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झुंझुनूं की बेटी कैप्टन संध्या ने दिल्ली परेड में किया तीनो सेनाओं की संयुक्त महिला टुकड़ी का नेतृत्व


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झुंझुनूं की बेटी कैप्टन संध्या ने दिल्ली परेड में किया तीनो सेनाओं की संयुक्त महिला टुकड़ी का नेतृत्व

75 वे गणतंत्र दिवस समारोह में पहली बार शामिल हुआ महिला त्रिसेवा बल

जनमानस शेखावाटी संवाददाता : आज़ाद अहमद खान

इस्लामपुर-झुंझुनूं : देश में रणबांकुरो के शौर्य, पराक्रम की बात जब की जाती है तो झुंझुनूं जिले का नाम उसमें सबसे ऊपर आता है। देश में सर्वाधिक शहीद और सैनिक देने वाले इस जिले ने आज एक नया कीर्तिमान और अपने नाम दिल्ली गणतंत्र दिवस परेड में कर लिया है। आज नई दिल्ली में गणतंत्र दिवस परेड में झुंझुनूं की बेटी ने एक नया कीर्तिमान स्थापित कर यह साबित कर दिया है कि झुंझुनूं की बेटियां भी शौर्य में बेटों से कम नहीं है। 75 वे गणतंत्र दिवस समारोह में पहली बार सेना के तीनों बलो आर्मी, नेवी, एयर फोर्स के संयुक्त महिला दस्ते का नेतृत्व करने का सौभाग्य झुंझुनू जिले की बेटी कैप्टन संध्या महला को मिला है।

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि झुंझुनूं जिले के इस्लामपुर कस्बे के निकटवर्ती मुरौत का बास गांव निवासी सूबेदार मेजर कुरडाराम महला की बेटी कैप्टन संध्या महला ने यह गौरव हासिल किया है। कैप्टन संध्या महला ने भारतीय सेना के इतिहास में अपना नाम स्वर्ण अक्षरों में जहां दर्ज करवा लिया है वही झुंझुनूं की धरती के नाम एक और गौरव कर दिया है। पहली बार गणतंत्र दिवस परेड में सेना के तीनों दस्तों का नेतृत्व करने का सौभाग्य झुंझुनूं की बेटी कैप्टन संध्या महला को मिला है। कैप्टन संध्या महला ने 2021 में सेना में कमीशन प्राप्त किया था और उनकी पढ़ाई आर्मी पब्लिक स्कूल जालंधर कैंट पंजाब में हुई थी। अपने स्कूली जीवन में ही वह एनसीसी कैडेट रह चुकी हैं और वहीं से उनको सेना में जाने की प्रेरणा मिली। कर्तव्य पथ पर पहली बार तीनों सेना की महिला टुकड़ी जब आन बान शान के साथ कदम से कदम मिलाती हुई चल रही थी तो इस टुकड़ी का नेतृत्व झुंझुनूं की बेटी कैप्टन संध्या ही कर रही थी।

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