जयपुर में प्रैक्टिकल ले रहा था पेपरलीक का आरोपी:गिरफ्तारी वारंट के बाद भी नौकरी करता रहा; एसओजी को भनक नहीं, अब फरार
जयपुर में प्रैक्टिकल ले रहा था पेपरलीक का आरोपी:गिरफ्तारी वारंट के बाद भी नौकरी करता रहा; एसओजी को भनक नहीं, अब फरार

जयपुर : जूनियर इंजीनियर (JEN) भर्ती पेपर लीक में हैरान कर देने वाला खुलासा हुआ है। पेपर लीक के जिस आरोपी को स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (SOG) की टीम डेढ़ महीने से ढूंढ़ रही थी, गिरफ्तारी वारंट जारी किया, वो जयपुर के ही सरकारी स्कूल में मजे से नौकरी कर रहा था।
एसओजी ने 31 जनवरी को आरोपी लेक्चरर सतवीर चौधरी के साथ 6 जनों के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी करवाया था। गिरफ्तारी वारंट जारी होने के बाद भी आरोपी टीचर स्कूल आकर ड्यूटी करता रहा। इस दौरान सतवीर चौधरी ने बेटा होने पर 15 की लीव भी ली थी। जब उसे भनक लगी कि एसओजी उसकी तलाश कर रही है तो वह फरार हो गया।
पढ़िए पूरी रिपोर्ट…

एसओजी ने 31 जनवरी को जारी किया वारंट
जेईएन पेपर लीक 2020 के मामले में सांगानेर में मुकदमा दर्ज हुआ था। कई आरोपियों को एसओजी को गिरफ्तार भी किया था। एसओजी ने हिसार के जफर खान, गोविंदगढ़ के कमलेश मीणा, श्रीमाधोपुर के सतवीर चौधरी, चितलवाना के गणपत बिश्नोई, सांचौर के सुरेश ढाका व दौसा के हर्षवर्धन मीणा के खिलाफ वारंट जारी हुए थे। एसओजी ने हर्षवर्धन मीणा को तो गिरफ्तार कर लिया था, लेकिन अन्य पांच आरोपी गिरफ्त से दूर हैं। सुरेश ढाका तो फर्जी पासपोर्ट पर दुबई भाग चुका है।
जयपुर के इटावा में पोस्टेड है सतवीर चौधरी
एसओजी ने सतवीर चौधरी के खिलाफ 31 जनवरी को गिरफ्तारी वारंट जारी किया था। हालांकि, एसओजी की टीमें इससे पहले से उसकी तलाश कर रही थी। क्योंकि जेईएन भर्ती पेपर लीक 2020 में उसका नाम सामने आया था। सतवीर चौधरी श्रीमाधोपुर के भारनी गांव का रहने वाला है और वह वर्तमान में जयपुर के इटावा भोपजी के सीनियर स्कूल में पोस्टेड था। वह कृषि संकाय का लेक्चरर है। सतवीर चौधरी की 1 अक्टूबर 2021 को स्कूल में नियुक्ति हुई थी। वह पिछले कई सालों से अपने गांव भारनी भी नहीं गया है।

स्कूल में प्रैक्टिकल कराए, पेपर भी बनाए
सतवीर चौधरी ने 31 जनवरी के बाद स्कूल में ही बच्चों के प्रैक्टिकल भी कराए थे। इसके अलावा बच्चों के लिए पेपर भी सेट किए थे। 31 जनवरी के बाद लगातार स्कूल में आ रहा था। गिरफ्तारी वारंट जारी होने के बाद बोर्ड के पेपर भी सेट करवाए थे। स्कूल व बोर्ड को उसके गिरफ्तारी वारंट जारी होने के बारे में कोई जानकारी नहीं है।
23 फरवरी को हुआ बच्चा, 15 दिन की छुट्टी ली
सूत्रो से पता चला कि 23 फरवरी को सतवीर चौधरी के बेटा हुआ था। इसके बाद उसने 1 मार्च से 15 मार्च तक की पैटरनिटी लीव ली थी। 16 मार्च को वह छुट्टी पूरी होने पर स्कूल आया था। इसी दौरान उसे पता चला कि एसओजी उसे ढूंढ़ रही है। ऐसे में उसने ऑनलाइन अवकाश डाला और फरार हो गया। स्कूल की प्रिंसिपल इंदिरा धनकड़ ने बताया कि सतवीर चौधरी के गिरफ्तारी वारंट के बारे में स्कूल में कोई जानकारी नहीं है। बोर्ड के आदेश मिलने पर उससे बच्चों के प्रैक्टिकल भी कराए। प्रिंसिपल ने बताया कि सतवीर ने बच्चों के पेपर भी सेट किए थे। 23 फरवरी को वह पिता बना था। बाद में 1 मार्च से 15 मार्च तक छुट्टी पर रहा।

