इस भारतीय कैप्टन के सामने पाकिस्तान ने टेक दिए थे घुटने
1965 के युद्ध में कैप्टन अयूब खान ने अदम्य साहस दिखाते हुए पाकिस्तान के चार टैंक धवस्त किए। बहुत बहादुरी से युद्ध लड़ने और पाक फौज को नाको चने चबवा देने पर कैप्टन की बहादुरी के चर्चे पाकिस्तान में भी होते थे।

कैप्टन अयूब खान : आजादी के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच चार बार भिड़ंत हो चुकी है और हर बार पाकिस्तान को हार का सामना करना पड़ा है। हर बार पाकिस्तान को शिकस्त मिली है लेकिन वह माानने के लिए तैयार ही नहीं है। पाकिस्तान की ओर से आतंकियों के खिलाफ कदम न उठाए जाने के चलते सीमा पर तनाव जारी है। लगातार पाक की ओर से सीजफायर तोड़े जाने से सीमा पर युद्ध जैसे हालात बनते दिख रहे हैं। भारत-पाक के बीच हुए युद्धों की हार-जीत के पीछे कई रोचक कहानियां हैं। ये कहानी भी लगभग पांच दशक पुरानी है। उस वक्त भारत-पाक के बीच 1965 का युद्ध चल रहा था। पाक को उसके नापाक मंसूबों का करारा जवाब दिया गया। 1965 के युद्ध में भारत ने पाकिस्तान को हरा दिया। भारत-पाक के इस युद्ध के हीरो रहे थे राजस्थान के कैप्टन अयूब खान।
आइए अब जानते हैं कैप्टन अयूब खान से जुड़ी रोचक कहानी…..
पाक के चार टैंक किए थे ध्वस्त
1965 का युद्ध पाकिस्तान ने अपने जनरल अयूब के नेतृत्व में लड़ा था। इत्तेफाक से उस समय भारतीय सेना में भी एक फौजी युद्ध लड़ रहा था, जिनका नाम था कैप्टन अयूब खान। कैप्टन अयूब खान ने युद्ध में अदम्य साहस दिखाते हुए पाकिस्तान के चार टैंक धवस्त किए। बहुत बहादुरी से युद्ध लड़ने और पाकिस्तानी फौज को नाको चने चबवा देने पर कैप्टन अयूब खान की बहादुरी के चर्चे पाकिस्तान में भी होते थे।
वीर चक्र से हुए सम्मानित
पाकिस्तान की फौज अपने जनरल अयूब के नेतृत्व पर नाज करती थी। तब भारतीय फौज कहा करती थी कि पाकिस्तानी जनरल को युद्ध में घुटने टिकवा देने के लिए हमारे कैप्टन अयूब खान (इंडियन अयूब) ही काफी हैं। युद्ध के बाद कैप्टन अयूब खान इंडियन अयूब के नाम से काफी फेमस हुए थे। युद्ध की जीत में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने पर तत्कालीन राष्ट्रपति ने कैप्टन अयूब खान को वीर चक्र से सम्मानित किया। 15 सितम्बर 2016 को कैप्टन अयूब खान का हार्ट अटैक से 84 वर्ष में निधन हो गया।
राजनीति में भी रखा कदम
राजस्थान के झुंझुनूं जिले के नुआं गांव में जन्मे अयूब खान का जन्म 24 जून 1932 को हुआ। गांव के स्कूल में दसवीं तक की पढ़ाई करने के बाद 23 जून, 1950 को इंडियन आर्मी ज्वाइन की। कैप्टन अयूब ने वर्ष 1962 व 1965 में भारत-पाक के बीच हुए युद्ध लड़ा था। पाक के 4 टैंक भी ध्वस्त किए। कैप्टन अयूब खान वर्ष 1982 में रिटायर्ड हो गए। इसके बाद ये राजनीति में आ गए। झुंझुनूं से कांग्रेस की सीट पर वर्ष 1984 में लोकसभा चुनाव लड़ा और जीते। 1989 में झुंझुनूं से ही कांग्रेस की सीट से फिर चुनाव लड़ा, मगर इस बार नहीं जीत पाए। वर्ष 1991 में इन्होंने तीसरा चुनाव लड़ा। इस बार जीत नसीब हुई।