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बाल विवाह ठुकराने की सजा; समाज से निकाला, कॉलेज छूटा:मां-बाप को मिल रही धमकी- बेटी को घर से उठाकर ले जाएंगे


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बाल विवाह ठुकराने की सजा; समाज से निकाला, कॉलेज छूटा:मां-बाप को मिल रही धमकी- बेटी को घर से उठाकर ले जाएंगे

बाल विवाह ठुकराने की सजा; समाज से निकाला, कॉलेज छूटा:मां-बाप को मिल रही धमकी- बेटी को घर से उठाकर ले जाएंगे

मैं पढ़ना चाहती हूं…। लेकिन, मेरे ससुराल वाले चाहते हैं कि मैं पढ़ाई छोड़कर घर संभालूं। बालिग होने से पहले मेरी शादी कर दी गई थी। बाद में पता चला कि मेरा पति आवारा और बेरोजगार है।

मैंने रिश्ता ठुकरा दिया तो परिवार को समाज से बहिष्कृत कर दिया गया। मुझे किडनैप करने और घर से उठा ले जाने की धमकी दी। इस वजह से मेरा कॉलेज भी छूट गया।

ये दर्द है 18 साल की कविता (बदला हुआ नाम) का। मामला जोधपुर जिले के बिलाड़ा थाना क्षेत्र का है। जहां 30 दिसंबर को पीड़िता और उसके परिवार को समाज से बाहर निकालने का फैसला सुनाते हुए 11 लाख रुपए का जुर्माना लगा दिया गया था।

इसके बाद से यह प​रिवार बदहाली की जिंदगी जी रहा है। शर्त रखी गई कि 11 लाख रुपए के साथ बेटी को ससुराल जाना होगा।

इस घटना के बाद जब पीड़िता से बातचीत की तो उसने बताया डर के मारे वह बाहर जाने से भी डरती है।

पढ़िए ये रिपोर्ट…

पीड़िता ने बताया कि उसका पति शराबी और आवारा है। नौकरी भी नहीं करता। इस वजह से वह अपने ससुराल नहीं जाना चाहती है।
पीड़िता ने बताया कि उसका पति शराबी और आवारा है। नौकरी भी नहीं करता। इस वजह से वह अपने ससुराल नहीं जाना चाहती है।

मैं अभी बीए-बीएड इंटीग्रेटेड कोर्स कर रही हूं। 8 अगस्त 2022 को मेरी शादी भंगेसर गांव (पाली) के रहने वाले प्रकाश नाम के युवक से हुई थी। जिस समय यह रिश्ता तय हुआ, उस दौरान मैं नाबालिग थी और मेरी मर्जी के खिलाफ शादी की गई।

इस बीच मैं चुप रही, क्योंकि मुझे आगे पढ़ाई करनी थी। जैसे ही बालिग हुई, मेरे ससुर छोगाराम और सास संतोष देवी के साथ प्रकाश मुझे ले जाने की जिद करने लगे। मैं चाहती थी कि पढ़-लिख लूं तो जिंदगी सुधर जाएगी क्योंकि परिवार में कमाने वाले केवल मेरे पिताजी ही हैं।

मेरे ससुराल वालों को पसंद नहीं आया और मुझ पर पढ़ाई छोड़कर ससुराल में आने का दबाव बनाने लगे। बार-बार मेरे मां-बाप को मुझे ससुराल भेजने का दबाव बनाया जाने लगा। आखिर मैंने परेशान होकर इस शादी के लिए मना कर दिया। मुझे पता चल गया था कि प्रकाश पढ़ा-लिखा नहीं है और वह बेरोजगार है।

माता-पिता बैठक में गए थे और फरमान सुना दिया
जब मैंने जाने से मना कर दिया तो मामला पंचों तक पहुंचा। 30 दिसंबर को गांव में किसी की मौत पर मेरे माता-पिता तीये की बैठक में गए थे। यहां समाज के पंच निंबाराम ने बिना कोई कारण सुने समाज के लोगों के बीच फरमान सुना दिया।

इस फरमान में उन्होंने परिवार को समाज से जुड़े 84 गांव से बहिष्कृत कर दिया और 11 लाख रुपए का जुर्माना लगा दिया। कहा गया कि हमसे कोई रिश्ता-नाता और बोलचाल नहीं रखेगा। इसके बाद मेरे मां-बाप को भी वहां बैठने नहीं दिया और उन्हें घर भेज दिया। इस पर मैंने 3 जनवरी को मेरे पति समेत सास-ससुर के खिलाफ मामला दर्ज करवाया। इसमें पंचों के फरमान का भी जिक्र किया था।