कमलेश मीणा एक दिन पहले ही छुट्टी लेकर हुआ फरार
जेईएन 2020 और एसआई 2021 पेपर लीक में कमलेश मीणा का भी नाम सामने आया है। कमलेश मीणा अजमेर रेलवे मंडल में काॅन्स्टेबल है। कमलेश गोविंदगढ़ में निंदोला ग्राम पंचायत के चारणवास का रहने वाला है। पेपर लीक में जैसे ही उसका नाम सामने आया तो वह छुट्टी लेकर फरार हो गया था। एसओजी ने कमलेश मीणा के खिलाफ भी 31 जनवरी को ही गिरफ्तारी वारंट जारी किया था। इसके बाद से कमलेश का कुछ पता नहीं है। एसओजी की टीम ने उसके गांव में भी दबिश दी थी। कमलेश मीणा नौकरी लगने के बाद अजमेर में रहने लग गया था।
कमलेश, सतवीर का अनिल मीणा से गहरा कनेक्शन
जेईएन 2020 और सब इंस्पेक्टर (SI) 2021 पेपर लीक में कमलेश मीणा और सतवीर चौधरी दोनों पहले से एक-दूसरे को जानते थे। कमलेश मीणा उसी स्कूल में पढ़ता था, जिसमें अभी सतवीर चौधरी टीचर लगा हुआ है। भवानी निकेतन महाविद्यालय से उसने बीए की थी। बीए पूरी होने के बाद उसने रेलवे में एग्जाम दिया था। जिसके बाद रेलवे में उसकी नौकरी लग गई थी। सूत्रों का कहना है कि कमलेश ने ही सतवीर चौधरी को पेपर दिया था। एसओजी की टीम अनिल मीणा को प्रोडक्शन वारंट पर गिरफ्तार करके लाई है। अनिल से पूछताछ के बाद ही कमलेश और सतवीर के बारे में और खुलासे हो सकेंगे।

अजमेर में शराब के ठेके पर अनिल से हुई पहचान
कमलेश मीणा और अनिल मीणा की पहचान अजमेर में हुई थी। कमलेश मीणा की एक शराब की दुकान में भी पार्टनरशिप है। कमलेश मीणा की पहली मुलाकात अनिल मीणा उर्फ शेर सिंह से अजमेर में अशोक सिंह के साथ हुई थी। तब से तीनों के बीच में मुलाकात होती रही। अनिल मीणा के साथ ही कमलेश भी पेपर लीक गिरोह से जुड़ गया था। कमलेश मीणा ने 25 लाख रुपए में अनिल मीणा से पेपर खरीदा था। पेपर लेने के बाद कमलेश ने अपने संपर्क में आए युवकों को 5 से 10 लाख रुपए में पेपर बेच दिया था। कमलेश ने एसआई व जेईएन पेपर खरीद कर काफी रुपए कमाए। कमलेश नौकरी के कारण गांव को छोड़ कर अजमेर में ही शिफ्ट हो गया था। बताया जा रहा है कि अजमेर में उसने मकान भी बनाया था।
अनिल मीणा ने बाबूलाल कटारा के घर से लिया था पेपर
अनिल मीणा को एक साल पहले पश्चिम बंगाल से गिरफ्तार किया था। वह निर्माणाधीन अपार्टमेंट में मजदूर बनकर रह रहा था। अनिल कालाड़ेरा में डोला का बास का रहने वाला है। अनिल 2005 में ग्रेड थर्ड में टीचर लगा था। अनिल की पोस्टिंग सिरोही में थी। पहले से ही नकल गिरोह से जुड़ा हुआ था। अनिल लोगों को रेलवे में भी नौकरी लगवाने का काम करता था। सीनियर टीचर भर्ती में अनिल का नाम सामने आया था। जिसमें भूपेंद्र सारण और सुरेश ढाका भी आरोपी है। अनिल मीणा ने आरपीएससी मेंबर बाबूलाल कटारा से पेपर लिया था। पेपर लेकर अनिल ने भूपेंद्र सारण को पेपर दिया था। अनिल ने कमलेश और भूपेंद्र सारण के अलावा कई लोगों को पेपर दिया था। भूपेंद्र के जरिए सुरेश ढाका तक पेपर पहुंचा था। एसओजी ने अब अनिल, भूपेंद्र सारण के साथ में जगदीश बिश्नोई, अशोक नाथावत को जेल से प्रोडक्शन वारंट पर लिया है। इनसे अब जेईएन भर्ती के अलावा एसआई भर्ती पेपर में भी आमने-सामने बैठाकर पूछताछ करेगी।