जेल प्रहरी ने रिवॉल्वर से अपने सिर में गोली मारी:मौके पर ही हुई मौत, पुलिस बोली- सुसाइड या दुर्घटना, जांच करेंगे
Rajasthan News: झुंझुनू जेल में तैनात हेड कांस्टेबल की गोली लगने से मौत हो गई। गोली खुद के हाथ से चली है या हादसा है या सुसाइड यह जांच का विषय है। जेल प्रशासन कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है।

झुंझुनूं : डिस्ट्रिक्ट जेल में कोत (हथियार-खाना) के मुख्य प्रभारी प्रभारी ने रविवार सुबह 10.30 बजे रिवॉल्वर से खुद के सिर में गोली मार ली। उसकी मौके पर ही मौत हो गई। यह आत्महत्या है या फिर दुर्घटना, इसकी जांच की जा रही है। मामला झुंझुनू शहर के विवेक विहार स्थित जिला जेल का है।
कोतवाली थाना एसएचओ राम मनोहर ठोलिया ने बताया- हमें सूचना मिली कि जिला जेल में मुख्य जेल प्रहरी हेड कॉन्स्टेबल कृष्ण कुमार (45) ने खुद को गोली मार ली। मौके पर पहुंचकर घटना का निरीक्षण किया। कृष्ण कुमार जेल के हथियार खाने में मृत पड़ा था। हाथ में 455 बोर पिस्टल थी। सिर में छेद था, काफी ब्लड बहा था। पिस्टल पूरी लोडेड थी, इसमें से सिर्फ 1 गोली निकली थी, जिससे कृष्ण की मौत हुई। पिस्टल में पांच राउंड भरे और एक खाली था।
झुंझुनूं जेल से बॉडी को बीडीके हॉस्पिटल लाया गया। जहां डॉक्टर ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। शव मॉर्च्युरी में रखवा दिया गया। मेडिकल बोर्ड गठित कर पोस्टमॉर्टम कराया जाएगा। किन हालात में मौत हुई और आत्महत्या का कारण क्या रहा, इसकी जांच करेंगे।

सुबह 10 बजे ड्यूटी पर पहुंचे थे
कृष्ण कुमार जेल परिसर के क्वार्टर में रहते थे। सुबह 10 बजे से शाम 6 बजे तक उनकी ड्यूटी थी। रविवार को सुबह 10 बजे वे ड्यूटी पर आए। ड्यूटी पर आने के बाद मुख्य दरवाजे पर कुछ देर काम किया। इसके बाद रजिस्टर रखने के लिए जेल में स्थित हथियार खाने में चले गए। हथियार खाने के बाहर दो सिपाही थे। सुबह 10.30 बजे के करीब हथियार खाने से गोली चलने की आवाज आई। हथियार खाने के बाहर मौजूद दोनों जवान अंदर गए तो फर्श पर कृष्ण कुमार पड़े थे, सिर में गोली लगी थी, खून बिखरा था।
डीजीपी जेल बोले- आत्महत्या का कोई कारण नहीं था
झुंझुनूं जेल डीएसपी प्रमोद सिंह ने कहा- कृष्ण कुमार जिला जेल में अक्टूबर 2021 से पोस्टेड थे। उनके पास हथियार खाने का अतिरिक्त चार्ज था। वे कोत प्रभारी थे। प्रभारी होने के कारण वे हथियार खाने में आते जाते रहते थे। हथियारखाने के पास मौजूद दो जवानों ने बताया कि कृष्ण को गोली लगी है।
डीजीपी ने कहा कि कृष्ण मानसिक तौर पर स्वस्थ थे। वे बखूबी ड्यूटी कर रहे थे। न उन्हें कोई शिकायत थी और न उनके खिलाफ किसी तरह की शिकायत थी। हो सकता है कि हादसे के कारण उनकी मौत हुई हो, यह जांच का विषय है। हां, कुछ दिन पहले वे बीमार हुए थे लेकिन यह भी सामान्य था।

उन्होंने कहा कि जेल में एक कोत (हथियारखाना) आपात हालात से निपटने के लिए होता है। सारे हथियार यहां सुरक्षित रखे होते हैं। पिस्टल, रिवॉल्वर, राइफल सब यहीं होते हैं। जेल में आरएसी वाले ही ड्यूटी करते हैं।
कृष्ण कुमार झुंझुनूं जिले की अलसीसर तहसील के जवाहरपुरा गांव के रहने वाले थे। वे 2003 बैच के कॉन्स्टेबल रहे। उनके दो बेटे हैं। बड़ा बेटा 24 साल का है। दूसरा बेटा 20 साल का है। दोनों बेटे कॉलेज की पढ़ाई कर रहे हैं। कृष्ण कुमार का परिवार का गांव जवाहरपुरा में रहता है। सूचना पर परिजन भी अस्पताल पहुंचे।
