लोक अदालत में एक ही दिन में 181 प्रकरणों का निस्तारण हुआ
प्रदेश में एक बार फिर शीर्ष पर रहा झुंझुनूं जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग

जनमानस शेखावाटी संवाददाता : मोहम्मद आरिफ चंदेल
झुंझुनूं : जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग में शनिवार को जिला एवं सेशन न्यायाधीश देवेन्द्र दीक्षित और उपभोक्ता आयोग के अध्यक्ष मनोज मील की बैेंच ने रिकॉर्ड 181 परिवादों का निस्तारण करते हुए लोक अदालत के अवार्ड (पंचाट) जारी किए। गौरतलब है कि शनिवार को वर्ष 2024 की प्रथम राष्ट्रीय लोक अदालत आयोजित हुई। जिसमें राजस्थान के जिला उपभोक्ता आयोगों में से झुंझुनू में सर्वाधिक प्रकरणों का निस्तारण किया गया।
लोक अदालत में 232 प्रकरण रखे गए, जिनमें से निस्तारित किए गए 181 प्रकरणों में एवीवीएनएल, बैंकिंग, नगर परिषद, जलदाय, कोचिंग, फाइनेंस और बीमा कंपनियों से संबंधित लम्बित प्रकरण और प्री लिटिगेशन के प्रार्थना पत्र शामिल रहे।
राष्ट्रीय लोक अदालत में विद्युत विभाग के विधि अधिकारी डॉ प्रज्ञ कुल्हार, कार्यवाहक अधिशासी अधिकारी महेश सैनी, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के रीजनल प्रबन्धक पंकज बुडानिया, अधिवक्ता होशियार सिंह, लाल बहादुर जैन, फुलचंद सैनी, सुरेन्द्र भाम्बू, रोहिताश्व तानेनिया, विकास एवं जिला उपभोक्ता आयोग के सहायक प्रशासनिक अधिकारी सीताराम स्वामी, चन्दन सैनी, महावीर मीणा, एजाज, आदिल फारुकी, अमित शर्मा, रामस्वरूप गुर्जर ने बड़ी संख्या में उपस्थित हुए परिवादियों के प्रकरणों का आपसी समझाइश व लोक अदालत की भावना से निस्तारण करवाने में सकारात्मक सहयोग किया।
उपभोक्ता अधिकारों को मजबूती देने वाले अवार्ड
जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग में लम्बित प्रकरण में उपभोक्ता प्रदीप कुमार का ट्रक चोरी हो गया था। जिसका बीमा क्लेम नहीं मिलने पर लोक अदालत में श्री राम जनरल इंश्योरेंस कम्पनी लिमिटेड से 25 लाख 25 हजार रुपये परिवादी को 15 दिवस में दिए जाने का अवार्ड प्रथम राष्ट्रीय लोक अदालत में आपसी राजीनामा से जारी किया गया है।
सहकारी समिति के सदस्य की दुर्घटना में मृत्यु होने पर दुर्घटना बीमा क्लेम का आदेश जिला आयोग द्वारा दिया गया था। जिसकी अपील इंश्योरेंस कम्पनी ने राज्य आयोग में की थी लेकिन जिला आयोग का आदेश ही राज्य आयोग में भी यथावत रहने पर यूनाईटेड इन्डिया इंश्योरेंस कम्पनी ने अधिवक्ता के माध्यम से जिला आयोग के आदेश की पालना में 8 लाख 75 हजार 432 रुपये का चेक लोक अदालत में प्रस्तुत कर जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग के आदेश की पालना करते हुए इजराय प्रकरण का निस्तारण करवाया गया है।