दोस्तों की एक ऐसी टीम जो बीमार और चोटिल गायों की करती हैं सेवा:लंपी बीमारी से गायों की दुर्दशा देखकर मन विचलित हो उठा था, तभी बेसहारा गायों के लिए खोल दिया केशव माधव गौ चिकित्सालय।
दोस्तों की एक ऐसी टीम जो बीमार और चोटिल गायों की करती हैं सेवा:लंपी बीमारी से गायों की दुर्दशा देखकर मन विचलित हो उठा था, तभी बेसहारा गायों के लिए खोल दिया केशव माधव गौ चिकित्सालय।

जनमानस शेखावाटी संवाददाता : विकास शर्मा
बुहाना : दोस्तों की एक टीम ने घायल ओर बेसहारा गायों की सेवा को अपना मिशन बनाया हैं। करिब डेढ़ साल पहले गायों में लंपी वायरस बीमारी से दम तोड़़ रही गायों की सेवा शुरु की थी। अब टीम के सदस्यों को कहीं घायल या बीमार गाय नजर आती है तो वे इसका न केवल इलाज कराते हैं, बल्कि उसे गोशाला भी पहुंचाते हैं। टीम में शामिल सभी सदस्य व्हाट्सएप व फेसबुक आदि से जुड़े हुए हैं। इन्हें कहीं घायल या बीमार गाय के बारे जानकारी मिलती है वे मौके पर पहुंचते हैं और उसका इलाज कराकर उसे गोशाला पहुंचाते हैं। मीन जांगीड़, नरेश यादव, मोहित, सिकंदर, खेमचंद, अतुल जांगिड़, सोनू यादव, बिल्लू राजपुत, विकास राजपुत अपने सहयोगी साथियों के साथ मिलकर उपचार केंद्र का संचालन कर रहे हैं। मील जांगीड़ ने बताया कि डेढ़ साल पहले उसके सामने गायों की सेवा के लिए (जगह) जमीन की समस्या आई। तब नरेश यादव ने अपने खेत से दो बीघा जमीन गायों की सेवा के लिए दान दे दी। वहां केशव माधव गौ चिकित्सालय शिवसिंहपुरा खोला गया। जिसमें बीमार, नेत्रहीन और घायल गायों की सेवा के लिए सब कुछ निःशल्क व्यवस्था है। यह चिकित्सालस पचेरी से ढाई व उपखंड मुख्यालय बुहाना से आठ किलोमीटर पर बुहाना-पचेरी रोड पर संचालित हैं। गोसेवा के इस काम में उनके साथ करीब 100 से अधिक युवा व पढ़े-लिखे लोग जुड़े हैं। ये लोग हर माह गोसेवा पर खर्च करते हैं। गांव मेंे कोई चंदा या रसीद नहीं काटी जाती हैं।
हालात देख मिली प्रेरणा
डेढ़ साल पहले गायों में आई लंपी बीमारी से गायों की दुर्दशा देखकर उनका मन विचलित हो उठा। तभी से उन्होंने बेसहारा गायों के लिए काम करने की ठान ली थी। डॉक्टरों की मदद से लंपी से प्रभावित बेसहारा गायों का इलाज कराया। दोस्तों को इस संबंध में बताया तो वह भी तैयार हो गए। देखते ही देखते दर्जनभर युवा साथीयों की टीम तैयार हो गई। उसके बाद घायलों गायों का भी उपचार शुरु कर दिया। नरेश बताते हैं कि इस समय उपचार केंद्र पर फिलहाल 30 घायल गायें हैं। जिसमें नेत्रहीन भी शामील हैं। गो संवर्धन को बढ़ावा देने के लिए उपचार केंद्र परिसर में ही कृष्ण भगवान का मंदिर का निर्माण कराया गया।
साथियों के ग्रूप से मिलती हैं आर्थिक सहायता
दोस्तों व जानकारों का एक ग्रूप बनाया उसी के माध्यम से आर्थिक सहायता मिल जाती है। केशव माधव गौ चिकित्सालय शिवसिंहपुरा में घायल गायों के लिए पट्टी से लेकर ऑपरेशन तक की व्यवस्था उनके द्वारा की जाती है। इस कार्य में कई पशु चिकित्सक भी जुड़े हुए हैं जो निरंतर अपना सहयोग उन्हें दे रहे हैं। अभी उनके इस चिकित्सालय में 30 गौवंश का इलाज जारी है। टीम के दो सदस्य गांव की गली-गली जाकर लोगों के घरों से गायों के लिए रोटी आदि एकत्र कर उपचार केंद्र में लाते हैं। इस सेवा कार्य के लिए उन्हें ग्रामीणों का भी सहयोग मिल रहा है।