मामला दर्ज होने के बाद किडनैप करने की धमकी, कॉलेज छूटा
मेरा कॉलेज घर से करीब 14 किलोमीटर दूर है। गांव से पहले बिलाड़ा जाना पड़ता है और वहां से बस में कॉलेज। लेकिन, जब से मामला दर्ज करवाया है तभी से ससुराल वाले मुझे किडनैप करने की धमकी दे रहे हैं।

इसके बाद से मेरा कॉलेज भी लगभग छूट गया है। पंचायत होने के बाद तो मैं कई दिनों तक कॉलेज नहीं गई। अब एक-दो बार कॉलेज गई हूं, लेकिन घर से निकलते ही किसी अनहोनी का डर बना रहता है। ऐसे में कॉलेज जाने से डरने लगी हूं।

घटना के बाद अब समाज के ही अन्य लोगों के माध्यम से परिवार पर दबाव बनाया जा रहा है। कहा जा रहा है कि पुलिस में दर्ज मामला खत्म कर दो। आस-पड़ोस में रहने वाले लोगों के पास से फोन करवाया जा रहा है। बार-बार केस लेने का प्रेशर बना रहे हैं।

पिता बोले- बेटी को जबरदस्ती ले जाने की दे रहे धमकी
पीड़िता के पिता ने बताया कि समाज के इस फैसले के बाद से बहुत परेशान हूं। मैं अपनी बच्ची को पढ़ाना चाहता हूं, लेकिन मेरे रिश्तेदारों ने मिलकर मुझे ही समाज से बाहर करवा दिया। मुझ पर 11 लाख रुपए का जुर्माना लगाया गया है। जब​कि हमारी आर्थिक स्थिति इतनी अच्छी नहीं है। तीन बेटियां हैं, उन्हें पढ़ाना चाहता हूं। परिवार को भी पालना है। बेटी को जबरदस्ती ससुराल ले जाने की धमकी दे रहे हैं। इधर, पुलिस भी मामले में कोई कार्रवाई नहीं कर रही है।

ये पीड़िता के पिता हैं। इनका कहना है कि पुलिस अभी तक इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं कर रही है।
ये पीड़िता के पिता हैं। इनका कहना है कि पुलिस अभी तक इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं कर रही है।

लोगों ने बोलचाल तक बंद कर दी
मां ने बताया कि हमें समाज से बाहर निकाल दिया। इस फैसले के बाद हमारा घर से बाहर जाना भी मुश्किल हो गया है। सामाजिक कार्यक्रमों में हम लोगों का आना-जाना बंद हो चुका है। किसी भी कार्यक्रम में हम लोगों को शामिल नहीं किया जा रहा है। आसपास के लोगों ने बोलना तक छोड़ दिया। उन्हें लगता है कि वे बात करेंगे तो उन्हें भी सजा मिलेगी। मैं तो केवल अपनी बेटी को पढ़ाना चाहती हूं।

पति शराबी, इसलिए नहीं जाना चाहती
पीड़िता ने बताया कि मेरा परिवार सामान्य पशुपालक है। साथ ही खेती-किसानी करता है। मैं इस रिश्ते में नहीं बंधना चाहती। पीड़िता का आरोप है कि पति शराबी और आवारा है। प्रकाश का परिवार भी खेती करता है, लेकिन प्रकाश कुछ काम नहीं करता।

इधर, 11 लाख रुपए देने के लिए दबाव बनाया जा रहा है। मेरा परिवार इतने रुपए नहीं दे सकता है।

लड़की के पिता ने घर जमाई बनाकर रखा था
जांच अधिकारी एसआई महावीर प्रसाद मीणा ने बताया- मामला दर्ज कर इंवेस्टिगेशन किया जा रहा है। अब तक की जांच में यह सामने आया कि लड़की के पिता ने पूर्व में युवक को समाज के लोगों की मौजूदगी में स्टांप पर लिखा-पढ़ी कर घर जमाई बनाया था। इसके बाद डेढ़ साल तक युवक इन्हीं के घर पर रहा था। युवक मजदूरी करके हर माह 15 हजार रुपए कमाता था। उसने ये रुपए लड़की के पिता को दिए थे। बाद में लड़की ने शादी करने से मना कर दिया। इसके बाद मामला दर्ज करवाया है। वहीं, समाज से बहिष्कृत करने के मामले को लेकर भी जांच की जा रही है।

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