किसानो को बताये प्राकृतिक खेती के लाभ : कृषि विज्ञान केन्द्र, आबूसर झुंझुनूं

जनमानस शेखावाटी संवाददाता : मोहम्मद आरिफ चंदेल
झुंझुनूं : कृषि विज्ञान केंद्र आबूसर झुन्झनू द्वारा शनिवार दिनांक 2 मार्च को ग्राम बास नानक में प्राकृतिक खेती पर कृषक जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कृषि विज्ञान केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष डॉ दयानंद ने बताया की भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद नई दिल्ली के सौजन्य से कृषि विज्ञान केंद्र आबूसर पर प्राकृतिक खेती परियोजना चलाई जा रही है जिसके तहत यह जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया है। डॉ दयानंद ने बताया कि प्राकृतिक खेती देसी गाय आधारित कृषि है जिसमें गाय के गोबर व गोमूत्र से जमीन में लाभदायक सूक्ष्म जीवाणु की वृद्धि की जाती है जिससे जमीन का स्वास्थ्य सुधरता है। डॉ ओमप्रकाश खेड़ड़, सलाहकार, मिल्लेट विकास निदेशालय जयपुर इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि थे।
डॉ खेदड़ ने किसानो को प्राकृतिक खेती से बाजरा फसल की खेती करने की सलाह दी। डॉ खेड़ड़ ने किसानो को बाजरे की ज्यादा से ज्यादा खेती करने को प्रेरित किया। कृषि विज्ञान केंद्र के उद्यान विशेषज्ञ डॉ रशीद खान ने प्राकृतिक खेती के विभिन्न घटक जैसे बीजामृत, जीवामृत, घन जीवामृत एवं ब्रह्मास्त्र के बारे में विस्तार से बताया तथा इनको फसलों में उपयोग करने का तरीका बताया। डॉ खान ने बताया कि प्राकृतिक खेती से भूमि में पोषण चक्र का संतुलन बना रहता है जिससे फसलों में अनावश्यक उर्वरक का उपयोग नहीं करना पड़ता। कार्यक्रम में कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिकों द्वारा फसलों में ड्रोन द्वारा छिड़काव करने का भी प्रदर्शन किया गया। इस कार्यक्रम में कृषि विज्ञान केंद्र के डॉ प्रदीप कुमार, रमन मीणा, बीरबल, सुशील कुमार, घासीराम, चंदगीराम सहित लगभग 120 किसानो एवं किसान महिलाओं ने भाग लिया।