का चुनाव लड़ना चाहते थे। मैंने मना कर दिया। मैंने उनसे कहा कि लोग कहेंगे मुख्यमंत्री ने अपने बेटे को अध्यक्ष बनवा दिया। अब मुख्यमंत्री तो मुख्यमंत्री होता है। हर जिले में मैं ही नहीं, मेरा पीए भी फोन कर दे तो वोट पड़ जाएं। मैंने कहा-अध्यक्ष बन भी जाओगे तो लोग कहेंगे कि मुख्यमंत्री ने अपने बेटे को अध्यक्ष बना दिया। मैंने उन्हें रोका। गहलोत जालौर में वैभव ​गहलोत के समर्थन में जनसंपर्क सभा में बोल रहे थे।

गहलोत ने कहा- राहुल गांधी ने यूथ कांग्रेस के चुनाव शुरू करवा दिए, उन्होंने कहा कि यूथ कांग्रेस के अध्यक्ष और पदाधिकारी चुनाव लड़कर आएं। इन्होंने ( वैभव गहलोत ने) मुझसे पूछा कि मैं चुनाव में खड़ा होना चाहता हूं। मैंने मना किया कि मेरे मुख्यमंत्री रहते तुम यूथ कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष का चुनाव लड़ोगे तो सीएम के बेटे के नाते चुनाव जीत जाओगे। जो अच्छा नहीं लगेगा। लोग कहेंगे मुख्यमंत्री का बेटा है तो चुनाव जितवा दिया।

प्रदेशाध्यक्ष रहते सीपी जोशी ने वैभव का टोंक-सवाईमाधोपुर से नाम चलवाया था

गहलोत ने कहा- बाद में उस समय के कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष सीपी जोशी ने इनका टोंक-सवाई माधेपुर लोकसभा सीट से नाम चलवा दिया। तब मैंने रोका। इस सीट पर मनमोहन सिंह सरकार में उस समय के केंद्रीय मंत्री नमोनारायण मीणा सांसद थे। बाद में उनकी सीट बदलकर दौसा कर दी, लेकिन वो चाहते थे कि सिटिंग एमपी के तौर पर वो टोंक-सवाई माधोपुर सीट से लड़ें। मुझे उनकी बात रखनी ही पड़ी। मैंने वैभव को वहां लड़ने से मना किया।

अशोक गहलोत ने चुनाव नहीं लड़ने की बात कहकर परिवारवाद के आरोप से बचने का प्रयास किया है।
अशोक गहलोत ने चुनाव नहीं लड़ने की बात कहकर परिवारवाद के आरोप से बचने का प्रयास किया है।

वसुंधरा सरकार में आंदोलन के समय वैभव गहलोत को लाठीचार्ज में चोट लगी थी, जो अब भी परेशान करती है

गहलोत ने कहा- वैभव गहलोत के बारे में आपको बताया। जब ये आरसीए अध्यक्ष थे, आईपीएल करवाया, यह अलग बात है। मेरे खुद के चुनाव में बचपन से इन्हें कैंपेन करने का शौक था। मैं 1980 से चुनाव लड़ रहा हूं। 80 में ये छह महीने के थे। बाद में ये हर चुनाव में आने लग गए। यूथ कांग्रेस में जब ये काम कर रहे थे, नीरज डांगी प्रदेशाध्यक्ष थे। उस वक्त आंदोलन किया। वसुंधरा राजे की सरकार थी। पुलिस ने लाठीचार्ज किया। इनके कमर में चोट लगी। जो आज भी इनको तकलीफ देती है।

वैभव गहलोत को अब जालोर-सिरोही के सुपुर्द कर रहा हूं

गहलोत ने कहा- मैं अब वैभव गहलोत को आपके सुपुर्द कर रहा हूं। जालोर-सिरोही के लोगों को समर्पित कर रहा हूं। मैंने राजस्थान के प्रथम सेवक के रूप में काम किया। तीन बार केंद्रीय मंत्री रह गया। तीन बार पीसीसी चीफ बन गया। तीन बार राष्ट्रीय महांमत्री, तीन बार मुख्यमंत्री बन गया। कितने लोग हैं राजनीति में जो तीन-तीन बार सीएम बन जाए। मुझे जिंदगी में बहुत अवसर मिले। मैंने सेवा का संकल्प लिया हुआ है। गरीब की सेवा करनी है। वह चाहे किसी जाति वर्ग का हो। गरीब की कोई जाति नहीं होती, उसका भला करना हमारा फर्ज है।

गहलोत के बयान के सियासी मायने

बता दें कि अशोक गहलोत के बेटे वैभव गहलोत जालोर-सिरोही सीट से कांग्रेस उम्मीदवार हैं। पिछली बार उन्होंने जोधपुर से गजेंद्र सिंह शेखावत के सामने चुनाव लड़ा, लेकिन हार गए थे। अशोक गहलोत ने सीएम रहते वैभव गहलोत को यूथ कांग्रेस का चुनाव नहीं लड़ने देने, टोंक-सवाईमाधोपुर से सासंद का चुनाव नहीं लड़ने की बात कहकर परिवारवाद के आरोप से बचने का प्रयास किया है। गहलोत ने यह साबित करने का प्रयास किया है कि मुख्यमंत्री रहते हुए बेटे को आगे नहीं बढ़ाया। हालांकि गहलोत के सीएम रहते हुए वैभव गहलोत आरसीए अध्यक्ष बने।

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