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Rajya Sabha Election 2024: राजस्थान में बीजेपी ने ओबीसी और एसटी को साधा, अब कांग्रेस के प्रत्याशी पर टिकी निगाहें


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Rajya Sabha Election 2024: राजस्थान में बीजेपी ने ओबीसी और एसटी को साधा, अब कांग्रेस के प्रत्याशी पर टिकी निगाहें

Rajya Sabha Election 2024: राजस्थान के चुन्नीलाल गरासिया बीजेपी के बड़े नेता हैं। पूर्व सीएम भैरो सिंह शोखावत की सरकार में वह राज्य मंत्री थे।

Rajasthan Rajya Sabha Election 2024 :  राजस्थान में राज्यसभा की कुल 10 सीट हैं, वर्तमान में 6 सीट पर कांग्रेस और 3 पर बीजेपी के सांसद हैं। एक सीट किरोड़ी लाल मीणा के विधानसभा चुनाव जीतकर यहां मंत्री बनने के कारण खाली चल रही है जिस पर बाद में चुनाव कराए जाएंगे। राजस्थान विधानसभा में बीजेपी ने जिस तरह से मुख्यमंत्री और उसके बाद कैबिनेट के नामों को लेकर सबको चौंकाया था, ठीक वैसे ही राज्यसभा चुनावों में भी पार्टी ने चौंका दिया है। मदन राठौड़ और चुन्नीलाल गरासिया के नाम का ऐलान करके बीजेपी ने बड़ा संकेत देने की कोशिश की है। आलाकमान यह संदेश देना चाहती है कि पार्टी  आम कार्यकर्ताओ को तरजीह देती है।

चुन्नीलाल गरासिया को पार्टी ने राज्यसभा क्यों भेजा?

दरअसल, चुन्नीलाल गरासिया बीजेपी के बड़े नेता है और जब राज्य में भेरोसिंह शेखावत मुख्यमंत्री थे तो वह उस समय राज्य मंत्री भी रह चुके हैं। वर्तमान में वह पार्टी के एसटी मोर्चा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हैं। राज्य के साथ साथ केंद्र के नेताओं के बीच में उनकी अच्छी पकड़ पैठ है और एसटी वर्ग के वोटरों को भी लुभाने का माद्दा रखते हैं। उदयपुर ग्रामीण से दो बाद चुनाव जितने के चलते बीजेपी एक मजबूत गढ़ मेवाड़-वागड़ में भी उसकी अच्छी खासी पकड़ है। लोकसभा चुनावों में वागड़ यानी आदिवासी बहुल इलाके में बनी दो नहीं आदिवासी पार्टियां बीजेपी के लिए सबसे बड़ी परेशानी का सबब बनी हुई है और इस सीटों के वोटरों को लुभाने के लिए ही चुन्नीलाल गरासिया पर पार्टी ने बाकी सभी बड़े नामों को ताक़ पर रखते हुए बड़ा दाव खेला है।

मदन राठौड़ को मिला किस चीज का इनाम?

मदन राठौड़ की बात है वे वसुंधरा राजे सरकार के साल 2013 से 2018 के बीच विधानसभा में उप मुख्य सचेतक थे। उन्होंने दो बार विधानसभा चुनाव जीता है। जानकारों के अनुसार राठौर सुमेरपुर और उसके आसपास यानी मारवाड़ इलाके में अच्छी खासी पैठ रखते हैं। ओबीसी वर्ग को यहां साधने के लिए बीजेपी ने उन पर भरोसा जताया है। साल 2018 विधानसभा चुनाव में उन्हे पार्टी ने टिकट नहीं दिया। इसके बाद पार्टी से जब 2023 में भी टिकट नहीं मिला तो उन्होंने निर्दलीय पर्चा भरा था, लेकिन पीएम मोदी के कहने पर अपना नामांकन वापस ले लिया था। इसी का इनाम उन्हें पार्टी ने राज्यसभा चुनावों में टिकट देकर किया है।

कांग्रेस पीसीसी की यह है मंशा

अब बात कांग्रेस की करें पीसीसी ने सोनिया गांधी को यहां से राज्यसभा भेजने के की मंशा जाहिर करते हुए पार्टी हाईकमान को पार्टी लिखा है। इसकी दो वजह है, एक तो यह सीट पूर्व पीएम मनमोहन सिंह के कार्यकाल खत्म होने के कारण खाली हो रही है। दूसरी 2023 के विधानसभा चुनावों के सत्ता गंवाने और इसके चलते लोकसभा चुनावों से पहले हताश पार्टी नेताओ और कार्यकर्ताओं में जोश भरने के लिए पार्टी को अपने बीच किसी बड़े नेता की मौजूदगी चाहिए। बताया जा रहा है कि अगर सोनिया गांधी यहां से राज्यसभा का चुनाव नहीं लड़ती तों पार्टी भंवर जितेन्द्र सिंह के नाम को भी आगे बढ़ा सकती है। राजस्थान में विधानसभा में कांग्रेस के 70 विधायक हैं, ऐसे में 1 सीट निकालना तय है।

राजस्थान में 200 विधयक और 3 राज्यसभा सीट

राजस्थान विधानसभा में विधायकों की संख्या  बल के लिहाज़ से बीजेपी के दोनों प्रत्याशियों की जीत तय है। 15 फरवरी को राज्यसभा सीट के लिए नामांकन पर्चे जमा कराने की आखिरी तारीख है। 16 को आवेदन पत्रों की जांच पड़ताल होगी। फिर 27 तारीख को मतदान होगा, उसी दिन परिणाम भी घोषित कर दिए जाएंगे।  राजस्थान में 200 विधयक हैं, यहां राज्यसभा की 3 सीट पर चुनाव होने हैं।

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