यमुना के पानी की मांग को लेकर ग्रामीणों का धरना,1994 में हुए जल समझौते के तहत पानी दिलवाने की मांग
धरने पर बैठी महिलाओं ने बताया कि इलाके में पानी की कमी के कारण खेती ,पशुपालन, रोजगार खत्म हो गया. उन्होंने कहा कि पानी के मुद्दे पर आज नहीं तो कल जिले के लोगों को एक होना पड़ेगा.

झुंझुनूं : यमुना से नहर के पानी की मांग को लेकर सिंघाना रोड के लाल चौक स्टैंड पर किसानों और ग्रामीणों का धरना जारी है. किसान सभा के बैनर तले चल रहे आंदोलन में किसानों और ग्रामीणों ने ताजेवाला हैड से 1994 के जल समझौते के मुताबिक झुंझुनूं जिले सहित शेखावाटी क्षेत्र को उसके हिस्से का नहरी पानी दिलवाने की मांग की हैं.
धरने पर बैठी महिलाओं ने बताया कि इलाके में पानी की कमी के कारण खेती ,पशुपालन, रोजगार खत्म हो गया. उन्होंने कहा कि पानी के मुद्दे पर आज नहीं तो कल जिले के लोगों को एक होना पड़ेगा. लगातार गिरते जल स्तर के कारण लोगों को पलायन करना पड़ रहा है. पानी के अभाव में खेत बंजर होने लगे हैं ऐसे में झुंझुनूं को जल्द यमुना का पानी दिलवाया जाए ताकि खेतों में दोबारा फसलें लहलहा सके. बता दें कि यमुना नहर का पानी की मांग को लेकर करीब एक महीने से झुंझुनूं जिले की गांव-ढाणियों में प्रदर्शन किए जा रहे है.
मांग को लेकर यमुना जल महासंघर्ष समिति का गठन किया गया है. आंदोलन को जन आंदोलन के रूप में खड़ा करने की पूरी तैयारी की जा रही है. महासंघर्ष समिति के सदस्य एवं एवं यमुना जल संघर्ष समिति के संयोजक यशवर्धनसिंह शेखावत ने बताया कि 12 फरवरी को पूरे जिले के लोग इकट्ठा होकर बड़ा प्रदर्शन करेंगे. इससे पहले पांच फरवरी को होने वाली ग्राम सभाओं में यमुना नहर का पानी दिलाने की मांग की जाएगी. उन्होंने बताया कि 1994 में हुए समझौते के अनुसार शेखावाटी के तीन जिलों चूरू, झुंझुनूं और नीम का थाना के इलाके को यमुना नहर का पानी मिलना है. उन्होंने कहा कि नासा की रिपोर्ट में यह साफ हो चुका है कि पूरे विश्व में यदि पानी को लेकर कहीं भयावह स्थिति है तो वो शेखावाटी में ही है इसलिए हरियाणा सरकार से राजस्थान का एमओयू करवाने में केन्द्र सरकार को आगे आना चाहिए.