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पूर्व मंत्री राजेंद्र गुढ़ा,विधायक राजेंद्र भांबू के समर्थक आमने सामने:पांच मिनट तक चली बहस, हाथापाई तक पहुंचा मामला


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पूर्व मंत्री राजेंद्र गुढ़ा,विधायक राजेंद्र भांबू के समर्थक आमने सामने:पांच मिनट तक चली बहस, हाथापाई तक पहुंचा मामला

पूर्व मंत्री राजेंद्र गुढ़ा,विधायक राजेंद्र भांबू के समर्थक आमने सामने:पांच मिनट तक चली बहस, हाथापाई तक पहुंचा मामला

झुंझुनूं : इंडाली गांव निवासी आरएसी कॉन्स्टेबल राजकुमार कांटीवाल की आत्महत्या प्रकरण को लेकर बीडीके अस्पताल में चल रहे धरने के दौरान मंगलवार को अप्रत्याशित स्थिति बन गई। मृतक के परिजनों और ग्रामीणों के धरने में पहुंचे पूर्व मंत्री राजेंद्र गुढ़ा और भाजपा विधायक राजेंद्र भांबू के समर्थक आपस में भिड़ गए।

करीब पांच मिनट तक दोनों पक्षों में बहस चली, जो धीरे-धीरे हाथापाई तक पहुंच गई। हालांकि मौके पर मौजूद लोगों ने दोनों नेताओं को अलग कर मामला शांत कराया।

विधायक की गैरमौजूदगी से शुरू हुआ विवाद

धरने में खड़े कुछ लोग इस बात से नाराज थे कि विधायक राजेंद्र भांबू मौके पर नहीं पहुंचे। उनका कहना था कि जिस मामले ने पूरे जिले को झकझोर दिया है, उसमें विधायक को आगे आना चाहिए। इसी दौरान विधायक के समर्थक कृष्ण गांवड़िया ने लोगों की नाराजगी पर प्रतिक्रिया दी और कहा—“विधायक भी आ जाएगा, लेकिन यहां 10 से 15 लोग माहौल बिगाड़ने के लिए आए हैं।”

बीडीके अस्पताल परिसर में धरने के दौरान पूर्व मंत्री राजेंद्र गुढ़ा और विधायक राजेंद्र भांभू के समर्थक आमने-सामने, बीच-बचाव कर लोगों ने शांत कराया मामला।
बीडीके अस्पताल परिसर में धरने के दौरान पूर्व मंत्री राजेंद्र गुढ़ा और विधायक राजेंद्र भांभू के समर्थक आमने-सामने, बीच-बचाव कर लोगों ने शांत कराया मामला।

गुढ़ा ने किया पलटवार

गांवड़िया की यह टिप्पणी पूर्व मंत्री राजेंद्र गुढ़ा को नागवार गुजरी। उन्होंने तुरंत जवाब देते हुए कहा—“ये लोग तो कल से धरने पर बैठे हैं, असल में काम बिगाड़ने वाले तो वे लोग हैं जो सिर्फ दो घंटे के लिए धरने पर आते हैं और राजनीति करने लगते हैं।” गुढ़ा की इस बात पर माहौल गरमा गया।

पुराने मामलों का उठा जिक्र

गुढ़ा के तेवर देखकर कृष्ण गांवड़िया ने तंज कसा—“तूने नयासर और बिरमी मामलों में न्याय दिलवा दिया होगा।” इस पर गुढ़ा भड़क गए और दोनों में तीखी बहस शुरू हो गई। स्थिति इतनी बिगड़ी कि हाथापाई तक पहुंच गई, लेकिन मौके पर मौजूद लोगों ने दोनों को अलग कर मामला बिगड़ने से बचा लिया।

भाजपा नेता राजेश दहिया का हस्तक्षेप

इस बीच भाजपा नेता राजेश दहिया भी मौके पर मौजूद थे। उन्होंने बीच-बचाव करते हुए कहा—“यहां आकर किसी को हमारे समाज की तोहीन करने की जरूरत नहीं है। हम सक्षम हैं और न्याय के लिए बैठे हैं। यहां राजनीति करने की कोई आवश्यकता नहीं है।” दहिया के इस बयान के बाद मामला धीरे-धीरे शांत हुआ।

आरएसी कॉन्स्टेबल राजकुमार कांटीवाल की आत्महत्या प्रकरण में न्याय की मांग को लेकर मोर्चरी के बाहर बैठे परिजन व ग्रामीण, गिरफ्तारी तक शव लेने से किया इनकार।
आरएसी कॉन्स्टेबल राजकुमार कांटीवाल की आत्महत्या प्रकरण में न्याय की मांग को लेकर मोर्चरी के बाहर बैठे परिजन व ग्रामीण, गिरफ्तारी तक शव लेने से किया इनकार।

इसलिए चल रहा है धरना

झुंझुनूं के इंडाली गांव निवासी आरएसी कॉन्स्टेबल राजकुमार कांटीवाल की आत्महत्या ने पूरे जिले में हलचल मचा दी है। राजकुमार ने सोमवार सुबह अपनी पत्नी कविता और बेटे चार्विक पर हमला कर दिया था। कविता गंभीर रूप से घायल हो गईं और जयपुर के एसएमएस अस्पताल में भर्ती हैं, जबकि बेटा झुंझुनूं में उपचाराधीन है। हमले के बाद राजकुमार फरार हो गया और करीब 8 बजे चिड़ावा अनाज मंडी के पास रेलवे ट्रैक पर उसका शव मिला।

आत्महत्या से पहले छोड़ा वीडियो

मरने से पहले राजकुमार ने 2 मिनट 19 सेकंड का वीडियो बनाया और उसे व्हाट्सऐप स्टेटस पर लगाया। वीडियो में उसने आत्महत्या के लिए पत्नी कविता और भिवानी निवासी विक्रम चौधरी को जिम्मेदार ठहराया। राजकुमार ने आरोप लगाया कि उसकी पत्नी के पिछले एक साल से विक्रम से संबंध थे और वह उस पर तलाक का दबाव बना रही थी। यहां तक कि उसने धमकी दी थी कि अगर उसने तलाक नहीं दिया तो शाम तक उसकी हत्या करवा दी जाएगी। राजकुमार ने यह भी कहा कि पत्नी के गर्भ में विक्रम का बच्चा पल रहा है। इन हालातों ने उसे मानसिक रूप से तोड़ दिया और वह आत्महत्या जैसा कदम उठाने पर मजबूर हुआ।

परिजनों का धरना और मांग

राजकुमार के परिजनों ने शव लेने से इनकार कर दिया है। उनका कहना है कि जब तक वीडियो में नामजद विक्रम चौधरी को गिरफ्तार नहीं किया जाता, वे शव का अंतिम संस्कार नहीं करेंगे। सोमवार से लगातार परिजन और ग्रामीण बीडीके अस्पताल के मोर्चरी के बाहर धरने पर बैठे हैं। परिजनों ने चिड़ावा थाने में लिखित शिकायत दी है, जिसमें विक्रम चौधरी पर मानसिक प्रताड़ना और आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप लगाए गए हैं।

सामाजिक संगठनों का दबाव

धरने में भीम आर्मी के जिलाध्यक्ष विकास आल्हा सहित कई संगठनों ने हिस्सा लिया और प्रशासन पर आरोप लगाया कि पुलिस आरोपी को बचाने की कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा कि “अब समाज चुप नहीं बैठेगा, जब तक आरोपी गिरफ्तार नहीं होगा तब तक आंदोलन जारी रहेगा।”

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